Outlook Hindi Outlook Hindi, 23 April 2018 | Page 3
योगी सरकार
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चुनौतियों भरा एक साल
यह बात सही है कि उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में किसान सरकार की नीतियों और फैसलों के केंद्र में हैं।
राज्य के विकास के लिए उनकी बेहतरी जरूरी है। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का एकमात्र
यही मकसद नहीं है। योगी सरकार ने अपने पहले साल में प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने, पू ज
ं ी निवेश,
बिजली आपूर् , ति स्कूली और उच्च शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, परिवहन तथा स्वास्थ्य सेवाओं एवं अवस्थापना
सुविधाओं के विकास के लिए ठोस कार्य किए हैं
ए
क वर्ष पूर्व 19 मार्च 2017 को देश
के सबसे बड़े राज्य में जब योगी
आदित्यनाथ के नेत त ृ ्व में नई सरकार
ने सत्ता की बागडोर संभाली थी तो
शपथ ग्रहण के तुर त ं बाद मुख्यमंत्री ने यह संकल्प
दोहराया था कि उनकी सरकार युवाओं को
गुणवत्तापरक शिक्षा सुलभ कराने और रोजगार
के सुगम अवसर दिलाने के लिए संव द े नशीलता
से कार्य करेगी। नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को
भ्रष्टाचारविहीन एवं पारदर्शी बनाया जाएगा।
निवेश को बढ़ाते हुए संत लि
त औद्योगिक
विकास एवं ग्रामीणों / किसानों, खेतिहर मजदूरों
के विकास के हर स्तर पर प्रयास होंगे और
महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए
हर संभव कार्य किए जाएंग । े इस संकल्प की
जरूरत इसलिए पड़ी थी क्योंकि इससे पहल
के शासन के दौरान युवाओं में एक दिशाहीनता
घर कर गई थी। युवाओं में यह कु ठ ं ा थी कि
उनके साथ भेदभाव होता है। समाज में शांति एव
सुरक्षा के प्रति घोर चिंता थी। शिक्षण संस्थाओं
में पठन-पाठन के उपयुक्त माहौल का अभाव था,
परीक्षाओं की व्यवस्था लचर थी। प्रदेश में बिजली
वैसे ही कम थी, उसके वितरण में भी वी.आई.पी.
और गैर वी.आई.पी. क्षेत्रवार भेदभाव किया जाता
था। रोजगार पैदा करने वाले निजी उद्योग क्षेत्र
में पू ज
ी निवेश पर्याप्त नहीं हो रहा था। बु द ं ल
खंड
में लोग अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे थे।
किसान कर्ज के बोझ से बदहाल थे और पूरे
प्रदेश में निराशा व हताशा का माहौल था। इस
दिशाहीन-निराशाजनक परिदृश्य में परिवर्तन
और विकास की एक बड़ी जनाकांक्षा के साथ
नई सरकार गठित हुई थी जिसके सामने हर
मोर्चे पर बदलाव लाने की बहुत बड़ी चुनौती थी
और योगी आदित्यनाथ की सरकार इस चुनौती
पर बखूबी खरी उतरी है। नई सरकार ने बिना
समय गंवाए राज्य को निराशा के वातावरण स
निकालने, किसानों, उद्यमियों तथा अन्य आम
लोगों को एक आशाजनक, सकारात्मक परिवेश
देने का कार्य शुरू कर दिया। किसानों के कर्ज
माफी का फैसला हो या कानून-व्यवस्था दुरुस्त
करने का लक्ष्य, बिजली की सहज उपलब्धता
हो या औद्योगिक निवेश का वातावरण सृजित
करना, लोगों की सेहत की चिंता करनी हो या
बच्चों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना, योगी
सरकार ने हर मोर्चे पर सिर्फ एक साल में कई
उपलब्धियां हासिल की हैं।
दरअसल, पिछले साल मार्च में कार्यभार
संभालने वाली योगी सरकार के सामने चुनौतिया
बेश म ु ार थीं। सबसे बुरी दशा तो कानून-व्यवस्था
के मोर्चे पर थी। सड़कों के गड्ढों ने लोगों का
आवागमन दूभर बना रखा था। बच्चों के ‘मिड
डे मील’ तक में कमियों की खबरें आ रही थीं
और किसान तो बेहाल थे ही। पिछली सरकार
के दौरान हुई तकरीबन सभी भर्तियों में घोटाल
के आरोप थे और भर्तियों से संब धि
त मुकदम
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भरे पड़े थे। जाहिर है कि
नौजवान भी इससे त्रस्त थे। जिला अस्पतालों
की इमारतें तो थीं मगर सुविधाओं का भयानक
अकाल था। बिजली के मोर्चे पर स्थिति यह थी
कि कुछ वीआईपी कहे जाने वाले जिलों को