Sri Vageesha Priyah eSouvenir | Page 63
॥ श्रीः॥
ु
॥ श्रलक्ष्मरहयवदन लक्ष्मरनारायण वेणगोपाल परब्रह्मणे नमीः॥
ु
॥ श्र शठकोप रामानज देशशके भ्यो नमीः॥
ु
॥ श्र ब्रह्मतन्त्र स्वतन्त्र परकाल गरुपरम्परायै नमीः॥
శ్రమదభినవ శ్రనివాస పరకాల స్ాామివారు
అవతార వైభవము
G-34