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का एक बहतुत बड़ा एक्सपेरीमेंट किया । खावड़ा तक पानी भी उनके समय में ही पहतुंचा , नर्मदा यकोजना कको अंजाम तक पहतुंचाने का काम किया । Sauni यकोजना से गतुजरात के अंदर टैंकर राज कको लगभग समा्त कर दिया । गतुजरात ऐसा क्ेत्र था जहां गां्व में पानी नहीं हकोता था , आज फ्लो से पानी हर गां्व में जाता है । पीने के पानी की कहीं किलित नहीं है । 100 -100 फुट भूगर्भ जल का ले्वि ऊपर आया है । पूरे भारत में एक ही ऐसा क्ेत्र है जहां भूगर्भ जल में बढ़कोत्री हतुई है । तालाबों कको बहतुत डीप करने का काम किया गया । छकोटे – छकोटे चेकडैम बनाये गये । नर्मदा का जको बाढ़ का पानी था ्वको तालाबों में डाइ्वटटि किया गया । देशभर में मिलीजतुिी सरकारों का एक यतुग था उस यतुग में एक छत्व बनी थी कि मलटीपाटटी डेमकोकेतटक सिसटम शायद फेल तको नहीं हको जायेगा । गतुजरात के नरेंद्र भाई के सफल मतुखयमंत्रित्व काल के दौरान ना के्वि गतुजरात , देशभर में आशा की एक किरण जागमृत हतुई कि मलटीपाटटी डेमकोकेतटक सिसटम में ककोई दकोर नहीं है । ये सफल हको सकती है , डिलि्वर कर सकती है अंतिम वयपक्त तक जा सकती है और संत्विान निर्माताओं ने जको ्वेलफेयर सटेट की कलपना की थी ्वको साकार हको सकती है ।
दृढ़ राजनीतिक इच्ार्वति से पाई चुनौतियों पर जीत
तीसरा चैलेंज जब ्वको भारत के प्िानमंत्री बने तब आया । मैं िरॉक्टर मनमकोहन सिंह जी की सरकार के लिये ककोई तट्पणी नहीं करना चाहता , परंततु देश हर क्ेत्र के अंदर नीचे ही नीचे जा रहा था । 12 लाख करोड़ के घपले घकोटाले भ्र्टाचार सरफेस पर आ चतुके थे , सा्व्सजनिक जी्वन पर श्धदा पाताल के नीचे चली गई थी और दतुतनयाभर में देश का ककोई सममान नहीं था । हमारी आंतरिक और बाहरी रतुरक्ा बिलकुल लचर पड़ी थी , परॉतिसी पैरालिसिस हको चतुका था , नीतिगत फैसले महीनों तक सरकार की आंतरिक उलझनों में उलझते रहते थे । एक मंत्री महकोदय ऐसे भी थे जको पूरे पांच साल कैबिनेट में ही नहीं आये । कई सारी
ऐसी चीजें थीं जको र्वाल करती थीं कि ऐसे कैसे चल सकता है ? ऐसे माहौल में मकोदी जी पर देश के प्िानमंत्री का चैलेंज आया । आज हम देख सकते हैं कि 7 साल के अंदर सारी व्यवसथायें अपनी अपनी जगह सही हैं । समसयाएं आती हैं , आयेगी भी , भविष्य में भी आयेगी । मगर समसया कको ततकाि एड्ेर किया जाता है , उसका समाधान निकालने का प्यास किया और उसकको सं्वेदनशीलता के साथ आगे बढ़ाया जाता है । एक दृढ़ राजनीतिक इचछाशक्ति के कारण देश की रतुरक्ा व्यवसथा भी चाक-चौबंद हतुई है । कभी ककोई कलपना नहीं कर सकता था कि भारत एयर सट्ाइक करेगा या सर्जिकल सट्ाइक करेगा , ये तको अमेरिका के लिये रिज्व्स चीज थी । आज इसके कारण भारत के यतु्वा का हौसला हतुआ है कि हम भी कर सकते हैं । कभी ये नहीं हको सकता था कि ककोई प्िानमंत्री कहे कि 5 तट्तियन िरॉिर की इककोनरॉमी बनने का साहस भारत में है और हम पहतुंच सकते हैं । ढ़ेर सारे सटाटटिअप आये , िकोग लगे हैं , मतुझे त्वश्वास है कि 5 तट्तियन िरॉिर की इककोनरॉमी मकोदी जी के नेतमृत्व में बन ही जायेगी और 11 नंबर की अर्थव्यवसथा से हम पांच्वे- छठे नंबर की अर्थव्यवसथा बन चतुके हैं । बहतुत बड़ा जंप आया है , ढ़ेर सारे रतुिार हतुये हैं और ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में भी परर्वत्सन आया है । मकोदी जी के जी्वन में जको तीन बड़े-बड़े सटेज थे , तीनों चतुनौतीपूर्ण थे और उनहोंने बड़े धैर्य से और दृढ़ राजनीतिक इचछाशक्ति के साथ तीनों चैलेंजों कको सफलतापू्व्सक पार किया और मैं मानता हूं कि उनकी लीडरशिप की ये बहतुत बड़ा क््वातिटी है ।
अच्े श्ोता और अनुर्ासन के आग्रही हैं मोदी
मैं अपने आप कको सौभागयशाली मानता हूँ मतुझे संगठन और सरकार दकोनों में मकोदी जी के साथ काम करने का मौका मिला , पहले गतुजरात के संगठन में , फिर गतुजरात सरकार में और यहां मैं रा्ट्ीय अधयक् था , तब मकोदी जी प्िानमंत्री थे , अब मैं उनकी सरकार का मंत्री हूँ । मैंनें मकोदी
जी कको नज़दीक से काम करते हतुए देखा है , मैंने मकोदी जी जैसा श्रोता देखा ही नहीं है , किसी भी समसया के लिए बैठक हको मकोदी जी कम से कम बकोिते हैं । सब िकोगों कको धैर्यपू्व्सक रतुनते हैं और फिर उचित निर्णय लेते हैं , कई बार तको हमे भी लगता है कि इतना रकोच त्वचार हको रहा है । ्वे
8 दलित आं दोलन पत्रिका uoacj 2021