The Jorney 2020 -21 | Page 109

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GLOBAL PUBLIC SCHOOL 2021
- उषा मेनन

* प्यार बेशुमयार *

पैंसठ साल की उम्र में भी , दिल की हूँ मैं जवान । प्ार मोहब्बत भरे इस दिल में , रहता है स्बके ललए स्ान । िोसत ्बनाने और िोसती ननभाने में , उम्र की क्ा गुंजाईश , जजंिादिली ्बना्े रहे ्बस- दिल की ्ही है खवादहश । न होता हर एक मानव एक जैसा , न होता स्ब का अंिाज़ एक जैसा , ्बाँटती हूँ प्ार मोहब्बत ्बेदहसा्ब , कु िरत के उसूलों पर है ववशवास । कभी नहीं रही इच्ा , कु ् पाने की ककसी से , इजजत , शोहरत आ जाती , जो आने की कहीं से । ननंिा भी सवीकार है मुझे- इस उम्र में , फीका पड़ जाता है वो भी- ्बेशुमार प्ार में ।
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