मई-2019
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आज ितरंगा ओढ़क
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बेटी
िपता
अिभमान से उमगत छाती क, दा न दुख से झकझोर क।
बबुवा हमार आइल बाड़न हो,आज ितरंगा ओढ़ क।
जवना क धा पर घूम घूम क, बीतल उनुकर ल रकाई।
ऊ का ही कइसे बबुवा क, अंितम जतरा पर ले जाई?
जवना क अंगुरी पकड़ क ऊ, पिहला डग जीवन म धइलन,
ऊ हाथ आज कइसे िबधना, उनुका पर आगी धर पाई?
बिन गइलन भारत क गौरव, ऊ बाप क असरा तोर क।
बबुवा हमार आइल बाड़न, हो आज ितरंगा ओढ़ क।
प ी
महतारी क स मान बदे, अउरी सबसे मुंह मोड़ क।
सजना हमार आइल बाड़न हो आज ितरंगा ओढ़ क।
धरती माई क र ा से,अचक म िडउटी छोड़ क।
पापा हमार आइल बाड़न,
हो आज ितरंगा ओढ़ क।
ना िमलल सनेसा आवे क,
छ ी भी िमलल रहे नाह ।
अबकी ईहो तs ना पुछलन,
बुिचया रे तोक का चाह ।
काह नइखन देखत हमक,
अंिखयो क खोलत भी नइखन?
अइलो पर का दो भईल बा,की हमसे बोलत भी नइखन।
ना ग द उठावत ही बाड़न,
ऊ प छ क हमरा लोर क।
पापा हमार आइल बाड़न,
हो आज ितरंगा ओढ़ क।।
सब िक रया कसम त टिट गइल, स चूड़ी आ कगन क।
सेनुर साथे ही मेिट गइल, देखल सपना सब जीवन क।
लेिकन बाट स तोष िपया, दुिनया म मान रही हमरो।
तोहसे बा नाम जुड़ल एसे, बहुते स मान रही हमरो।
िवधवा भइल त वीर क हम, नाह कायर रणछोड़ क।
सजना हमार आइल बाड़न हो,आज ितरंगा ओढ़ क।
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