निर्णय
तीन वर्ष के लिए बढाया गया राष्टीय सफाई कर््गिारी आयोग का कार्यकाल
प्धानमंरिी नरेनद्र मोदी की अधयक्ता में केंद्रीय मंहरिमंडल ने राषट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ( एनसीएसके ) के कार्यकाल को 31.03.2025 से आगे तीन वरषों के लिए ( अर्थात 31.03.2028 तक ) बढाने को सवीककृहत दे दी है । एनसीएसके के तीन वरषों के विसतार के लिए कुल हवतिीय प्रभाव लग्भग 50.91 करोड़ रुपए का होगा । गत 7 फरवरी को केंद्रीय मंहरिमंडल में लिए गए निर्णय के अनुसार इससे सफाई कर्मचारियों के सामाजिक- आर्थिक उत्ान को सुविधाजनक बनाने , सफाई क्ेरि में काम करने की कस्हत में सुधार लाने और खतरनाक सफाई कार्य करते समय शदूनय मृतयु दर की कस्हत में पहुंचने के लक्य को हासिल करने में मदद मिलेगी ।
जानकारी हो कि राषट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम-1993 को सितंबर , 1993 में अधिनियमित किया गया था और एक वैधानिक राषट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का ग्ठन पहली बार अगसत 1994 में हुआ था । आयोग सफाई कर्मचारियों की कस्हत , सुविधाओं और अवसरों में असमानताओं को समापत करने की दिशा में केंद्र सरकार के लिए विशिषट काय्मरिरों की सिफारिश करता है । साथ ही सफाई कर्मचारियों और विशेष रूप से मैला ढोने वालों के सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास से संबंधित काय्मरिरों और योजनाओं के कार्यानवयन का अधययन और मूल्यांकन करने का कार्य ्भी करता है । इसके साथ ही आयोग विशिषट शिकायतों की जांच करना , सफाई कर्मचारियों
के किसी सरदूि के संबंध में काय्मरिरों या योजनाओं को लागदू करना , सफाई कर्मचारियों की मुश्कलों को कम करने के उद्े्य से लिए गए निर्णयों , दिशा-हन्वेशों आदि के गैर- कार्यानवयन से संबंधित मामलों का सवतः संज्ञान लेना , सफाई कर्मचारियों आदि के सामाजिक और आर्थिक उत्ान के लिए उपाय , सफाई कर्मचारियों की सवासरय सुरक्ा और वेतन से संबंधित कार्य कस्हतयों का अधययन और निगरानी करना , सफाई कर्मचारियों से संबंधित किसी ्भी मामले पर केंद्र या राजय सरकार को रिपोर्ट देना , जिसमें सफाई कर्मचारियों के सामने आ रही किसी ्भी मुश्कल या अक्रता को धयान में रखा जाएगा और कोई अनय मामला जो केंद्र सरकार द्ारा उसे ्भेजा जा सकता है , पर विचार
करके अपनी संसतुहतयां करता है ।
मैला उ्ठाने वालों ( मैनुअल सकैवेंजर्स ) के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम , 2013 ( एमएस अधिनियम 2013 ) के प्ावधानों के तहत , एनसीएसके निम्नलिखित कार्य कर रहा है । इसमें अधिनियम के कार्यानवयन की निगरानी , अधिनियम के प्ावधानों के उ्लंघन के संबंध में शिकायतों की जांच करना तथा आगे कदम उ्ठाए जाने के लिए आव्यक सिफारिशों के साथ अपने निषकरषों को संबंधित अधिकारियों को सदूहचत करना , अधिनियम के प्ावधानों के प्रभावी कार्यानवयन के लिए केंद्र और राजय सरकार को सलाह देना और अधिनियम के गैर- कार्यानवयन से संबंधित मामले का सवतः संज्ञान लेना शामिल है ।
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