आवरण
15 अगस्त से जुड़े कुछ रोचक िथ्य
प्रवद्याभूषण प्रमश्र
1.
भारत के स्वाधीनता आंदोिन का नेतृत्व महात्मा गांधी न
प्रकया था। िेप्रकन जब दे श को 15 अगस्त, 1947 को आजादी
प्रमिी, तो वे इसके जश्न में शाप्रमि नहीं हुए थे।
2.
महात्मा गांधी उस प्रदन प्रदल्ली से हजारों प्रकिोमीटर दूर
बंगाि के नोआखिी में थे , जहां वे चहदुओं और मुल्स्िमों के बीच
हो रही सांिदाप्रयक चहसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
3. जब तय हो गया प्रक भारत 15 अगस्त को आजाद होगा, तो
जवाहर िाि नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेि ने महात्मा गांधी
को एक पत्र भेजा। इस पत्र में लिखा था, '15 अगस्त हमारा पहिा
स्वाधीनता प्रदवस होगा। आप राष्ट्रप्रपता हैं , इसमें शाप्रमि हो अपना
आशीवाफद दें । '
4. गांधीजी ने इस पत्र का जवाब लभजवाया, 'जब किकत्ता म
चहदु - मुल्स्िम एक दूसरे की जान िे रहे हैं , ऐसे में मैं जश्न मनाने के
6. तब नेहरू िधानमंत्री नहीं बने थे। इस भाषण को पूरी दुप्रनया
ने सुना, िेप्रकन गांधी उस प्रदन नौ बजे सोने चिे गए थे।
7. 15 अगस्त, 1947 को िॉिफ माउं टबेटन ने अपने कायाफिय म
काम प्रकया। दोपहर में नेहरू ने उन्हें अपने मंप्रत्रमंिि की सूची
सौंपी और बाद में इंप्रिया गेट के पास प्रिसेंज गािफन में एक सभा को
संबोप्रधत प्रकया।
8.
हर स्वतंत्रता प्रदवस पर भारतीय िधानमंत्री िाि प्रकिे स
ंंिा र्हराते हैं , िेप्रकन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था।
िोकसभा सप्रचवािय के एक शोध पत्र के मुताप्रबक नेहरू ने 16
अगस्त, 1947 को िाि प्रकिे से ंंिा र्हराया था।
9. भारत के तत्कािीन वायसराय िॉिफ माउं टबेटन के िेस सप्रचव
कैंपबेि जॉनसन के अनुसार प्रमत्र दे श की सेनाओं के सामने जापान
के आत्म समपफण की दूसरी वषफगांठ 15 अगस्त को पि रही थी, इस
कारण इसी प्रदन भारत को आजाद करने का र्ैसिा प्रकया गया
लिए कैसे आ सकता हं। मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान द था।
5. जवाहर िाि नेहरू ने ऐप्रतहाप्रसक भाषण 'प्रीस्ट प्रवद िेस्टनी' का प्रनधाफरण नहीं हुआ था। इसका र्ैसिा 17 अगस्त को
दूं गा।'
14 अगस्त की मधयराप्रत्र को वायसराय िॉज (मौजूदा राष्ट्रपप्रत
भवन) से प्रदया गया था।
6 । The Progress of Jharkhand (Monthly)
10. 15 अगस्त तक भारत और पाप्रकस्तान के बीच सीमा रेखा
रेिल्िर् िाइन की घोषणा से हुआ जोप्रक भारत और पाप्रकस्तान
की सीमाअओं को प्रनधाफिरत करती थी।