उत्तर प्रदेश
प्रमशमक्त प्रधानाध्यापिका बना्या । 3 जुलाई 1851 को मचिपलदूणकर हवेली में लड़कियों के लिए ददूसरा स्कूल और 17 सितंबर 1851 को रासता पेठ में तीसरा स्कूल स्ामपत मक्या ग्या । इसके बाद 15 माचिता 1852 को वेतालपेठ में मभड़े की हवेली में लड़कियों के लिए एक और स्कूल शुरू मक्या ग्या । नेटिव फीमेल स्कूल सोसाइटी ने 1852 में पदूना लाइरिेरी की स्ापना की । 19 मई 1852 को महातमा फुले ने वेताल पेठ में दलितों के लिए भारत का पहला स्कूल खोला और धुराजी चिांभर और गणु शिवाजी मांग को दलित मशक्क मन्युकत मक्या । इस सम्य उनके सह्योमग्यों सदाशिव गोवंडे, सखाराम परांजपे, विट्ठल वालवेकर, वामन प्रभाकर भावे और विना्यक भंडारकर ने उन्हें बहुमदूल्य सहा्यता प्रदान की ।
महातमा फुले ने अपने कुछ ममरिों के साथ मिलकर सितंबर 1853 में महार, मांग आदि जामत्यों को मशमक्त करने के लिए ' मंडली ' नामक संस्ा की स्ापना की । 1955 में उन्होंने व्यसकों के लिए देश का पहला ' रामरि विद्ाल्य ' स्ामपत मक्या । 1882 में फुले ने भारत में शिक्ा पर हंटर आ्योग के समक् कई महतवपदूणता मांगें रखीं, जिनमें बारह वर्ष से कम आ्यु के लड़के और लड़कियों के लिए मुफत और अनिवा्यता प्राथमिक शिक्ा, मशक्कों को प्रमशमक्त मक्या जाना चिाहिए, मशक्क भी बहुजन समुदा्य से होने चिाहिए, व्यावहारिक जीवन की शिक्ा प्रदान की जानी चिाहिए, आदिवासी जामत्यों और जनजामत्यों को शिक्ा में प्राथमिकता दी जानी चिाहिए, ककृमर और तकनीकी शिक्ा प्रदान की जानी चिाहिए, खेत से एकरि राशि किसानों की शिक्ा पर खचिता की जानी चिाहिए और कालेज की शिक्ा जीवन की जरूरतों को पदूरा करना आदि शामिल थी । वह एमश्या के पहले शिक्ामवद थे, जिन्होंने प्राथमिक शिक्ा निःशुलक, सार्वजनिक और अनिवा्यता करने की मांग की थी ।
सामाजिक सदुिार
1895 में, 28 वर्ष की आ्यु में महातमा फुले ने पुणे में अपना पहला नाटक ' तृती्य रत्न ' लिखा । इसे ज्योतिबा की पहली पुसतक और मराठी में पहला सामाजिक नाटक कहा जाता है । 28 जनवरी 1863 को उन्होंने पुणे में अपने निवास पर भारत में पहला बाल हत्या निवारण गृह स्ामपत मक्या । इसके बाद पंढरपुर में भी इसी प्रकार का सदन स्ामपत मक्या ग्या । काशीबाई नाटू नामक महिला ने पुणे के शिशुहत्या निवारण गृह में एक बच्े को जन्म मद्या । बाद में, 1873 में फुले दमपमत ने इसी बच्े को गोद मल्या और उसका नाम ्यशवंत रखा । ्यही ्यशवंत बाद में डाकटर बना । 1877 में पुणे के धनकवडी में सदूखा पीमड़त छारिों के लिए एक शिविर स्ामपत मक्या ग्या था । उन्होंने ' विकटोरर्या अनाथाल्य ' की भी स्ापना की । विधवाओं के बाल काटने की प्रथा को रोकने के लिए तालेगांव धमधेरे और ओतदूर में नाइ्यों द्ारा एक दिवसी्य हड़ताल का आ्योजन मक्या, जबकि 8 माचिता 1864 को गोखले के बगीचिे में विधवा पुनर्विवाह समपन् करा्या ।
