जानकर आशचयना तो होगा ही , साथ ही देश की तथाकथित प्रबुद्ध मीडिया वर्ग के प्रति क्रोध भी उपजेगा । इसका कारण यह है कि मीडिया ने देश की जनता को यह बताने की आवशयकता ही नहीं महसूस की कि नौ िरयों के सफल कार्यकाल में आम जनता की आय 2014 की तुलना में दोगुनी हो गयी है । प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में पहली बार शपथ ली थी , तब भारत की प्रति वयसकि आय 86,467 रुपए थी , जो अब बढ़कर 1.72 लाख रुपए हो गई है । यह आंकड़े यह भी बताते हैं कि भारत की अर्थवयिसथ् बिलकुल सिसथ है और मोदी राज में प्रति वयसकि आय में लगातार बढ़ोिरी हो रही है ।
इसका अर्थ यह है कि मोदी राज में देश की आम जनता , जिसमें दलित , वनवासी , गरीब वर्ग की जनता शामिल है , की ससथवियों में आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है । अपने नौ वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार ने देश को
वासिविक रूप से विकसित करने के लिए उन सभी िगयों को मुखय धारा से जोड़ने में सफलता प्रापि की है , जो सििंत्ि् के बाद से सामाजिक और आर्थिक सशसकिकरण की राह तक रहे थे ।
2014 से पहले देश की दशा
केंद्र में पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी की सरकार का ग्ठर होने से पहले तक देश की सत्ता किसी न किसी रूप में कांग्ेस के पास रही । कांग्ेस ने अपने वामपंथी सहयोगियों के साथ ही कई क्षेत्ीय दलों की मिलीभगत से देश की जनता को जाति , वर्ग एवं धर्म के नाम पर विभाजित करने की रणनीति पर काम किया । इसके पीछे कारण म्त् एक ही रहा और वह यह था कि किसी न किसी रूप में सत्ता कांग्ेस के पास ही रहे , जिससे वह अपने सि्थनापूर्ण हितों को पूरा कर सके । सििंत्ि् के बाद से ही कांग्ेस नेताओं ने जाति और धर्म के नाम पर ही राजनीति की । शोध का विषय यह भी है कि
ebZ 2023 13