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 मई-2019 60 आज ितरंगा ओढ़क :â´Áèß ·¤é×æÚU ˆØæ»è बेटी िपता अिभमान से उमगत छाती क, दा न दुख से झकझोर क। बबुवा हमार आइल बाड़न हो,आज ितरंगा ओढ़ क। जवना क धा पर घूम घूम क, बीतल उनुकर ल रकाई। ऊ का ही कइसे बबुवा क, अंितम जतरा पर ले जाई? जवना क अंगुरी पकड़ क ऊ, पिहला डग जीवन म धइलन, ऊ हाथ आज कइसे िबधना, उनुका पर आगी धर पाई? बिन गइलन भारत क गौरव, ऊ बाप क असरा तोर क। बबुवा हमार आइल बाड़न, हो आज ितरंगा ओढ़ क। प ी महतारी क स मान बदे, अउरी सबसे मुंह मोड़ क। सजना हमार आइल बाड़न हो आज ितरंगा ओढ़ क। धरती माई क र ा से,अचक म िडउटी छोड़ क। पापा हमार आइल बाड़न, हो आज ितरंगा ओढ़ क। ना िमलल सनेसा आवे क, छ ी भी िमलल रहे नाह । अबकी ईहो तs ना पुछलन, बुिचया रे तोक का चाह । काह नइखन देखत हमक, अंिखयो क खोलत भी नइखन? अइलो पर का दो भईल बा,की हमसे बोलत भी नइखन। ना ग द उठावत ही बाड़न, ऊ प छ क हमरा लोर क। पापा हमार आइल बाड़न, हो आज ितरंगा ओढ़ क।। सब िक रया कसम त टिट गइल, स चूड़ी आ कगन क। सेनुर साथे ही मेिट गइल, देखल सपना सब जीवन क। लेिकन बाट स तोष िपया, दुिनया म मान रही हमरो। तोहसे बा नाम जुड़ल एसे, बहुते स मान रही हमरो। िवधवा भइल त वीर क हम, नाह कायर रणछोड़ क। सजना हमार आइल बाड़न हो,आज ितरंगा ओढ़ क। www.ujeshatimes.com