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सं वधान से धम नरपे और समाजवादी श हटाने क मांग, या चका दा खल
भारतीय संिवधान की ावना के अनुसारभारत
एक समाजवादी, धमिनरपे , लोकतांि क और
गणतांि क रा है। गौरतलब है िक वष 1976 म सरदार
संदभ म िववाद तब उ आ जब वष 2015 म गणतं
िदवस के अवसर पर एक सरकारी िव ापन म
‘धमिनरपे ʼ और 'समाजवाद' श गायब थे। इसके
पहले भी रा सभा म इससे स ंिधत ाव लाया गया
ण िसंह सिमित के
संिवधान संशोधन से संिवधान की
करके
धमिनरपे
समाजवादी,
और
अखंडता श जोड़े
गए| िपछले अनेक वष
से धमिनरपे और
समाजवाद श
संिवधान की
ावना
से हटाने की मांग कई
और संगठनो ं
ारा की जाती रही है| इससे स
है िक ,
अनुमोदन के आधारपर 42व
ावना म संशोधन
ंिधत यह तक िदया जाता
ऐसा यािचकाकताओ ं का मानना है। गौरतलब है इस
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“धमिनरपे और समाजवाद ये दोनो ं श देश म
आपातकाल के समय िबना चचा के शािमल िकए गए है
और दसरा ू तक यह भी िदया जाता रहा है
था|
िक िकसी भी को जबरन या उनके इ ा के िव
से
ुलर नही ं बना सकते। िकसी भी राजनैितक पाट की
िवचारधारा समाजवादी बनाने का बंधन नही ं ला सकते”
की
श
भारतीय संिवधान की ावना म से
"धमिनरपे ता"
"समाजवादी" श
और
हटाने की मांग करने
वाली यािचका सव
ायालय म दायर की
गई है। 42 वे
संवैधािनक संशोधन के
तहत भारतीय संिवधान
ावना म 1976मे धमिनरपे और समाजवादी इन
ो ं का समावेश िकया गया था । 44 साल पहले िकए
गए इस संवैधािनक संशोधन का सव ायालय म
आ ान िदया गया है। से ुलॅरीझम और समाजवाद यह