प्रमुख पहल
प्धानमंत्ी अनुसूचित जाति अभयुदय योजना ( पीएम-एजेएवाई )
-2021-22 में शुरू की गई यह योजना अनुसदूहचत जाति बहुल गांवों में कौशल विकास , आय सृजन और बुनियादी ढांचे के माधयर से एससी समुदायों के उत्ान के लिए तीन योजनाओं को जोड़ती है । इसके तीन घटक हैं : आदर्श ग्ार विकास , सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता और उच्च शिक्ा संस्ानों में छारिावास निर्माण । 1 जनवरी , 2024 से अब तक 5,051 गांवों को आदर्श ग्ार घोषित किया जा चुका है , 3,05,842 लोगों को ला्भ पहुंचाने वाली 1,655 परियोजनाओं को मंज़दूरी दी गई है और 38 छारिावासों के लिए 26.31 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं ।
िलक्त क्ेत्ों में उच्च विद्ाियों के छात्ों के लिए आवासीय शिक्ा योजना ( एसआरईएसएचटीए )
श्रेष्ठ योजना का उद्े्य अनुसदूहचत जाति बहुल क्ेरिों में अनुदान प्ापत संस्ानों और उच्च गुणवतिा वाले आवासीय विद्ालयों को सहायता प््ान करके सेवा अंतराल को पाटना है । यह कक्ा 9 और 11 में अनुसदूहचत जाति के छारिों के लिए शीर्ष सीबीएसई / राजय बोर्ड से संबद् निजी सकूलों को हवतिीय सहायता प््ान करता है , जिससे कक्ा 12 तक शिक्ा सुनिश्चत होती है । इसके अतिरर्त , यह गैर सरकारी संग्ठनों / सवयंसेवी संग्ठनों को पर्यापत बुनियादी ढांचे और मजबदूत शैक्हणक मानकों के साथ आवासीय और गैर- आवासीय सकूल और छारिावास चलाने के लिए निधि प््ान करता है , जिससे अनुसदूहचत जाति समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्ान को बढावा मिलता है ।
पर्पल फेस्ट
सामाजिक नयाय और अधिकारिता मंरिालय के विकलांग वयक्तयों के सशक्तकरण हव्भाग ( डीईपीडब्यदूडी ) द्ारा 2023 से पर्पल फेसट ( समावेश का तयोिार ) का आयोजन किया जा रहा है । 2024 में , इस काय्मरिर में 10,000 से अधिक दिवयांगजन और उनके अनुरक्कों का सवागत किया गया , जिससे एकजुटता और आपसी समरान की ्भावना को बढावा मिला । पर्पल फेसट एक अधिक समतारदूण्म समाज की दिशा में एक आंदोलन है , जो स्भी के लिए पहुंच , समरान और समान अवसर के मूल्यों की वकालत करता है । इस काय्मरिर में महत्वपूर्ण पहलों का शु्भारं्भ ्भी हुआ , जिसमें टाटा पावर कमयुहनटी डेवलपमेंट ट्रसट के सहयोग से इंडिया न्यूरोडायवर्सिटी पलेटफलॉर्म शामिल है , जिसका उद्े्य प्ारंह्भक हसतक्ेर और घरेलदू देख्भाल समर्थन , समावेशी संचार को बढावा देने के लिए मनोवृहति संबंधी बाधाओं और विकलांगता-संवेदनशील ्भाषा पर एक पुकसतका , और अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन और डीईपीडब्यदूडी द्ारा 25 राषट्रवयारी रोजगार
मेलों की एक श्रृंखला है ।
राषट्ीय मशीनीकृत स्वचछता पारिस्थितिकी तंत् कार्य ( नमस्ते )
नेशनल ए्शन फलॉर मैकेनाइजड सैनिटेशन इकोसिसटर ( नमसते ) एक केंद्रीय योजना है जिसे सामाजिक नयाय और अधिकारिता मंरिालय ( एमओएसजेई ) और आवास और शहरी मामलों के मंरिालय ( एमओएचयदूए ) की संयु्त पहल के रूप में हवति वर्ष 2023-24 में आरम्भ किया गया । इसका उद्े्य शहरी ्भारत में सफाई कर्मचारियों की सुरक्ा , समरान और स्ायी आजीविका सुनिश्चत करना है । इस योजना ने मैनुअल सकैवेंजर्स ( एसआरएमएस ) के पुनर्वास के लिए रदूव्म सव-रोजगार योजना के घटकों को एकीककृत किया है और हवति वर्ष 2024-25 से लक्य सरदूि के रूप में कचरा बीनने वालों को शामिल करने के लिए इसके कवरेज का विसतार किया है ।
आजीविका और उद्म के लिए हाशिए पर पड़े वयत्तयों के लिए सहायता ( एसएमआईएलई ) आजीविका और उद्र के लिए हाशिए पर रड़े
वयक्तयों के लिए सहायता ( एसएमआईएलई ) योजना एक वयारक पहल है जिसका उद्े्य ट्रांसजेंडर वयक्तयों और ्भीख मांगने में लगे लोगों का पुनर्वास करना है । इसका प्ा्हरक उद्े्य ह्भखारियों को मुखयधारा के समाज में फिर से शामिल करके ' ह्भक्ा वृहति मु्त ्भारत ' बनाना है । यह योजना क्ेरि-विशिषट सववेक्ण , जागरूकता अह्भयान , लामबंदी और बचाव कायषों , आश्रय गृहों और बुनियादी सेवाओं तक पहुँच , कौशल प्हशक्ण , वैकल्रक आजीविका के विक्र और सवयं सहायता सरदूिों ( एसएचजी ) के ग्ठन पर केंद्रित है । वर्तमान में , यह 81 शहरों और कसबों में सहरिय है , जिसमें प्रुख तीर्थ , ऐतिहासिक और पर्यटन स्ल शामिल हैं , अगले चरण में इसे 50 और शहरों में विसतारित करने की योजना है । �
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