पश्चम बंगाल
त्रिषिकेश साहा के अनुसार राजर सरकार और पुलिस हिंसा पर नियंत्रण पाने में असफल रही । हिंसा कमो नियंत्रित करने के सथान पर कुछ नेता और अधिकारी कट्टरपंथियों कमो भड़काने का काम कर रहे हैं ।
राजर के मालदा जिले में हिनदुओं के विरुधि सुवनरमोवजत रूप से हमो रही हिंसा और कट्टरपंथियों की हिनदू विरमोधी गतिविधियां नई नहीं हैं । पिछले कुछ समय से राजर में कानून-वरवसथा की षसथवतरां गंभीर हमोती जा रही हैं और हिनदुओं पर हमले की घटिनाएं बढ़ रही हैं । गत मार्च माह में हिनदुओं के विरुधि हुई हिंसा की कई घटिनाएं सामने आ चुकी हैं । मुर्शिदाबाद जिले के नाओदा ब्लॉक के पवटिकाबारी बाजार में हुई हिंसा, दवषिण 24 परगना जिले के बरुईपुर शहर में देवी शीतला की मूर्ति कमो षिवतग्सत करना, बशीरहाटि शहर के शंखचूरा बाजार में काली मंदिर पर हमला और देवताओं की मूर्तियों कमो षिवतग्सत करना, मेदिनीपुर जिले के कमालपुर गांव में हिंदू देवी- देवताओं की मूर्तियों कमो अपवित्र करना जैसी कई घटिनाओं के बाद अब मालदा जिले के ममोथाबारी गांव में कट्टरपंथियों की हिंसक भीड़ ने हिंदुओं के सवावमतव वाले वरापारिक प्रतिष्ठानों और घरों कमो निशाना बनाया । इसके बाद गत
29 मार्च कमो झाउबमोना में हिंदुओं के सवावमतव वाले पान के खेतों में आग लगा दी गई और दुकानों कमो लूटि कर वनदवोष हिंदुओं पर हमले किए गए ।
राजर के विभिन्न हिससों में हिनदू विरमोधी हिंसा का सबसे घातक प्रभाव पिछड़े, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लमोगों पर पड़ रहा है । ग्ामीण षिेत्रों में हिंसा और अराजकता फैला कर दलितों पर धर्मानतरण के लिए दबाव बनाया जा रहा है । इसका ग्ामीण षिेत्रों में प्रबल विरमोध किया जा रहा है । यही वह कारण भी है, जिससे षसथवतरां और जवटिल बनती जा रही हैं । हिंसा की घटिनाओं ने हिनदुओं में फ़ैल रही असुरषिा की भावना कमो और गहरा किया है । केंद्र से लेकर राजर तक भाजपा के कई नेताओं ने हिंसा और हमलों के लिए राजर सरकार की नीति कमो जिममेदार ठहराते हुए केंद्रीय बलों कमो तैनात करने की मांग कर रहे हैं ।
विरमोधी दलों की तमाम मांगों कमो असवीकार करते हुए राजर की मुखरमंत्री ममता बनजथी ने भाजपा और वामदलों के विरुधि मिलकर राजनीति करने का आरमोप लगाया है । उनका कहना है कि दमोनों पावटि्टरां मिलकर दंगे भड़काने की कमोवशश कर रही हैं । लेकिन वह चाहती हैं
कि कमोई भी अशांति न फैलाए । उनकी सरकार दंगों कमो रमोकने के लिए प्रतिबधि है ।
राजर की मुखरमंत्री ममता बनजथी सार्वजनिक रूप से चाहे कितने ही दावे करें, लेकिन राजर में हिनदू विरमोधी गतिविधियों कमो सुवनरमोवजत रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है । हिनदू विरमोधी कट्टरपंथी संगठन एवं ततवों के लिए अवैध बांगलादेशी एवं रमोवहंगरा घुसपैठिएं हथियार के रूप में काम कर रहे हैं । बांगलादेश में हुए कथित सतिा परिवर्तन के बाद वहां की षसथवतरों का प्रभाव भी राजर में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है ।
जानकारी हमो कि सवतंत्रता के बाद बांगलादेश( पहले पूवथी पाकिसतान) में हिनदुओं का कुल जनसंखरा में प्रतिशत 22 था, जमो घटिकर अब लगभग सात प्रतिशत रह गई है । हिनदू जनसंखरा में सबसे बड़ी हिससेदारी दलित एवं पिछड़े वर्ग की थी । हिनदुओं कमो हिंसा का शिकार बनाकर उनका जबरन मतांतरण करा दिया गया, जिसमें बड़ी संखरा दलितों की रही । बांगलादेश में हिनदुओं की घटिती जनसंखरा वैषशवक सतर पर चिंतन और चर्चा का विषय बना हुई है । साथ ही अब पषशचम बंगाल की जवटिल हमोती राजनीतिक-सामाजिक षसथवतरां भी नई एवं गंभीर समसरा के रूप में देखी जा सकती है ।
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32 vizSy 2025