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GLOBAL PUBLIC SCHOOL 2021
भावना क्ा होती है , ज्ब उसको दिखा न सके ? काम क्ा होता है , अगर उसमें मज़ा न आए ?
वो जज़निगी ही क्ा , ज्ब गुलामी में जीना पड़े ? जो न्पा है भीतर , उसे दिखा न सके ?
हम नए ्ुग में जीते है , पर हमारी सोच पी्े रह ग्ी ।
-अंजू सुब्रमण्म , 8E
हमें है ककसका इंतज़ार , हमारी सोच ्बिलने का ?
अगर हम नहीं तो कौन है , ्ह जज़निगी पूरी जीने को ? अपनी कहानी हम खुि ललखते है , तो चलो , करे कु ् जतन , उसे महतवपूण्स ्बनाने का ।
क्ोंकक जज़निगी अपनी होती है , इसे खुि जज्ो , ककसी और के ललए नहीं ।
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