वास्तुशास्त्र का परिचय
वास्तु शास्त्र वैदिक ज्योतिष की समृद्ध एवं विकसित शाखा है |वास्तु और ज्योतिष में बहुत गहरा सम्बन्ध है |वास्तु शास्त्र पृथ्वी ,जल, अग्नि ,वायु और आकाश इन पञ्च महाभूतों के तालमेल को भवन निर्माण में सर्वोच्च प्राथमिकता देता है | वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों में रहन-सहन की प्राचीन पद्धति का वर्णन मिलता है |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ब्रह्माण्ड में होने वाली प्रत्येक घटना का असर मनुष्य जीवन पर पड़ता है | ग्रहों की चाल हमें भूत- भविष्य एवं वर्तमान में घटित होने वाली घटनाओं का पता चलता है |वास्तु शास्त्र के पीछे वैज्ञानिक दृष्टि कोण छुपा है | जिसने भी वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को अपनाया है उनमें से अधिकतर स्वतः ही समृद्धिवान एवं सुखी हैं परन्तुं जो वास्तु शास्त्र के नियमों की अवहेलना करके भवन निर्माण करते हैं उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
इस मैगज़ीन में प्रत्येक व्यक्ति के दैनिक उपयोग में आने वाली समस्याएं एवं उनका समाधान दिया गया है |
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MAA BHAGWATI SANATANA PARIWARR