The Jorney 2020 -21 | Page 114

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GLOBAL PUBLIC SCHOOL 2021
- मरर्ा जैरो , 8 D

््ो हम बद् जयातिे हैं !

घर ्बैठे ्बैठे ्ह समझ में आ्ा है , कोरोना हम मनुष् के कमषों की ही ्ा्ा है । पहले हम जानवरों को मनोरंजन के ललए ्बंि रखते ्े वपंजरे में , अ्ब हम ही घरों में ्बंि है , उन जानवरों के जैसे । पहले हम अपनी िरती मां को .. पलाजसटक से ढक िेते ्े , और अ्ब हम ही पलाजसटक से ढक गए हैं । पहले हम वा्रस को नषट करने की होड़ करते ्े , अ्ब एक वा्रस ही हमारा नाश कर रहा है । क्ा इतना काफी नहीं साब्बत करने के ललए कक कोरोना प्रकृ नत दवारा िी गई एक सजा है । तो क्ों न त्ाग िे उन कमषों को जजनसे िुख पाते हैं , अ्ब भी सम् है चलो हम ्बिल जाते हैं । अ्ब भी सम् है चलो हम ्बिल जाते हैं !
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