मई-2019
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vk/kh&vkcknh
सव ण म यह पता चला था िक
मिहला नेता को पु ष नेता क
मुकाबले यादा नुकसान उठाना
पड़ता है. जॉिजया िव विव ालय क
पॉिलिटकल एनािल स की एक टीम
ने कहा था िक टॉप की पोजीशन पर
पहुंचने क बावजूद अ सर मिहला
को से सए ट सोच का िशकार
होना पड़ता है.
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िकए ह. उसका अन ु छे द 7 कहता ह ै िक
राजनीितक और सामािजक जीवन म मिहलाओ
से होने वाले भदेभाव को समा करने के िलए
िविभ न दश
को उपाय करने ह गे. यह सिनि
त
करना होगा िक मिहलाओ ं को भी प ु ष क तरह
सरकारी िनकाय के चनाव
म खड़े होने का
मौका िमले. चिक
ंू सरकारी नीितया ं बनाने और
उ ह काया वयन म औरतो को भी भागीदार बनन
का हक ह.ै औरत को राजनीित म आने क
ज रत य ह?ै िकसी ने जवाब िदया, तािक व
औरत क सम याओ ं को हल कर सक. शायद
इतना भर काफ नह ह.ै यहा ं औरत के म ु स
भी यादा ज री कछ
ह.ै यहा ं बात आदमी
औरत से यादा, गैर बराबरी क ह.ै गैर बराबरी
ख म होनी चािहए य िक जाितवाद भी गैर
बराबरी क सोच से श ु होता ह.ै मानवािधकार
हनन भी. दिनया
इसीिलए
भर म दमन और िहसा
ह,ै य िक कोई ताकतवर और समथ ह,ै कोई
कमजोर और असमथ. गैर बराबरी इनक भी जड़
म ह.ै स ा असतलन
ु का ही नतीजा ह ै िक औरत
को आप अपनी बराबरी म लाना नह चाहते.
उ ह चिड़या-प
ं टीकोट पहनाकर बैठ जाने को
कहते ह. इसके बावजद ू िक डेटा कहता ह,ै
िपछली लोकसभा म मिहला
उ मीदवार के जीतने क दर 9 परसट
से यादा थी, और प ु ष उ मीदवार
क साढ़े छह परसट से कम.
आज क राजनीित म मात ृ व िकसी
भी िवषय को पिव ता का जामा
पहना दतेा ह-ै गऊ माता से लेकर
भारत माता और गगा
मा ं तक.
औरत के सश करण और
अिधकार के िलए आवाज बलद
ं करन
वाले कम नह . तीन तलाक हो या बेिटय को
पढ़ाना-िलखाना, इन पर जोर-जोर से िच लान
वाले भी बहतेरे ह. लेिकन, असल सवाल िफर
भी कायम ह-ै या भारतीय राजनीित म िसफ
औरत क बात क जाएगी, या उनके साथ स ा
बाटन
क भी श ु आत क जाएगी? हा, ं इसक
िलए करना िसफ इतना होगा िक उनके रा ते म
रोड़े न अटकाए जाए. ं उ ह अपने बराबर म बैठन
िदया जाए.<
खड़ा करगे. काम वही करगे, नाम औरत का
होगा.
कई जगह पर तो यह भी कहा गया िक िनर र
औरत, राजनीित का ककहरा कहा ं पढ़ पाएगी.
राज थान म पचायत
म
चनाव
लड़न
क
िलए
िमिनमम वािलिफके शन के ाइटी रया न
औरत को सबसे यादा नकसान
पहचाया
और
इसे मिहला िवरोधी कदम कहा गया. अब नई
सरकार ने इस शत को हटा िदया ह.ै अबे ं डकर
1928 म कह चके ु ह िक यह सोचना िक
िनर र आदमी बि ु हीन होता ह,ै हमारी
भल
ह.ै अ छे राजनेता क प रभाषा
बहत यि िन होती ह ै और उसक
िवशषेताओ ं को सभी अपनी-
अपनी तरह से प करते ह.ै आप
िजतने लोग से पछग
, उतनी तरह
के जवाब िमलगे.
अ सर मिहला नेताओ ं को प ु ष
नेता अपनी तरह से चलाने क
कोिशश भी करते ह. मतलब हमारा
ऑडर मानो. अपने फै सले अपनी तरह स
मत लो. यह भी िक जाितगत दमन का भी
िशकार होना पड़ता ह.ै यह सब इसके बावजद ू ह
िक सिवधान
और अतररा
ीय काननी
बा यताए ं औरत को आदिमय क बराबरी म
रखते ह. सिवधान
का अन ु छे द 46 कहता ह ै िक
रा य को समाज के कमजोर तबक को
सामािजक याय और शोषण से बचाना होगा.
अन ु छे द 14 सबको समानता का अिधकार दतेा
ह.ै मिहलाओ ं से होने वाले भदेभाव को रोकने स
जड़े ु अतररा
ीय क वशन पर भारत म द तखत