मई-2019
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राघवे िसहं
आ
म चनाव
म गम आ गई
ह.ै और आसमान से आग
भी बरसनी श ु हो गई ह.ै
पहाड़ खोदने वाले जगल
िमटाने वाले और
निदय क रे त पर डाका डालने वाले आग
बबला
हो रह े ह मौसम के िमजाज से घबरा रह े ह.
कित
लगता ह ै करवट बदल रही ह.ै ऐसे म
चनाव
म अ सर लगने वाली कायकताओ ं क
टोिलया ं और लाक मडल
तर के कायकता भी
नेताओ ं क बदलती तासीर से िचितत
ह.
आसमान से लेकर जमीन तक लगता ह ै परा ू
माहौल ही बदला हआ ह.ै जो िदख रहा ह ै वह
बहत अ छा नह ह.ै माच म मई क तरह ल ू चल
रही ह.ै नदी, तालाब, कए,
ंु बाविड़य क तरह
िसयासी दिनया
म काम कर रह े ठे केदार क
आख
लगा ह.ै जनता
से भी शम का पानी सखन
और कायकताओ ं के िलहाज से दख
तो पािटया ं
और नेतागण कछ
भी
कह
मगर
उनक
अ छे िदन
न कल थे और न कल आने वाले लगते ह.
लोकसभा चनाव
के िलए जो सीन िदख रहा ह,ै
उसके मतािबक
मतदान तक कायकता और
उसके बाद वोटर यज ू होते ही िसयासी दल ारा
ो कर िदए जाएगे ं .
अब से कोई पाच
दस साल पीछे जाए ं तो चनाव
मतलब कायकता और जनता के िलए उ सव
क तरह लगता था. मगर अब हालात बदल रह
ह. ाम पचायत,
सामािजक सगठन,
मडल
और
लाक अ य से लेकर िजला अ य क
पाट कायालय म ऐसी आव भगत होती थी
मानो वे शादी के मौके पर आए महेमान ह .
उ मीदवार तो उ ह बाराितय क तरह मह व दतेे
थे. अ सर सरपच
,जनपद और िजला सद य
क पछ
परख ऐसी होती थी, मानो वे शादी वाल
घर म लड़के के जीजा और फफा
ह . बारात क
जाने से लेकर बह के आने तक उ ह िसर आख
पर बैठाया जाता था. मान दान का मामला जो
ठहरा. बाराितय और मतदान क तरह मान दान
क भी सस मान िवदाई होती थी. साथ ही बड़
नेह के साथ दोबारा आने के िलए आम ं ण भी
िदया जाता था. सामािजक सरोकार से जड़ी
य
सारी बात पािटय के पदािधकारी और
उ मीदवार चनाव
नतीजे आने के बाद भी अपन
वाद को िनभाते थे.
सच म व त बदल रहा है. राजनेता और कायालय म कायकता क
बजाए इवट मैनेजर और एनजीओ से जुड़ लोग की भीड़ है. पािटयां अब
कायकता से नह पूछती िकसको िटकट देना है. सभा क इंतजाम म
मंच माईक से लेकर कस लगाने, दरी िबछाने और तंबू तानने क काम भी
इवट मैनेजर क िज मे हो गए ह.
िसयासत म सीन बदल रहा ह.ै पाच
साल पहल
एक नारा चला था. अ छे िदन आने वाले ह.
छह मिहने पहले नारा चला, व ह ै बदलाव का.
अब सच म व बदल रहा ह.ै राजनेताओ ं और
कायालय म कायकताओ ं के बजाए इवट
मनैेजर और एनजीओ से जड़े ु लोग क भीड़ ह.ै
पािटया ं अब कायकताओ ं से नह पछती
िकसको िटकट दनेा ह.ै मतदाताओ ं के िलए
पहचान पिचय ा ं भी अब नह बटवाई
जाती. यह
काम चनाव
आयोग के ज रए पािटय क सीमा
से बाहर िनकल गया ह.ै सभाओ ं के इतजाम
म
मच ं माईक से लेकर कस
लगाने, दरी िबछान
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