समाचार सार
हिससा मल्या । समापन सरि में मवमभन् राज्यों एवं केत्द्-शासित प्रदेशों के मंमरि्यों ने अपने संबोधन में संघी्य सह्योग की भावना को मजबदूती दी । केन्द्रीय सामाजिक त््या्य एवं अधिकारिता मंरिी डा. वीरेंद् कुमार ने अपने समापन भाषण में गत 8 अप्रैल को मचिंतन शिविर के महतव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ्यह शिविर रचिनातमक संवाद को बढ़ावा देता है, सह्योगातमक सोचि को प्रेरित करता है और साक््य-आधारित नीतिगत परर्करण का मार्ग प्रशसत करता है ।
शिविर के पहले दिन राज्यों की ओर से 11 और ददूसरे दिन 10 प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें से कुछ प्रस्तुतियां संबंधित राज्यों के सामाजिक त््या्य एवं अधिकारिता विभागों के प्रभारी मंमरि्यों द्ारा दी गईं । इन प्रस्तुतियों के अलावा, मवमभन् राज्य सरकारों के प्रमतमनमध्यों ने मौजदूदा
्योजनाओं के मक्यात्व्यन को प्रभावित करने वाले मुद्ों को उठा्या और भविष्य में सुधार के लिए सुझाव भी दिए । विविध मवर्यों और सरिों के दौरान मवमभन् राज्यों एवं केत्द्-शासित प्रदेशों ने अपने अनुभव, चिुनौमत्यों एवं उपलन्बध्यों को साझा मक्या, जिससे मचिंतन शिविर के साझा ज्ान और सववोत्म का्यताप्रणामल्यों के मदूल्यवान पदूल में ्योगदान मिला । इस सहभागी माहौल ने जमीनी सतर पर व्यावहारिक मुद्ों-डिजिटल बुमन्यादी ढांचिे की कमी से लेकर कौशल एवं जागरूकता अमभ्यान की आवश्यकता तक-पर ठोस इनपुट को संभव बना्या जिससे कार्रवाई ्योग्य परिणाम सामने आए ।
मचिंतन शिविर में मंरिाल्य के चिार राष्ट्रीय मवत् एवं विकास निगमों- एनएसएफडीसी, एनबीसीएफडीसी, एनडीएफडीसी और
एनएसकेएफडीसी- की समीक्ा से अनुसदूमचित जाति( एससी), अत््य पिछड़ा वर्ग( ओबीसी), दिव्यांगों और सफाई कमताचिारर्यों के बीचि आ्य सृजन के प्र्यासों और आजीविका संवर्धन के बारे में जानकारी मिली । मवमभन् हितधारकों ने मवत् की सुलभता को सरल बनाने और हाशिए पर पड़े समदूहों के बीचि उद्मशीलता को बढ़ावा देने के बारे में मवचिार-विमर्श मक्या । मचिंतन शिविर-2025 सभी हितधारकों के बीचि सह्योग, समत्व्य और साझा जिममेदारी का एक प्रमाण है, ताकि सतत और भागीदारीपदूणता विकास को आगे बढ़ाया जा सके । रचिनातमक संवाद, सववोत्म तौर-तरीकों को साझा करने और उत्रदा्यी नीति निर्माण के माध्यम से, मचिंतन शिविर 2025 सबका साथ, सबका विकास की सच्ी भावना में एक त््या्यपदूणता और समतापदूणता समाज का मार्ग प्रशसत कर रहा है । �
पोषण पखवाड़ा- 2025 मनाया गया
महिला एवं बाल विकास मंरिाल्य द्ारा दो सपताह तक मनाए गए पोषण पखवाड़ा-2025 रा्ट्रव्यापी अमभ्यान का उद्े््य पोषण जागरूकता को बढ़ावा देना, मातृ एवं शिशु सवासथ्य में सुधार और सवासथ्य जागरूकता द्ारा समुदा्यों को सशकत बनाना रहा । नगरी्य एवं ग्ामीण क्ेरि में रहने वाली सभी जाति-समदूह की महिलाओं पर केंमद्त ्यह पहल पोषण अमभ्यान का ददूसरा चिरण है, जो सामुदाम्यक सहभागिता बढ़ाने और व्यन्कत्यों और समुदा्यों दोनों के सशक्तिकरण पर केंमद्त है ।
पोषण पखवाड़ा-2025 के प्रमुख मवर्यवसतु में जीवन के प्रथम हजार दिन पर ध्यान केंमद्त मक्या ग्या है । इसमें गर्भाधान से लेकर दो वर्ष की आ्यु तक जीवन के प्रथम हजार दिनों के दौरान पोषण के महतव पर
जोर मद्या ग्या है । ्यह
महतवपदूणता अवधि ही आजीवन सवासथ्य और विकास का आधार होती है । गर्भावस्ा और शिशु अवस्ा के आरंभिक दिनों में प्यातापत पोषण बेहतर सवासथ्य परिणामों, उतपादकता में वृद्धि और व्यसक अवस्ा में अधिक आ्य अर्जन का कारण बनता है । इस अवधि के दौरान पोषण को प्राथमिकता देकर, हम पीढ़ियों से चिले आ रहे कुपोषण के चिक को भी तोड़ सकते हैं ।
इससे पहले गत 9 से 23 माचिता ' 2024 तक आ्योजित पिछले पोषण पखवाड़े में पोषण
भी पढ़ाई भी( पीबीपीबी), गर्भवती महिलाओं का सवासथ्य और शिशु एवं छोटे बच्ों को आहार( आईवाईसीएफ) जैसे प्रमुख मवर्यों पर ध्यान केंमद्त मक्या ग्या था । पोषण जागरूकता से संबंधित का्यताकम को परिणाम- आधारित गमतमवमध्यों पर ध्यान केंमद्त मक्या ग्या है । पोषण पखवाड़े-2025 का उद्े््य समक्य सामुदाम्यक भागीदारी सुमनन््चित करते हुए पोषण संबंधी सेवा बेहतर ढंग से का्यातान्त्वत करने, पोषण उपा्यों और मातृ-शिशु कल्याण में सुधार लाना है ।
28 ebZ 2025