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परिपाठ है .. । निर्णय of course ्वको ही करेंगे , ्वको प्िानमंत्री हैं . उनकको ही करना चाहिए । जनता ने ही उनहें ये अधिकार दिया है बाकि सारे मंत्रियको कको फिर मकोदी जी ने ही अधिकार दिया है , यही तको हमारा संत्विान है । सबके साथ चर्चा कर , सबकको बकोिने का मौका देकर , सबके ्िर- माइनस परॉइंटर रतुनकर , फिर फैसले हकोते हैं । सरकार चलाना नहीं , देश का हित है सर्वोपरि बड़ा दतुभा्सगयपूर्ण है जको मैं बकोिने जा रहा हूं .... कुछ िकोग जको हमारे ्वैचारिक त्वरकोिी हैं .... ्वको , सतय कुछ भी हको ... सतय कको तकोड़- मरकोड़ कर िकोगों के सामने कैसा रखना है , ्वको आप भी शायद देखतें होंगे और इसके कारण छत्व कको आहत करने का भी रतुतनयकोतजत प्यास हतुआ है । मकोदी जी जकोतखम लेकर फैसला करते हैं , ्वको सही है … क्योंकि उनका मानना है और सा्व्सजानिक जी्वन में कई बार उनहोंने कहा भी है कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आये हैं , सरकार चलाने के लिए सरकार में नहीं आये हैं । हमारा लक्य देश के अंदर परर्वत्सन लाना है … एक सौ तीस करकोड़ की जनता कको त्वश्व में , दतुतनया के सब बड़े िकोकतंत्र कको त्वश्व में एक सममानजनक सथान पर पहतुंचाना है । हमारा यतु्वा धन पपशचम और अमरीका की तरफ न जाता , अगर ये फैसले पहले हको गए हकोते , जको आज हको रहे हैं । ्वको इसलिए नहीं डरते हैं कि सत्ा में बने रहना लक्य नहीं है , आराम का जी्वन भी लक्य नहीं है , एकमात्र लक्य है भारत प्थम- India First … ये लक्य लेकर ्वको चलते हैं । इससे दमृढ राजनीतिक इचछाशक्ति की निर्मिति हकोती है और आप एक रासता तय कर लेते हको कि मतुझे देश कको यहां पहतुंचाना है तको हर क्ेत्र के फैसले आप देखिये , नकोट बंदी का फैसला और ककोई ले ही नहीं सकता , इतना बड़ा फैसला । हमारी …. टीका करने ्वाले जको कहेंगे , ्वको कहेंगे , मैं बताता हूं कि देश के अर्थतंत्र के माहौल में बहतुत बड़ा परर्वत्सन आया कि नहीं ये सरकार का त्वि है कि काला धन नहीं चलेगा कई बार त्वि का परिचय कराना भी बड़ी बात हकोती है … इसी प्कार से GST ... चिदंबरम साहब से लेकर मतुखजटी साहब , सब बात तको करते थे , अचछी-अचछी अंग्ेजी में बकोिते
थे … परन्तु किसी की हिममत नहीं पड़ती थी । मकोदीजी ने केंद्र का - राजय का फर्क भूलकर , ये फेडरल सट्क्चर हैं , हम एक टीम है , काफी ऐसी चीज़ें थीं जको राजयों में अत्वश्वास पैदा करती
थीं , उनहें हटा दिया ।
बडे और कडे फै सले लेने से कभी नहीं हिचके
मैं ग्व्स के साथ कह सकता हूं कि इक्का- दतुक्का चीज़ों कको छकोड़कर GST Council में एक भी फैसला बहतुमत से नहीं बपलक र्वा्सनतुमति से लिया गया है , जबकि GST Council में सभी दल की सरकारों के वित्त मंत्री हैं । तीन तलाक़ का उनमूिन किसी में हिममत नहीं थी ... शाहबानको के केस कको give-up करना पड़ा था .... उनकको ... राजी्व गाँधी कको बदलना पड़ा था । One Rank One Pension- ककोई हिममत नहीं करता था . Chief of Defence staff का नया करॉनरे्ट- डिफेनर के क्ेत्र में ….
ककोई हिममत नहीं करता था । सर्जिकल सट्ाइक और एयर सट्ाइक का र्वाल ही पैदा नहीं हकोता था … हम चतुप हको जाते थे … एक आध दको तन्वेदन कर कर … आज , सबकको मालूम है भारत की
सीमाओं के साथ ककोई छेड़खानी बर्दाशत नहीं की जाएगी । धारा 370 , 35 A .... सबकको मालूम था … ये टेमपररी था , इसकी ज़रूरत नहीं है , ककोई छूने की हिममत नहीं करता था । इसी प्कार से हमारी संस्कृति कको िकोगों तक पहतुंचाया दतुतनया तक … यकोग तद्वर कितना बड़ा फैसला है UN General Assembly तक ने इसे स्वीकार किया है , ये बहतुत बड़ी बात है , भारतीय संस्कृति का इतना बड़ा acknowledgement शायद ही कभी हतुआ हकोगा । पेरिस समझौता- बड़े बड़े देश प्ा्त करना तको छकोिको घकोतरत करने से झिझकते थे मकोदी जी ने कहा की Global Warming और जि्वायतु परर्वत्सन कको रकोकना है तको यही एक रासता है , International Solar Alliance और भी ऐसे बहतुत सारे जको
10 दलित आं दोलन पत्रिका uoacj 2021