जानकारी
समानता का अधिकार और अस्पृश्यता का उन्ूलन
डा. संतमोष कुमार
Hkk
रतीय संविधान की सथापना ना केवल एक राजनीतिक अपितु एक महतवपूर्ण घटिना थी, ऐतिहासिक परिपेषि के संदर्भ में भारत का इतिहास ना केवल सामाजिक नरार, मानवाधिकारों एवं उनके सामाजिक रुप से शमोवषत वगगों के लिए समानता की भी बात की गई, बषलक भारतीय उपमहाद्ीप में मानव के अधिकारों और विकास के नए रासते के लिए यह अतरंत आवशरक था कि समाज के सभी वगगों के लिए एक सामाजिक समानता हमो जिससे कि समसत नागरिकों कमो बड़े पैमाने पर विशेषाधिकार प्रापत हमो, सवतंत्र भारत का संविधान के अंतर्गत समानता एकमात्र कानून नहीं है । भारतीय कानून के अनुचछेद-14 के तहत दिए गए समानता का अधिकार या मलौवलक अधिकार में से एक है । यह कानून के समषि प्रतरेक वरष्त कमो समानता का अधिकार सुवनषशचत करता है और कानूनों की समान सुरषिा करता है । यह ना केवल भारतीय नागरिकों का अधिकार है अपितु गैर नागरिकों का भी अधिकार है । समानता का अधिकार के अंतर्गत भारत में कमोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून की नजर में सभी बराबर है ।
भारत का संविधान भारत का सववोच् विधान है, जिसे की संविधान सभा द्ारा 2 नवंबर 1949 कमो पारित किया गया एवं 26 जनवरी 1952 कमो आम नागरिकजनों के लिए प्रभावी किया गया । इसी कारणवश भारत में 26 नवंबर कमो भारतीय संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है । अधररन के दृषष्टिकमोण से 1946 में अंग्ेजों ने भारत कमो सवतंत्रता देने के लिए गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया था ।
इसके लिए अंग्ेजों ने भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए विधानसभा सथावपत करने की संभावनाओं पर भी चर्चा करने लगे, ततपशचात वरिवटिश सरकार और विभिन्न भारतीय राजरों के प्रतरेक प्रतिनिधियों से एक साथ मिलने के पशचात भारत में एक कैबिनेटि मिशन भेजा गया । भारतीय संविधान के लिए जुलाई 1946 में बैठक / चुनाव हुए । इसके ततकाल पशचात देश दमो हिससों में लगभग बटि गया- भारत और पाकिसतान । भारत की संविधान सभा का गठन
1946 में कैबिनेटि मिशन रमोजना के तहत किया गया था । इसके सथाई रूप से अधरषि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद एवं प्रारूप समिति का अधरषि डा. बी. आर. आंबेडकर कमो नियु्त किया गया । प्रारूप रिपमोटि्ट तैयार करने के लिए 13 समितियों की सथापना की गई, जिसके गठन के पशचात संविधान सभा में 389 सदसर, जिसमें प्रतरेक प्रांत से 292 प्रतिनिधि, देशी रियासत से 93 प्रतिनिधि, मुखर आयु्त षिेत्रों के 03 प्रतिनिधि तथा बलूचिसतान का एक प्रतिनिधि सषममवलत था । मुषसलम लीग की संखरा कम हमोने के कारण 299 प्रतिनिधि रह गए थे । ततपशचात जनवरी 1948 में भारतीय संविधान का पहला प्रारूप विचार विमर्श के लिए प्रसतुत किया गया था, इस पर 32 दिनों तक विचार-विमर्श हुआ । संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 कमो अपना काम संपूर्ण कर लिया और उसमें से 2,473 पर विसतार पूर्वक चर्चा की गई थी ।
संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 02 वर्ष
38 vizSy 2025