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आ्वशयकता ्वाले लोगों को मिल सके । इस मामले में बीस ्वषति पहले पांच नयायाधीशों की पीठ ने अपने निर्णय में सपषट कर दिया था कि एससी-एसटी ्वगति में उपवर्गीकरण नहीं किया जा सकता । लेकिन यह निर्णय पांच नयायाधीशों की पीठ द्ारा लिए जाने के कारण अबकी बार यह मामला सात नयायाधीशों की पीठ के पास ठ्वचार के लिए भेजा गया था । सात नयायाधीशों की पीठ में से छह नयायाधीशों ने बहुमत का
आरक्षण में आरक्षण दिए जयािे समबनधी यह मयामलया पंजयाब कया ्या , जहयां एससी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में से पचियास प्रतिशत सीटें वयालमीनक और मजहबी सिख वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गईं थी । पंजयाब सरकयार ने उच्च न्या्यालय के इस निर्णय को उच्चतम न्या्यालय में चिरुिौती दी थी । उच्चतम न्या्यालय के सयात न्या्याधीशों के पीठ के समक्ष नवचियार कया मरुख् मरुद्दा यही ्या कि क्या एससी , एसटी वर्ग कया उपवगथीकरण नक्या जया सकतया है , जिससे आरक्षण कया लयाभ उसी वर्ग के अन् एवं अधिक आव््कतया वयाले लोगों को मिल सके । इस मयामले में बीस वर्ष पहले पयांचि न्या्याधीशों की पीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट कर नद्या ्या कि एससी-एसटी वर्ग में उपवगथीकरण नहीं नक्या जया सकतया । लेकिन यह निर्णय पयांचि न्या्याधीशों की पीठ द्वारया लिए जयािे के कयारण अबकी बयार यह मयामलया सयात न्या्याधीशों की पीठ के पयास नवचियार के लिए भेजया ग्या ्या । सयात न्या्याधीशों की पीठ में से छह न्या्याधीशों ने बहरुमत कया निर्णय देकर आरक्षण में आरक्षण दिए जयािे कया रयास्तया सयाफ़ कर नद्या है । सयात न्या्याधीशों की पीठ में से न्या्याधीश बेलया एम . नत्वेदी ने बहरुमत से असहमति जतयािे वयालया निर्णय नद्या है ।
निर्णय देकर आरक्ण में आरक्ण दिए जाने का रासता साफ़ कर दिया है । सात नयायाधीशों की पीठ में से नयायाधीश बेला एम . त्रिवेदी ने बहुमत से असहमति जताने ्वाला निर्णय दिया है ।
उच्चतम नयायालय के मुखय नयायाधीश चंद्रचूड़ ने निर्णय में एससी-एसटी आरक्ण में अधिक आ्वशयकता ्वाले लोगों को लाभ देने के लिए राजयों को एससी-एसटी ्वगति के उपवर्गीकरण के अधिकार दिए जाने पर जोर
दिया है , जबकि नयायाधीश ग्वई ने उपवर्गीकरण की व्यवसथा से सहमति जताते हुए अपने अलग से दिए निर्णय में एससी-एसटी ्वगति में क्रीमीलेयर की पहचान कर उनहें बाहर करने की नीति बनाने की आ्वशयकता बताई है । इसी तरह अनय नयायाधीशों ने नयायाधीश चंद्रचूड़ और नयायाधीश ग्वई के निर्णय से सहमति जताते हुए अपने-अपने तर्क सामने रखे हैं ।
मुखय नयायाधीश चंद्रचूड़ ने अपने निर्णय में
कहा है कि राजय को एससी और एसटी ्वगति के उपवर्गीकरण का अधिकार है । संठ्वधान का अनुचछेद-14 ( समानता ) उन वर्गों के उपवर्गीकरण की आज्ा देता है , जो समान षसथठत में नहीं हैं । लेकिन अनुचछेद-16 ( 4 ) ( सरकारी नौकरियों में आरक्ण ) हेतु उपवर्गीकरण करने के लिए राजय की नौकरियों में अपर्यापत प्रतिनिधित्व के आंकड़े होने चाहिए , जोकि अपर्यापत प्रतिनिधित्व के संकेत देते हों । मुखय
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