April 2025_DA | Page 28

संवैधानिक गणतंत्

आदि द्रववड़ कहा जाता था) कमो हिनदुओं के साथ अर्थात संयु्त निर्वाचकों में शामिल करने पर गांधी जी के बल देने का उनका विरमोध उग्, कठमोर और अनुचित था । अनुसूचित जातियों के लिए पृथक निर्वाचन पधिवत के पषि में रामसे मेकडमोनालड अवार्ड के विरुधि गांधी जी के पुणे में उपवास के दलौरान उसकी बदले की भावना
से सभी राष्ट्रवादियों की भावनाओं कमो ठेस पहुंची थी । रद्वप हिनदू रूवढ़वादी नेताओं कमो संयु्त निर्वाचन पधिवत में सथानों के आरषिण से अनुसूचित जाति के संरषिण की मांग कमो सवीकार करना पड़ा । वैलमोर जेल में सहकैदियों कमो उनके मलौवलक विचारों कमो समझाने में मुझे काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था । बाद में,
उनहें गांधी जी के उदारपूर्ण समर्थन और राजाजी की राजनीतिक प्रशंसा प्रापत हुई, जिनहें उनहोंने एक कलम भेंटि किया, जिससे उनहोंने प्रवसधि पुणे संधि पर हसताषिर किए ।
युधि के समय डा. आंबेडकर ने वरिवटिश सरकार कमो मजबूर किया कि वह उसे अनुसूचित जाति के एक प्रतिनिधि के रूप में नहीं अपितु उनकी राजनीतिक हैसियत कमो खुले रूप से मानरता प्रदान करके वायसराय काउंसिल में शामिल हमोने के लिए आमंत्रित करे । यह मेरा सलौभागर था कि जब आजादी मिली, तब मैं राष्ट्रीय नेताओं कमो सफलतापूर्वक राजी कर सका कि डा. आंबेडकर कमो मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए आमंत्रित किया जाए । मैंने उस समय भी अपना समर्थन दिया, बाद में उनहें संविधान सभा में कार्यभार सौंपने का और संविधान निर्माण के उस ऐतिहासिक काल में उनकी उत्कृष्ट भूमिका निभाने के लिये राष्ट्रीय नेताओं ने उनहें आमंत्रित करने का निर्णय लिया था ।
उनहोंने आंध्र प्रदेश के अपने सहरमोगी वकील रामासवामी की भांति ही भारतीय पुराण विद्ा और महाकावरों में काफी शमोध कार्य किया । वह इतिहास के उस दुर्भागरपूर्ण परिवर्तन से अतरवधकं क्रुधि थे जिसमें उन हारे हुए और दलित वरष्तरों ने कर्म के वसधिांत के आधार पर अपने निम्न सामाजिक सतर, राजनीतिक शक्त की समाषपत और पद् वलत आर्थिक और सामाजिक अषसततव कमो सवीकार किया । प्रचलित सामाजिक वरवसथा के विरुधि जनसाधारण में ववद्रमोह पैदा करने के लिये वह आंध्र प्रदेश के वकील रामासवामी, तमिलनाडु के ई. वी. आर. तथा अन्ना की ही भांति अथक प्रयास करने के लिए दृढ़ संकलप थे । वह गांधीजी और हमारे में से कई लमोगों के संरचनातमक और क्रांतिकारी कारगों से इतने अधिक असन्तुष्ट थे कि उनहोंने तथाकथित सामाजिक विशवासों और धार्मिक वसधिांतों की समीषिा करने सनातनियों कमो मानवतावाद, जिसमें असपृशरता, गुलामी नहीं है और कुछ के लिए सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक श्रेष्ठता या विशेषाधिकार हमो और अनरों के लिए
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