March 2025_DA | Page 15

देश में 10.45 करोड़ से ज़़या्ा अनुसदूहचत जनजाति ( एसटी ) के लोग रहते हैं , जो कुल जनसंखया का 8.6 प्हतशत है । यह एक समृद् और विविधतारदूण्म आदिवासी विरासत है । ्दूरदराज और अ्सर दुर्गम क्ेरिों में फैले यह वर्ग लंबे समय से केंद्र सरकार के विकास एजेंडे का केंद्र बिंदु रहे हैं । प्धानमंरिी नरेन्‍द्र मोदी के नेतृतव में , केंद्रीय बजट 2025-26 जनजातीय मामलों के मंरिालय के लिए बजटीय आबंटन में पर्यापत वृहद् के साथ इस प्हतबद्ता की पुकषट करता है , जिससे देश ्भर में आदिवासी वर्ग का सरग् और सतत विकास सुनिश्चत होता है ।
अनुसदूहचत जनजातियों के विकास के लिए सरग् बजट आबंटन 2024-25 में 10,237.33 करोड़ रुपए से बढकर 2025-26 में 14,925.81 करोड़ रुपए हो गया है , जो 45.79 प्हतशत वृहद् प्रभावशाली है ।
प्धानमंरिी आदि आदर्श ग्ार योजना ( पीएमएएजीवाई ) का विसतार किया गया है और इसे पांच वरषों में 80,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ धरती आबा जनजातीय ग्ार उतकर्ष अह्भयान ( डीएजेजीयदूए ) के अन्‍तर्गत
शामिल किया गया है । जनजातीय कार्य मंरिालय के लिए बजट लागत में लगातार बढोतरी देखी गई है , जो 2023-24 में 7,511.64 करोड़ रुपए से बढकर 2024-25 में 10,237.33 करोड़ रुपए हो गया और अब 2025-26 में 14,925.81 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है , जो जनजातीय क्याण पर सरकार के लगातार फोकस को दर्शाता है ।
बजट में एकलवय रलॉडल आवासीय विद्ालय ( ईएमआरएस ) के माधयर से ्दूरदराज के क्ेरिों में आदिवासी छारिों को गुणवत्तापूर्ण शिक्ा प््ान करने के लिए 7,088.60 करोड़ रुपए दिए गए हैं , जो विगत वर्ष के 4,748 करोड़ रुपये से लग्भग दोगुना है । प्धानमंरिी जन जातीय विकास मिशन में धन को 152.32 करोड़ रुपए से बढाकर 380.40 करोड़ रुपए किया गया है , जिससे जनजातीय समुदायों के लिए वर्ष ्भर आय सृजन के अवसर सृजित करने के प्यासों को बल मिलेगा । इसी तरह प्धानमंरिी आदि आदर्श ग्ार योजना ( पीएमएएजीवाई ) में आबंटन 163 प्हतशत बढकर 335.97 करोड़ रुपए
हुआ , जिसका उद्े्य शिक्ा , सवासरय सेवा और रोजगार में बुनियादी ढांचे की कमी को रदूरा करना है ।
प्धानमंरिी जनजातीय आदिवासी नयाय महाअह्भयान ( पीएम-जनमन ) के अंतर्गत बहुउद्े्यीय केंद्र ( एमपीसी ) के लिए हवति पोषण को 150 करोड़ रुपए से दोगुना कर 300 करोड़ रुपए किया गया , जिससे विशेष रूप से कमजोर जनजातीय सरदूिों ( पीवीटीजी ) बहुल बकसतयों में सामाजिक-आर्थिक सहायता में वृहद् हुई ।
पीएम-जनमन की सफलता के आधार पर , धरती आबा जनजातीय ग्ार उतकर्ष अह्भयान ( डीएजेजीयदूए ) का लक्य पांच वरषों में 79,156 करोड़ रुपए के बजटीय परिवयय के साथ 63,843 गांवों में बुनियादी ढांचे की कमी को रदूरा करना है । यह पहल 25 लहक्त हसतक्ेरों के माधयर से 17 मंरिालयों को एक साथ लाती है , जिससे सवासरय , शिक्ा , आजीविका और कौशल विकास जैसे प्रुख क्ेरिों में एकीककृत आदिवासी विकास सुनिश्चत होता है । जनजातीय कार्य मंरिालय के तहत डीएजेजीयदूए के लिए आबंटन 2025-26 में 500 करोड़ रुपए से चार गुना बढाकर 2,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है , जो जमीनी सतर पर जनजातीय समुदायों के उत्ान के लिए सरकार की प्हतबद्ता को दर्शाता है ।
केंद्रीय बजट पर प्हतहरिया वय्त करते हुए केंद्रीय जनजातीय कार्य मंरिी जुएल ओराम ने कहा कि प्धानमंरिी नरेनद्र मोदी के ्दूर्शजी नेतृतव में , केंद्रीय बजट 2025-26 एक आत्मनिर्भर ्भारत के निर्माण के लिए समर्पित है । यह परिवर्तनकारी बजट गांवों , गरीबों , किसानों , युवाओं और महिलाओं के सरग् विकास को प्ा्हरकता देता है । इस ऐतिहासिक बजट को प्सतुत करने के लिए माननीय प्धानमंरिी एवं हवति मंरिी श्रीमती निर्मला सीतारमण जी का हार्दिक आ्भार । जबकि जनजातीय मामलों के राजय मंरिी दुर्गा दास उइके ने बजट को जनजातीय क्याण के प्हत सरकार की प्हतबद्ता का प्राण बताया ।
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