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प्रधानमंत्ी मुद्रा लोन योजना , प्रधानमंत्ी उज्िला योजना , आयुषम्र भारत योजना , सिचछ भारत अभियान , मेक इन इंडिया , प्रधानमंत्ी आवास योजना , प्रधानमंत्ी गरीब कलय्ण योजना , जलजीवन मिशन , प्रधानमंत्ी आवास योजना सहित अनेकों योजनाओं के सफल वासिविक क्रियानिर ने आम जनता के लिए विकास के नए मार्ग प्रशसि किए ।
इसी का परिणाम है कि नगरों से लेकर ग््मों में रहने वाली जनता के जीवन सिर पर सकारातमक प्रभाव बड़ी आसानी के साथ देखा जा सकता है । शौचालय , गैस चूलह् , बिजली , सिचछ जल , संचार की आधुनिक वयिसथ्एं सहित आम जनजीवन पर प्रभाव डालने वाले साधनों तक पहुंच होने के बाद जनता की आर्थिक-सामाजिक ससथवियों में आने वाले परिवर्तन देश के विकास की नयी गाथा लिख रहे हैं और यही कारण है कि देश ने प्रति वयसकि आय के मोचचे पर लंबी छलांग लगाई है । सरकारी नीतियों का भी अपना योगदान देश की अर्थवयिसथ् में आई मजबूती और प्रति वयसकि आय की बढ़ोिरी के पीछे जीएसटी , नोटबंदी और डिजिटल पेमेंट को सहज बनाने जैसी कई सरकारी नीतियों की भी अपनी महतिपूर्ण भूमिका है । देश में नगदी के सथ्र पर डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलने से जहां भ्रषट्चार में कमी दर्ज की गयी है , जो डिजिटल अर्थवयिसथ् से लगभग हर नागरिक अपने सम्ट्ट मोबाइल फ़ोन के माधयम से जुड़ता जा रहा है । वर्ष 2022 में एकीककृि भुगतान इंटरफ़ेस ( यूपीआई ) के माधयम से आम जनता ने अपने मोबाइल से प्रतयेक सेकेंड में 2348 ट््ंजैकशर किए । हर्ष का विषय यह भी है कि भारत का यूपीआई डिजिटल पेमेंट अब वैसशिक हो रहा है । सिंगापुर ने इसे अपना लिया है , तो संयुकि अरब अमीरात और इंडोनेशिया जैसे देश इसे अपनाने की तैयारी में हैं । ऐसा होने के बाद इसका लाभ भारतीय निवेशकों को मिलेगा । देखा जाए तो मोदी सरकार की नीतियों से अर्थवयिसथ् को औपचारिक यानी संगव्ठि बनाने , कर राजसि के अधिक संग्हण औऱ भ्रषट्चार में कमी से प्रति वयसकि आय भी बढ़ी है और
अर्थवयिसथ् भी दुरुसि हुई है ।
भारत अब वैलविक मंच पर आने को तैयार
कोरोना महामारी के बाद से भारत अपनी धीमी , लेकिन सतत आर्थिक गति के कारण विशि के सभी देशों की निगाह भारत पर लगी हुई है । हाल ही में िलड्ट ऑफ स्टैटिससटकस ने दावा किया था कि भारत में मंदी आने की संभावना शूनय प्रतिशत है , जबकि वरिटेन , अमेरिका , यूरोप और रि्जील आदि देशों में यह
समभ्िर् 75 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक रही । जीएसटी कर संग्ह में दर्ज होता रिकार्ड और अनय क्षेत्ों के आंकड़े भी यह बताते हैं कि भारतीय अर्थ वयिसथ् अपनी मजबूती को बनाए हुए हैं । अंतर्नाषट्ीय मुद्रा कोष के अनुसार 2023 में भी भारतीय अर्थवयिसथ् दुनिया भर में सबसे अधिक तेजी से बढ़ेगी । इसी के साथ हर्ष का विषय यह भी कि अमेरिका , चीन , जापान और जर्मनी के बाद भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थवयिसथ् बन चुका है । वैसशिक मंच पर भारत लगातार अपनी जगह बना रहा है ।
18 ebZ 2023