महातमा फुले द्ारा लिखित ' सार्वजनिक सत्यधर्म ' को सत्यान्वेषी समुदा्य का मानक ग्त्् माना जाता है । सापतामहक ' दीनबंधु ' इस समाज के मुखपरि के रूप में चिला्या जाता था । उन्होंने तुकाराम के अभंगों की तर्ज पर कई ' अखंडों ' की रचिना की । उन्होंने अपनी पुसतक ' सलेवरी ' अमेरिका के अ्वेत लोगों को समर्पित की ।‘ अछूतों की शिका्यत’ महातमा फुले द्ारा लिखित एक अप्रकाशित पुसतक है । उनकी पुसतक, पब्लिक ट्रुथ, उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित हुई । �
दबंगों ने चार दलितों को गाडी से कु चला
एक महिला की मौत, तीन अन् घायल
उत्र प्रदेश के बुलंदशहर जिले में दबंगों को गांव में तेज़ गति से गाडी चिलाने पर टोकना इतना नागवार लगा कि उन्होंने चिार दलितों को अपनी गाडी से कुचिल मद्या । घटना में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अत््य गंभीर रूप से घा्यल हो गए । मामले को गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने ततकाल कार्रवाई करके चिार आरोमप्यों प्रांशु, मानव, कृष्ण और अतुल को गिरफतार करके जेल भेज मद्या । साथ ही छह आरोमप्यों के विरुद्ध मामला दर्ज कर मल्या । घटना गत 21 अप्रैल को देर रात को हुई ।
जानकारी के अनुसार बुलंदशहर कोतवाली देहात क्ेरि के गांव सुनहरा में बमबे की पटरी के पास गत 21 अप्रैल की देर रात कुछ दलित ्युवक बैठे हुए थे । तभी वहां से तेज गति से गामड़्यां निकली, जिसका स्ानी्य लोगों ने विरोध मक्या । इसके बाद गाडी सवार ्युवकों ने विरोध करने वाले दलित ्युवकों से मारपीट की और फिर सड़क किनारे खड़े लोगों पर गाडी चिढ़ा दी । पीड़ितों का अनुसार दबंगों ने गाडी को कई बार आगे-पीछे कर लोगों पर चिढ़ा्या और फिर फरार हो गए । दबंगों की गाडी की चिपेट में आई बुजुर्ग महिला शीला की मौके पर मौत हो गई, जबकि सुनीता, हदूरन, कांमत, प्रेमचिंद सहित पांचि अत््य गंभीर रूप से घा्यल हो गए ।
घटना के बाद कोमधत ग्ामीणों ने सड़क जाम कर दी । ग्ामीणों के आरोपों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करके पुलिस ने छह आरोमप्यों के विरुद्ध हत्या, हत्या का प्र्यास और अनुसदूमचित जाति-जनजाति उतपीड़न कानदून के अंतर्गत मामला दर्ज कर मल्या । घटना के बाद कुछ वीमड्यो सोशल मीमड्या पर वा्यरल हुए, जिनमें आरोपी थार गाडी से भागते दिखाई दिए । बाद में घटना में प्र्युकत थार गाडी को पुलिस ने बरामद कर मल्या । पुलिस अब दो फरार आरोमप्यों की तलाश कर रही है ।
घटना के बाद क्ेरि में तनाव बना हुआ है । गांव में शांति व्यवस्ा बनाए रखने के लिए पुलिस को तैनात मक्या ग्या है । पुलिस अधीक्क( नगर) शंकर प्रसाद के अनुसार फरार आरोमप्यों की पहचिान कर ली गई है और उन्हें जलद ही गिरफतार कर मल्या जाएगा । घटना बेहद गंभीर है और दोमर्यों को किसी भी हाल में बखसा नहीं जाएगा ।
ebZ 2025 37