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मोदी सरकार ने सवैतनिक मातृतव अवकाश 12 सपिाह से बढ़ाकर 26 सपिाह कर दिया है । कामकाजी माताओं को बेहतर सहायता और सुरक्ा प्दान करने के लिए मोदी सरकार द्ारा मातृतव लाभ अधिनियम-1961 में संशोधन पारित किया गया । यह महतवपूर्ण नीतिगत परिवर्तन नई माताओं को प्सव से उबरने , अपने शिशुओं के साथ जुडने और उनका समग् कलयाण सुतनकशचि करने के लिए पर्यापि समय देने के महतव को पहचानता है ।
महिलाओं के लिए सुरतक्ि आवास और वित्ीय निर्णय लेने की प्तकया में उनकी भागीदारी के महतव को पहचानते हुए , सरकार ने प्धानमंरिी आवास योजना- ग्ामीण ( पीएमएवाई-जी ) की शुरुआत की । उललेखनीय िरय यह है कि इस योजना के तहत प्दान किए गए 72 प्तिशत से अधिक घर या तो पूर्ण रूप से या फिर संयुकि रूप से महिलाओं के सवातमतव में हैं । गरीब , दलित , पिछड़े एवं वनवासी वर्ग की महिलाओं को घरों का सवातमतव प्दान करके , पीएमएवाई- जी ने उनकी आकांक्ाओं को पूरा किया है और उनहें घरेलू निर्णय लेने की प्तकया में सतकय रूप से भाग लेने हेतु सशकि बनाया है ।
महिला सशककिकरण का एक अनय महतवपूर्ण पहलू सवच्िा की सुलभता है । सवच्िा की अपर्यापि सुविधाओं के कारण महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को महसूस करते हुए , प्धानमंरिी नरेनद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को सवच् भारत मिशन ( एसबीएम ) की शुरुआत की । इस मिशन का उद्ेशय देश के सभी घरों में शौचालय उपलबध कराना है ताकि बेहतर सवच्िा और साफ-सफाई सुतनकशचि की जा सके और 2 अक्टूबर 2019 को , संयुकि राषट्र द्ारा निर्धारित एसडीजी-6 लक्य से 11 साल पहले , ग्ामीण भारत खुले में शौच-मुकि ( ओडीएफ ) बन गया । “ शौचालय की सुलभता और ग्ामीण भारत में महिलाओं की सुरक्ा , सुविधा और आतम-सममान ( एकसेस टटू टॉयलेटस एंड द सेफटी कनवीनयनस एंड सेलि-रेसपेकट ऑफ वीमेन इन रूरल इंडिया )” शीर्षक रिपोर्ट के अनुसार , शौचालयों के निर्माण के बाद , 93
प्तिशत महिलाओं ने कहा कि उनहें अब शौच के दौरान जानवरों द्ारा नुकसान पहुंचाए जाने , सवासरय संबंधी संकमण से ग्तसि होने और रात के अंधेरे में शौचालय जाने का डर नहीं है । सवच्िा संबंधी सुविधाओं की उपलबधिा और उनके नियमित उपयोग ने महिलाओं के कलयाण और उनकी गरिमा को सुतनकशचि करने में काफी योगदान दिया है , जोकि एक सवच् एवं सवसथ राषट्र बनने की दिशा में भारत की यारिा में एक महतवपूर्ण उपलकबध है ।
सवच् पेयजल की सुलभता , विशेषकर महिलाओं के कलयाण की दृकषट से बेहद महतवपूर्ण है । इस समझ के साथ , मोदी सरकार ने अगसि 2019 को जल जीवन मिशन ( जेजेएम ) की शुरुआत की । प्तयेक ग्ामीण घर और सार्वजनिक संसथान को नल का सवच् पानी उपलबध कराने के प्ाथमिक उद्ेशय के साथ , इस मिशन के तहत 14.45 करोड घरों में नल के पानी का कनेकशन प्दान किया गया है । सुरतक्ि पेयजल की उपलबधिा सुतनकशचि
करके , इस मिशन का उद्ेशय लंबी दूरी से पानी लाने के कम में महिलाओं पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है । इस परिवर्तनकारी पहल ने महिलाओं को सशकि बनाया है और पानी , सवच्िा एवं साफ-सफाई से जुड़ी आदतों के महतव के प्ति ग्ामीण लोगों को जागरूक बनाने में योगदान दिया है ।
महिलाओं का सशककिकरण उनके आर्थिक सशककिकरण पर निर्भर है । इसीलिए सरकार ने सटैंड-अप इंडिया और प्धानमंरिी मुद्रा योजना जैसी पहलों के माधयम से महिलाओं के बीच वित्ीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं । सटैंड-अप इंडिया योजना महिलाओं , अनुसूचित जाति ( अजा ) और अनुसूचित जनजाति ( अजजा ) के बीच ग्ीनफीलड उद्यमों की सथापना के लिए सहायता प्दान करने पर केंद्रित है । इसी तरह , पीएमएमवाई का लक्य गैर-कॉपवोरेट , गैर-ककृति सूक्म और लघु उद्यमों को वित्ीय सहायता प्दान करना है । पीएमएमवाई के तहत महिला उद्यमियों
30 vizSy 2024