अनुसदूचित जाति का प्रतिनिधित्व करने वाले ददूसरे मुख्य न्ायाधीश होंगे न्ायमदूरतं गवई
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च्तम त््या्याल्य के आगामी मुख्य त््या्याधीश भदूरण रामकृष्ण गवई, ददूसरे ऐसे मुख्य त््या्याधीश होंगे, जो दलित समाज का प्रतिनिधितव करते हैं । वह उच्तम त््या्याल्य के 52वें मुख्य त््या्याधीश के रूप में अपना पदभार ग्हण करेंगे । उनका का्यताकाल 23 नवंबर ' 2025 तक होगा । उनकी मन्युक्ति न केवल त््याम्यक प्रमक्या का एक मन्यमित हिससा है, बल्कि ्यह सामाजिक त््या्य, प्रतिनिधितव और जातिगत विमर्श की दृन््ट से महतवपदूणता मानी जा रही है ।
जानकारी के अनुसार दलित समाज का प्रतिनिधितव करने वाले त््या्यमदूमतता गवई का जन्म 24 नवंबर ' 1960 को महारा्ट्र के अमरावती जिले में हुआ था । उनके पिता रावसाहब गवई एक प्रमुख राजनीमतज् थे, जो डा. भीमराव आंबेडकर की मवचिारधारा से प्रभावित थे । त््या्यमदूमतता गवई ने नागपुर मव्वमवद्ाल्य से कानदून की शिक्ा लेने के बाद 1985 में बलॉमबे उच् त््या्याल्य में वकालत आरमभ की । प्रारंभिक वरषों में उन्होंने प्रमुख अधिवकता और त््या्याधीश राम रेड्ी के अधीन कानदून और त््या्य को गहनता से समझने के साथ ही संवैधानिक मवर्यों को समझने का अवसर मिला ।
उन्हें 14 नवंबर ' 2003 को बलॉमबे उच् त््या्याल्य में त््या्याधीश के रूप में मन्युकत मक्या ग्या । इस पद पर रहते हुए उन्होंने लगभग सोलह वरषों तक कई महतवपदूणता मामलों की सुनवाई की । वह हमेशा इस बिंदु पर ध्यान देते रहे कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक त््या्य पहुंचिे । 2019 में उन्हें उच्तम त््या्याल्य में त््या्याधीश मन्युकत मक्या ग्या । उन्होंने कई ऐतिहासिक और संवेदनशील मामलों की सुनवाई में हिससा मल्या,
जिनमें 2016 में हुई नोटबंदी की संवैधानिक वैधता, अनुचछेद-370 की समाप्ति से जुड़े मामले शामिल हैं । नोटबंदी के मामले में उन्होंने सरकार के मनणता्य को सही बताते हुए कहा था कि इस मनणता्य की प्रमक्या में भारती्य रिजर्व बैंक को मव्वास में मल्या ग्या था । इसीलिए इसे असंवैधानिक नहीं माना जा सकता । उच्तम त््या्याल्य में चिुनावी बांड ्योजना पर मनणता्य देने वाली पीठ के गठन के दौरान उन्होंने स्वयं को ्यह कहकर पीठ से अलग कर मल्या था कि उन्हें उस मामले में बैठना उमचित नहीं लगेगा, जिससे हितों के टकराव की आशंका हो । ्यह उदाहरण उनकी सिद्धांतवादी सोचि को सामने रखता है ।
नवंबर ' 2024 में त््या्यमदूमतता गवई को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का का्यताकारी अध्यक् मन्युकत मक्या ग्या । इस भदूमिका में उन्होंने गरीब, दलित, वंमचित, महिला, ट्रांसजेंडर व्यक्ति और दिव्यांग नागरिकों के लिए मुफत कानदूनी सहा्यता को प्रभावी बनाने के लिए ठोस प्र्यास किए । उन्होंने लोक अदालतों, ई-कोरसता और विधिक साक्रता का्यताकमों को बढ़ावा देने की नीति अपनाई ।
त््या्यमदूमतता गवई से पहले दलित जाति का प्रतिनिधितव करने वाले त््या्यमदूमतता के. जी. बालकृष्ण 2007 से 2010 तक उच्तम त््या्याल्य के पदूवता मुख्य त््या्याधीश रहे चिुके हैं । जानकारी के अनुसार उच्तम त््या्याल्य में अभी तक दलित समाज से सिर्फ दो ही मुख्य त््या्याधीश बने हैं । त््या्यमदूमतता बालकृष्ण के बाद अब दलित समाज का प्रतिनिधितव करने वाले त््या्यमदूमतता रामकृष्ण गवई आगामी 14 मई 2025 को भारत के 52 वें मुख्य त््या्याधीश के रूप में पदभार ग्हण करेंगे । �
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