बाध्य हो गए । हैरत की बात ्यह है कि पीड़ितों में अधिकांश दलित, वंमचित एवं पिछड़े वर्ग के लोग शामिल हैं ।
वैसे राज्य में ्यह पहली घटना नहीं है, जब कट्टर मुस्लिमों की भीड़ ने हिन्दुओं को निशाना बना्या है । गत माचिता माह में हुई कई घटनाओं के बाद गत अप्रैल माह में मालदा जिले के मोथाबारी गांव में मुस्लिमों की हिंसक भीड़ ने हिंदुओं के सवामितव वाले व्यापारिक प्रमत्ठानों और घरों को निशाना बना्या । राज्य में लगातार हो रही महत्ददू विरोधी हिंसा( विशेष रूप से मुस्लिम बाहुल्य जनसंख्या वाले 23 जिलों में) का सर्वाधिक घातक प्रभाव पिछड़े, अनुसदूमचित जाति एवं अनुसदूमचित जनजाति के लोगों पर पड़ रहा है । हिंसा एवं अराजकता के माध्यम से ग्ामीण से लेकर नगरी्य क्ेरिों में धर्मान्तरण का दबाव बना्या जा रहा है ।
राज्य की मुख्यमंरिी ममता बनजमी अपने वोट बैंक के कारण मुस्लिमों द्ारा फैलाई जा रही हिंसा पर आंख मदूंद कर चिुपचिाप बैठी हुई हैं । वह हिंसा के लिए अपने राजनीतिक विरोमध्यों भाजपा और वामदलों के विरुद्ध मिलकर राजनीति करने का आरोप लगाती हैं । सार्वजनिक रूप से मुख्यमंरिी बनजमी कितने ही दावे करें,
लेकिन राज्य में महत्ददू विरोधी गमतमवमध्यों को सुमन्योजित रूप से बढ़ावा मद्या जा रहा है । राज्य में समक्य महत्ददू विरोधी मुस्लिम संगठन एवं ततवों के लिए अवैध बांगलादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठिएं हम््यार के रूप में काम कर रहे हैं । इसकी पुन््ट कई बार सुरक्ा एजेंमस्यां भी कर चिुकी हैं ।
सतय को छिपाने की कोशिश
राज्य में गरीब, दलित, वनवासी और भाजपा समर्थक नेताओं एवं का्यताकर्ताओं के विरुद्ध सुमन्योजित रूप से जारी हिंसा-उतपीड़न की घटनाओं को पन््चिम बंगाल में मुख्यमंरिी बनजमी द्ारा लगातार गलत, झदूठा और राजनीति से
प्रेरित बता्या जा रहा है, वह पहली बार नहीं है । 2021 में कलकत्ा उच् त््या्याल्य की पांचि सदस्यी्य पीठ ने कई रकतरंजित घटनाओं का सत्य सबके सामने लाकर हिंसा की सभी शिका्यतों को प्राथमिकी के रूप में दर्ज करने का आदेश सुना्या था । उसी सम्य ्यह सप्ट हो ग्या था कि मुख्यमंरिी ममता द्ारा किए जाने वाले दावे कितने खोखले हैं । राज्य में मुस्लिमों द्ारा लगातार फैलाई जा रही हिंसा और उतपीड़न अब आम हो ग्या है । विधानसभा चिुनाव के बाद से राज्य में भाजपा नेताओं, का्यताकर्ताओं के साथ गरीब, दलित, वनवासी वर्ग की जनता को निशाना बना्या जा रहा है । हिंसा और प्रतिशोध की राजनीति ने पदूरे राज्य को बंधक
बना मल्या है । लोकतंरि की सभी मात््यताओं को तार-तार कर रही ममता सरकार के का्यताकाल में एक सामात््य व्यक्ति का जीना ददूभर हो ग्या है । हिंसा की भ्यावह घटनाओं को सुनकर 1971 में पाकिसतानी सेना के अत्याचिारों, लोमहर्षक हत्याओं, दु्कमवो की ्याद ताजा हो रही है । इसी बंगाल में 1946 में जिन्ा के आह्ान में हुए भीषण नरसंहार में लाखों हिन्दुओं की हत्या कर दी गई थी । राज्य के उत्री एवं दमक्णी दिनाजपुर, मालदा, बीरभदूम, मुर्शिदाबाद का जनसांन्ख्यकी्य अनुपात एनआरसी के अभाव में वरवो से लगातार बिगड़ता जा रहा है ।
सतक्य है गदुंडा तंत्र दो दशक पहले पन््चिम बंगाल में वामपंथी ebZ 2025 21