भवन निर्माण से पूर्व जाने सरल वास्तु सूत्र
जो है सुख, समृद्धि, भाग्योदय का आधार
जीवन में सफलता को प्राप्त करने में बड़ी अहम् भूमिका मनुष्य की शुभ उर्जा, सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास, निरंतर सतत प्रयास और उसके आस पास तथा निवास का वातावरण व उसकी उर्जा का प्रभाव होता है |
यदि निर्माण के समय वस्तु सम्मत निर्माण कराया जाये तो घर का हर आपको शुभता देगा व वास्तु देवता के आशीर्वाद से आप सफलता का वरण कर सकेंगे |
आइये अब वास्तु के कुछ प्रमुख सूत्र पर चर्चा करते है :-
1 - सर्वप्रथम पूर्व दिशा जो हमें सौर्य ऊर्जा प्रदान करती हैं, सूर्य जिसे ज्योतिष में इस सम्पूर्ण सृष्टि का प्राण, मनुष्य की आत्मा और सामाजिक प्रतिष्ठा, यश, बल, ऐश्वर्य व ख्याति का प्रदाता माना जाता है। अत: भवन निर्माण में इस दिशा में अधिक से अधिक खुला स्थान रखना चाहिए। इस दिशा में भूमि नीची होना चाहिए। अधिक से अधिक दरवाजे, मुख्य प्रवेश द्वार, खिडकियां, रोशनदान, उपवन, बागीचा, बरामदा, बालकनी, आदि पूर्व दिशा में बनाना उपयुक्त होता है।