Sri Vageesha Priyah eSouvenir | Page 98

॥ श्रीः॥ ु ॥ श्रलक्ष्मरहयवदन लक्ष्मरनारायण वेणगोपाल परब्रह्मणे नमीः॥ ु ॥ श्र शठकोप रामानज देशशके भ्यो नमीः॥ ु ॥ श्र ब्रह्मतन्त्र स्वतन्त्र परकाल गरुपरम्परायै नमीः॥ ॥ अभिनव श्रीननवास मङ्गलम ् ॥ ् ु श्रमान उ। वे। वेणगोपालीः, be