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कोरोना काल में पररेशान

हाल नौनिहाल दलित-आदिवासी बच्ों की शिक्षा पर आया संकट ऑनलाइन पढ़ाई पर आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

शैलेन्द् सिन्हा

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िश्वक महामारी ककोत्वि — 19 ने हर किसी कको किसी ना किसी रूप में अ्वशय प्भात्वत किया है । स्वास्थय पर इसके प्भा्व कको अलग भी कर दें तको जी्वन के तमाम आयामों पर इसका असर साफ महसूस किया जा सकता है । बात चाहे इंसान के सामाजिक आयामों की करें , आर्थिक की , आधयापतमक की या शैक्तणक की । जी्वन का ककोई भी पहलू इसके प्भा्व से अछूता नहीं रहा है । लेकिन ्वास्तव में देखा जाए तको ककोरकोना ने जको भी प्भा्व डाला उससे हतुए नतुकसान की समय के साथ भरपाई हको ही जाएगी अलबत्ा इंसानी जान के अला्वा जको अपूरणीय क्ति हतुई है ्वह शैक्तणक क्ेत्र में देखी जा सकती है ।
पढ़ाई पर पूर्णविराम की नौबत
इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस ककोरकोना काल में सबसे बतुरा हाल नौनिहालों का हतुआ है । महामारी ने नौनिहालों की एक पूरी पीढ़ी के भविष्य कको संकट में डाल
दिया है । बच्ों पर ककोरकोना के कारण उतपन् पसथतियों ने कितना बतुरा प्भा्व डाला है इसका खतुिासा एक सर्वे में हतुआ है जिसके अनतुरार देश भर में सिर्फ आठ फीसदी ग्ामीण बच्ों ने ही ककोरकोना काल में नियमित रूप से ऑनलाइन कक्ाओं का लाभ उठाया , जबकि 37 फीसदी ग्ामीण बच्ों की पढ़ाई इस पूरे कालखंड में पूर्ण रूप से बाधित हतुई और उनकी पढ़ाई पर पूण्सत्वराम लगा रहा । इस चौंकाने ्वाली रिपकोटटि का जिस सर्वे में खतुिासा हतुआ है उसे प्तरद शिक्ाशासत्री जयां द्रेंज ने जमीनी सतर पर सामाजिक अधययन करके अंजाम दिया है । इस
सर्वे रिपकोटटि कको तैयार करने के कम में जयां द्रेंज ने ककोरकोना काल में 15 राजयों और केंद्र शासित प्देशों में पहली से लेकर आठ्वीं कक्ा तक में पढने ्वाले 1400 बच्ों और उनके अभिभा्वकों से बात की । इन राजयों में झारखंड , बिहार , असम , दिलिी , गतुजरात , हरियाणा , कर्नाटक , मधय प्देश , महरा्ट् , उडीसा , पंजाब , तमिलनाडु , उत्रप्देश और पपशचम बंगाल शामिल हैं । सर्वे में शामिल किए गए परर्वारों मे से करीब 60 फीसदी ग्ामीण इलाकों में रहते है । इसके अला्वा लगभग 60 प्तिशत परर्वार आतद्वासी और दलित समतुदाय के हैं ।
uoacj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 39