शिक्ा शासरि , संरचनातरक असमानताओं , पहुंच संबंधी असमानताओं और बड़े पैमाने पर वयावसायीकरण की समसयाओं को समापत करना है ।
-नीति सामाजिक और शैहक्क रूप से वंचित बच्चों को शिक्ा प्ापत करने में मदद करने के लिए ' समावेश निधि ' के निर्माण का प्सताव करती है ।
्भारतीय उच्च शिक्ा के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ एनईपी-2020 है । यह गुणवतिा , समानता और पहुंच को प्ा्हरकता देता है । यह गारंटी देता है कि उतिर-माधयहरक शिक्ा स्भी के लिए आशा की किरण बन जाएगी । समावेशी
शिक्ा की सफलता का श्रेय सीखने के माहौल से बाधाओं को ्दूर करने , जानकारी को आसानी से सुल्भ बनाने , प्शासनिक कौशल में सुधार करने , पाठ्यरिर और मूल्यांकन विधियों को विकसित करने और उच्च योगय हशक्कों को नियोजित करने की क्रता को दिया जा सकता है ।
इस नीति को हरियाकनवत करने के लिए सकूलों को अपनी वर्तमान नीतियों , हशक्ण विधियों , हव्वासों , मूल्यों और दृकषटकोण को बदलना होगा । रदूरे देश में आईआईटी और आईआईएम की तरह बहु-विषयक शिक्ा और अनुसंधान हव्वहवद्ालयों की स्ारना की जा रही है ।
शैक्हणक संग्ठन जो सार्वजनिक और निजी दोनों हैं , मानयता और नियंरिण नियमों के समान सेट के अधीन होंगे । ऑनलाइन हशक्ण को बढावा देने के लिए और अधिक प्यास किए जाएंगे ताकि छारि बेहतर तरीके से तैयार हो सकें । इसका सबसे ला्भ दलित एवं वंचित समाज के उन बच्चों को मिलेगा , जो अब तक शिक्ा या उच्च शिक्ा से ्दूर हैं । सरकार की प्ा्हरकता है कि शिक्ा की पहुंच समाज के स्भी वगषों तक होनी चाहिए । दलित , वंचित , गरीब इतयाह् वर्ग के छारिों के लिए केंद्र सरकार की नई शिक्ा नीति एक तरह से वरदान मानी जा सकती है ।
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