सनदेश
बनानरे पर भी समान बल दिया जा रहा है । विकास, तभी साथि्णक होता है जब हाशियरे के लोगों तक सहायता पहुंचरे और उनके लिए नए अवसर उपलबध हों । हर संभव क्षेत्र में अपनी आतमधनभ्णरता िढ़ा रहरे हैं । इससरे आतमध्श्ास िढ़ा है और विकसित भारत बननरे की यात्ा की रफतार तरेज हुई है । उन्होंनरे कहा कि सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों सरे संवर्धित, समग् आधथि्णक विकास के बल पर भारत, 2047 तक एक विकसित अथि्णवय्स्था बननरे के मार्ग पर अग्सर है । अमृत काल के इस दौर में आगरे बढ़तरे जानरे की राष्ट्ीय यात्ा में सभी दरेशवासी यथिाशक्त अपना सर्वाधिक योगदान देंगरे । समाज के तीन ऐसरे वर्ग हैं जो हमें प्रगति के इस मार्ग पर आगरे िढ़ाएंगरे । यह तीन वर्ग हैं-युवा, महिलाएं और वह समुदाय, जो लंिरे समय सरे हाशियरे पर रहरे हैं । उन्होंनरे कहा कि िरेधटयां हमारा गौरव हैं । वह प्रतिरक्षा और सुरक्षा सहित हर क्षेत्र में अवरोधों को पार करके आगरे बढ़ रही हैं ।‘ नारी शक्त वंदन अधिनियम’ सरे महिला सश्तीकरण अब केवल एक नारा न रहकर, यथिाथि्ण बन गया है ।
राष्ट्पति मुर्मू नरे कहा कि कशमीर घूमनरे गए
धनदवोष नागरिकों की हतया, कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थिी । इसका जवाब भारत नरे फौलादी संकलप के साथि निर्णायक तरीके सरे दिया । ऑपररेशन सिंदूर नरे यह दिखा दिया कि जब राष्ट् की सुरक्षा का प्रश्न सामनरे आता है, तब हमाररे सशसत् बल किसी भी स्थिति का सामना करनरे के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होतरे हैं । रणनीतिक सपष्टता और तकनीकी दक्षता के साथि सरेना नरे सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया । ऑपररेशन सिंदूर, आतंकवाद के विरुद्ध मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा ।
उन्होंनरे कहा कि एकता ही हमारी जवाबी कार्रवाई की सबसरे बड़ी विशरेषता थिी । यही एकता, उन सभी तत्ों के लिए सबसरे करारा जवाब भी है जो हमें विभाजित दरेखना चाहतरे हैं । भारत के दृष्टिकोण को सपष्ट करनरे के लिए ध्धभन् दरेशों में गए संसद-सदसयों के बहुदलीय प्रतिनिधि-मंडलों में भी हमारी यही एकता दिखाई दी । विश्-समुदाय नरे भारत की इस नीति का संज्ान लिया है कि हम आरिमणकारी तो नहीं बनेंगरे, लरेधकन अपनरे नागरिकों की रक्षा के लिए
जवाबी कार्रवाई करनरे में तनिक भी संकोच नहीं करेंगरे । ऑपररेशन सिंदूर, प्रतिरक्षा के क्षेत्र में,‘ आतमधनभ्णर भारत मिशन’ की परीक्षा का भी अवसर थिा । अब यह सिद्ध हो गया है कि हम सही रास्ते पर हैं । स्दरेशी विनिर्माण उस निर्णायक सतर पर पहुंच गया है जहां हम अपनी बहुत सी सुरक्षा-आवशयकताओं को पूरा करनरे में भी आतमधनभ्णर बन गए हैं । यह उपलसबधयां स्ाधीन भारत के रक्षा इतिहास में एक नए अधयाय का सूत्पात हैं ।
पर्यावरण सुरक्षा का आग्ह करतरे हुए राष्ट्पति मुर्मू नरे कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए सब हर संभव प्रयास करें । जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करनरे के लिए अपनरे आप में भी कुछ परिवर्तन करनरे होंगरे । अपनी आदतें और अपनी विश्-दृष्टि में बदलाव लाना होगा । अपनी धरती, नदियों, पहाड़ों, परेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के साथि अपनरे संबंधों में भी परिवर्तन करना होगा । सभी के योगदान सरे एक ऐसी पृथ्ी छोड़ कर जाएं जहां जीवन अपनरे नैसर्गिक रूप में फलता-िकूलता रहरे । �
( मूल भाषण के समपाचदत अंश)
10 flracj 2025