उनहीं वरष्तरों द्ारा हुई, जिनहें समानता के वसधिांत पर अधिकार प्रदान करने के आधार पर मतदान का अधिकार दिलाया गया था ।
जब मैंने डा. आंबेडकर द्ारा लिखित " दी प्राबलम आफ दि रुपी " नामक पुसतक तथा " फेडरेशन एणड स्टेट्स राइट्स " की समसराओं से संबंधित लेखों कमो पढ़ा तमो मैं एक अर्थ-शासत्री के रूप में आंबेडकर की मलौवलकता और अवद्तीय ववद्ता की प्रशंसा किए बिना नहीं रह सका । प्रथम गमोलमेज सममेलन में उनके भाषणों के कारण उनहोंने राष्ट्रीय राजनीति के षिेत्र में खरावत पाई । तब हमें आभास हुआ कि वह कितने महान राजनेता हैं । वरिवटिश सरकार ने उनहें गमोलमेज सममेलन के वशष्टिमंडल के सदसर के रूप में यह मानकर चुना कि वह अनर रिाह्मणों से भिन्न नेताओं की भांति सवराज के लिये राष्ट्रीय मांग का विरमोध करेंगे परनतु हरिजनों और रिाह्मणों से भिन्न नेताओं के विचारों के प्रतिककूल उनहोंने
राष्ट्रीय सवतंत्रता की मांग का विरमोध यह समोच कर नहीं किया कि कहीं ऐसा न हमो कि यह समृधि और उच् वगगों का सदियों से चला आ रहा आधिपतर चलता न रहे । उनहोंने महारानी वव्टिमोरिया की 1857 की उद्घोषणा और सामाजिक तथा धार्मिक मामलों में हसतषिेप न करने का वरिवटिश नीति का विरमोध किया, जिसे उनहोंने निम्नवर्ग के लमोगों के सतत दमन और उनमें वरापत निराशा का कारण बताया ।
गमोलमेज सममेलन में डा. आंबेडकर के ऐतिहासिक भाषण से हम एकमत हमो गए । हम लनदन में अ्सर मिलते रहे और मैंने पाया कि हमारे विचारों, इतिहास के मनन और राजनीतिक समझबूझ में काफी समानता है । हमने महसूस किया कि भारत के लिए समाजवादी रवैया ही सववोतिम रहेगा, जिससे बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए मूल अधिकारों तथा सामाजिक और राजनीतिक विशेषाधिकारों की समानता
सुवनषशचत हमो । उनका यह विचार था कि शायद गांधी जी पद् वलतों और उनके चहुंमुखी उधिार और सामाजिक प्रगति का विरमोध करेंगे ्रोंकि उनकी आसथा सनातन धर्म में है । मैंने तर्क दिया कि उनके बहुत से कथनों, जिनमें मात्र हमारे पारमपरिक और सामाजिक धारणाओं कमो दमोहराया गया है, के बावजूद गांधी जी एक सामाजिक क्रांतिकारी है और वह बहुत से पलौराणिक विशवासों और निष्ठाओं का विरमोध करने में नहीं झिझकेंगे । यदि वह इनहें जनसाधारण की सामाजिक सवतंत्रता में रोड़ा पायेंगे । डा. आंबेडकर मुझसे सहमत नहीं थे । फिर भी हम मिलते रहे और हमने एक दूसरे का विशवास जीत लिया ।
असपृशरता के विरुधि और हरिजन उतथान के प्रति गांधी जी के अभियान के प्रति डा. आंबेडकर की आलमोचना आक्रमोशपूर्ण और कठमोर थी । हरिजनों( उस समय उनहें पंचमा अथवा
vizSy 2025 27