Politics Everyday Politics Everyday 15 August 2020 Vol.1 (Hindi) | 页面 21

NATION EVERYDAY ं ं ु ं ं ं ं ू ं ं ू े ं ं ं ू ं ं े ं नीितमान राजाओ के नाम िहंदू धमशा ो म िमलते ह। 'रामायण' जैसे महाका म महिष वा ीिक ारा भु ीराम को भगवान ीिव के एक अवतार के प म िलखा गया है। प रणाम प भगवान की ज भूिम के तौर पर अयो ा का मह िह दू आ था के ि कोण से बड़ा ही मह पूण रहा है। आ मण और धमाधता : भारत के देव थान शु से ही संप ता और समृ से प रपूण थे। लोगो की धािमक ा की वजह से इन देव थानो की संप ता बढ़ती ही रही। सोने-चांदी से लेकर र ो का भंडार मंिदरो म रहता था|ऐसी संप ता को देखकर अरब के लालची और र राजाओ की नजर इन मंिदरो पर रहती थी।धमाध और र बाबर ने 1526 म हमला कर सरदार मीर बाकी को अयो ा का मंिदर करने का आदेश िदया। 23 माच 1528 म उसने अयो ा का मंिदर कर आदेश पर अमल िकया। अयो ा की र ा के िलए उस व हंसवर के राजा राणा रणिवजय और उनकी प ी जयराजकु मारी, पंिडत देवीदीन पांडे, ामी बलराम आचाय इ ोनं अपने ाणो की बाजी लगाई। अखाड़ो के साधु-महंतो ने भी हाथ म श लेकर श का सामना िकया। अयो ा के िलए बाबर के कायकाल म 4, मायूं के काल म 10, अकबर के काल म 20, औरंगजेब के काल म 30, आफत अली के व 3, नवाब वािजद अली के काल म 2 ऐसी कु ल 76 लड़ाईयाँ लड़ी गयी| अकबर के कायकाल म कु छ बातो पर दोनो तरफ से सहमित होने के बाद अयो ा म मूित पूजा करना शु आ था। यही िसलिसला जहांगीर और शाहजहां के व भी जारी रहा। राममंिदर की ायालयीन लड़ाई : 25 मई 1885 म महंत रघुवर दास ने पहली बार उ र देश के फै जाबाद िजला ायालय म अयो ा राममंिदर के प म के स दा खल िकया। उसम 'प र थित ‘जैसे थेʼ..ʼइतने ही सफलता िमली। 1934 म उ र देश म गौह ा के मु पर दंगल भड़की और उसी दंगल के दर ान िहंदू समुदाय ने अयो ा की बाबरी म द पर क ा कर वहां पर भु ीराम की मूित की पूजा करना आरंभ िकया। 1946 म इसी जगह पर मु मशीया म द समथको ने दावा िकया| व बोड ने पूछताछ के आदेश िदए। इस दौरान इस भूिम पर िहंदू समुदाय ारा भजन-कीतन शु था। 1949 म इस भूिम के पहरे पर हवलदार अ ुल बरकत को िसंहासन पर िवराजमान रामलला के दशन हो गए। ायाधीश के .के . नायर ारा यह जगह 'िववािदत' घोिषत कर दी गई। दर ान 4 पुजारी और 1 भंडारी को अंदर जाने की और िहंदुओ ं को बाहर से दशन लेने की अनुमित दे दी गई। 1950 म महंत रामचं परमहंस ारा यह िववािदत जगह िहंदुओ ं को सौपं ने की मांग की गई। 1951 म सोमनाथ मंिदर की पुन थापना की घोषणा, 1964 म िव िहंदू प रषद की थापना, 1981 म मीना ीपुरम की घटना, ऐसी घटनाएं घटती गई। दोनो ं समुदायो ं के बीच की धािमक अ ताएं उ ािदत होने लगी| 1983 म एक धमस ेलन म दाऊ दयाल ख ा ारा धम थलो ं की मु ता का उप थत िकया गया। और 1984 म राम ज भूिम मु य सिमित की थापना हो गई। राम ज भूिम की जगह िहंदुओ ं को सौपं ने की मांग जोर पकड़ने लगी| 1986 म ायालय के आदेशानुसार िववािदत भूिम का ताला खोला गया। 1988 म िव िहंदू प रषद की बैठक म िववािदत भूिम िहंदुओ ं को सौपं ने की मांग की गई। इस दौरान त ालीन RSS सरसंघचालक बालासाहब देवरस ने बगलु म प कारो ं की बैठक म कहा िक,"िहंदू -मु म के संबंधो ं म सुधार लाना हो तो अयो ा, काशी, मथुरा जैसे मंिदरो ं पर मुसलमानो ं ारा िकया गया क ा हटा लेना चािहए।" दर ान के काल म िहंदू और मुसलमानोकं े संगठनो ं ारा लॉ गमाच, बैठको ं का दौर शु आ। 6 िदसंबर 1992 म िववािदत भूिम का ढांचा कार सेवको ं ारा तोड़ा गया। और शु हो गई ायालय की लंबी लड़ाई। 2010 म िववािदत भूिम को लखनऊ खंडपीठ ने तीन भागो ं म बांट िदया। 2010-2017 तक दोनो ं प ो ं से सहमित होने के यास जारी रहे। 2019 म सव ायालय के काम म गित आई। अंितम िनणय की ओर ारंभ आ। और 9 नवंबर 2019 को िहंदू प कारो ं के प म िनणय िदया गया और म द के िलए अयो ा म ही 5 एकड़ अलग से जगह देने का आदेश सु ीम कोट ारा िदया गया| अयो ा की राजनैितक पा भूमी : 1951 म सोमनाथ मंिदर की पुन थापना करने का िनणय भारत सरकार ने िलया। 1964 म िव िहंदू प रषद की थापना होने के साथ हीिहंदू समुदाय की भावनाओ ं को बल िमला। 1988 के भाषण म अटलिबहारी वाजपेयी ने कहा िक, "मु मो ंको िहंदुओ ं की भावनाओ ं का िवचार 21