Sri Vageesha Priyah eSouvenir May 2014 | Page 75

॥ श्रीः॥ ु ॥ श्रलक्ष्मरहयवदन लक्ष्मरनारायण वेणगोपाल परब्रह्मणे नमीः॥ ु ॥ श्र शठकोप रामानज देशशके भ्यो नमीः॥ ु ॥ श्र ब्रह्मतन्त्र स्वतन्त्र परकाल गरुपरम्पराय ै नमीः॥ ु नव्य-वागरश स्तशतीः - मङ्गलं ् ु श्रमान उ। वे। व X~ J> I~ X