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फैसले उनहोंने लिए । मैं मानता हूं नई शिक्ा नीति और ढेर सारे फैसले । आर्थिक रतुिार का तको ... एक पूरा इंटरवयू आर्थिक रतुिार पर हको सकता है इतने सारे आर्थिक रतुिार उनहोंने किये
हैं । मज़बूत इचछा शक्ति ्वाले प्िानमंत्री के अला्वा तको यह हको ही नहीं सकता है । उनका लक्य सत्ा में बने रहना नहीं है , भाजपा के लिए सरकार चलाना नहीं है , उनका लक्य देश के लिए सरकार चलाना नहीं है , उनका लक्य ग़रीबों के लिए सरकार चलाना है ।
समग्र जन-कल्ाण के लिये पुरुषार्थ
अधयातम के दको रासते हैं- एक आतम का कलयाण करना और दूसरा जनता समग् के कलयाण के लिये पतुरुषार्थ करना । अधयातम के रासते पर जाने ्वाले भी ्वही करते हैं , मकोदी जी भी आज ्वही कर रहे हैं । आज देखिये , देश के साठ करोड़ गरीबों कको कई सारे ्वायदे किये गये
हैं , मगर रत्र साल तक उनके जी्वन में गतुणातमक परर्वत्सन कभी नहीं आया था । गरीब कलयाण की बातें सबने की , गरीबी हटाओ के नारे भी लगे , मगर हतुआ कभी नहीं था । आज
गयारह करोड़ गरीबों के घर से ितुंआ गायब है , गैस का सिलेनिर गरीब महिला के घर पहतुंच गया है । करीब गयारह करोड़ शौचालय इस देश में बन चतुके हैं , जिनमें से करीब नौ करोड़ उपयकोग में हैं , तको उन नौ करोड़ परर्वारों की महिलायें आज सममान के साथ जी्वन जी रही हैं । हर घर में नल का पानी पहतुंचाने का काम हमने शतुरु किया है , करीब दको करोड़ घरों में पानी पहतुंचने का काम हको गया है । जब प्िानमंत्री नरेनद्र मकोदी ने शपथ ली , तब 18 हजार गां्व में बिजली का खंभा तक नहीं था । 18 हजार गां्व आजादी के रत्र साल बाद भी बिजली की पहतुंच से अछूते थे , आज उन अठ्ारह के अठ्ारह हजार गां्व में बिजली पहतुंच गई है और उसके साथ 4 करोड़ घरों में बिजली पहतुंचाने का काम नरेनद्र
मकोदी जी की सरकार ने कर दिया । दतुतनया में ककोई नही रकोच सकता 130 करकोड़ िकोगों कको मतुफत ्वैक्सीन मिल सकती है बाकी सारे कंपेरिजन करते हैं , अंग्ेजी अखबारों में लिखते हैं उनकको मालूम नही कि अमेरिका की आबादी उत्र प्देश जितनी है , अरे 130 करकोड़ का देश है , 130 करकोड़ िकोगों कको मतुफत ्वैक्सिनेशन देना बहतुत ही साहसी फैसला है । िकोकतंत्र का अर्थ क्या है ? समत्वकास करना यही िकोकतंत्र है , र्व्सरमा्वेशक सा्व्ससय त्वकास करना यही िकोकतंत्र है , और सबकको देश के भले के लिए जकोड़ना यही िकोकतंत्र है । मैं मानता हूं कि नरेनद्र भाई आज भी उसी रासते पर हैं , अधयातम के रासते से ्वापस आकर सत्ा की राजनीति में आये , जरिया बदला है लक्य ्वही है । मैंने मकोदी जी जैसी स्मृति किसी की नही देखी , 1980 की भी बात उनकको आज जस की तस याद हकोती है और इस स्मृति कको उनहोंने एक अलग प्कार से संजको कर रखा है ।
गरीबों और किसानों के लिए समर्पित सरकार
गयारह करोड़ किसानों कको सालाना 6 हजार रुपया मिल रहा है और डेढ़ लाख करोड़ रुपया एक साल के अंदर सीधे किसानों कको मिला है । ऐसा बताते थे कि कभी यूपीए की सरकार ने किसानों के साठ हजार रुपये का ऋण माफ कर बहतुत बड़ा काम किया था , साठ हजार करोड़ तको बैंक में ही ्वापिस गये , किसान कको कुछ नहीं मिला । ये डेढ़ लाख करोड़ रुपया सीधा किसान कको ही मिला है जिसे अब बैंक से ऋण ही नहीं लेना है । आज घर में एकरॉउंट न हको ऐसा ककोई घर देश में नही है । 60 करकोड़ िकोग ऐसे थे जिनके परर्वार में एक भी एकरॉउंट नही था , आज जनधन के माधयम से उनकको एकरॉउंट मिल गया , डीबीटी डायरेक्ट आता है , ककोई बिचौलिया नही है , ककोई उनका पैसा खाता नहीं है , चाहे ्वमृदा्वसथा पेंशन हको , त्वि्वा का हको , चाहे बच्ी का ्वजीफा हको सीधा पहतुंचता है । इसी प्कार से पांच लाख तक की आयुष्मान भारत यकोजना की सकीम , 60 करकोड़ िकोगों कको मिल रही है , 60
uoacj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 11