madhya pradesh sanskriti MARCH 2014 | Page 33

भध्मप्रदे शसॊस्कृतत सलभतत विचाय कय चमतनत प्रकयणों को ऩात्रता- भध्मप्रदे श क भर तनिासी िे े ू उद्मोग क लरमे अर्धकतभ रुऩमे े याटरीकृत फैंकों को अनशलसत कयती है । ु ॊ आिेदक स्जनकी आमु 18 से 40 िर्ि क े 50000/- एिॊ सेिा ऺेत्र क लरमे रुऩमे े मोजना कक्रमान्वमन प्रकक्रमा- भध्म है , 10 िीॊ कऺा मा आई.टी.आई. 25000/- की ऩात्रता होगी। भास्जिन भनी थथानीम सभाचाय-ऩत्रों भें विऻाऩन उत्तीणि हैं, ऩरयिाय की सभथत थत्रोतों से सहामता दहतग्राही द्िाया रगाई जा यही दे कय अथिा भैदानी अर्धकारयमों द्िाया िावर्िक आम 1.50 राख से अर्धक नहीॊ मोजनान्तगित 50 प्रततशत से अर्धक प्रचाय-प्रसाय कयिाकय स्जरा उद्मोग है , योजगाय कामािरम भें जीवित ऩॊजीमन नहीॊ होगी। तकनीकी सॊथथाओॊ ि कन्द्र भें तनधािरयत प्रारूऩ ऩय आिेदन े है , मोजना क लरमे ऩात्र हैं। े उद्मलभता आभॊत्रत्रत ककमे जाते हैं। भाजजकन भनी सहामता- फैंक/वित्त सॊथथा प्रलशक्षऺत आिेदक, भदहरा आिेदक, दीनदमार योजगाय मोजना द्िाया/थिीकृत ऩरयमोजना रागत का गयीफी ये खा से नीचे यहने िारे ऩरयिाय उद्दे श्म- प्रदे श क लशक्षऺत फेयोजगाय े उद्मोग ऺेत्र भें 10 प्रततशत अर्धकतभ की सिे सची भें अॊककत एिॊ औद्मोर्गक ू मिक/मिततमों ु ु को रुऩमे 40000/- सेिा ऺेत्र भें 7.5 प्रततशत गततविर्धमों की थथाऩना कयने िारे भें अर्धकतभ रुऩमे 15000/- एिॊ व्मिसाम दहतग्रादहमों को प्राथलभकता दी जामेगी। थियोजगाय थथाऩना क लरमे फैंकों/वित्त े ऺेत्र भें ऩाॉच प्रततशत अर्धकतभ रुऩमे उद्मोग क अॊतगित प्रलशऺण हे तु प्रतत े सॊथथाओॊ द्िाया ददमे जाने िारे ऋण क े 7500/- भास्जिन भनी थिीकृत की जा दहतग्राही रुऩमे 700/- प्रलशऺण सॊथथा विरुद्ध अऩेक्षऺत भास्जिन भनी को जभा सकती है । िे आिेदक स्जनकी शैऺणणक को कयने भें सहामता कयना है । मोग्मता थनातक मा अर्धक है उन्हें उद्मोग/सेिा/व्मिसाम की क े ऺेत्र विकास तथा कामिक्रभ भें रुऩमे 300/- छात्रिवत्त क रूऩ भें दहतग्राही को औय सेिा ऺेत्र एिॊ व्मिसाम भें प्रलशऺण ऩय रुऩमे 350/- प्रलशऺण सॊथथा को तथा रुऩमे 150/े ृ छात्रिवत्त दहतग्राही को दे ने का प्रािधान है । ृ आवेदन की प्रकक्रमा- तन:शल्क आिेदन ऩत्र दहतग्राही सॊफर्धत स्जरे क स्जरा व्माऩाय एिॊ उद्मोग कन्द्र को प्रथतावित गततविर्ध ॊ े े ु की प्रोजेतट प्रोपाइर/मोजना की प्रतत क साथ प्रथतत कयें गे। े ु यानी दगाकवती अन. जातत/जनजातत स्वयोजगाय मोजना ु ु थिमॊ का उद्मोग सेिा एिॊ व्मिसाम प्रायॊ ब कयने क लरमे वित्तीम े सॊथथाओॊ द्िाया ऋण प्रदान ककमा जाता है । दहतग्रादहमों को थियोजगाय भें थथावऩत होने क लरमे थिमॊ भास्जिन भनी रगाना ऩड़ती े है , िे मह यालश रगाने भें असभथि होते हैं। उस स्थथतत भें उन्हें भास्जिन भनी क रूऩ भें सहामता प्रदान की जाती है । े द्रहतग्राही की ऩात्रता एवॊ प्राथमभकता- इस मोजना क अॊतगित याज्म क अनसर्चत जातत/जनजातत क दहतग्राही ऩात्र होंगे। आिेदक े े े ु ू 1. भ.प्र. का भर तनिासी हो। 2. उम्र 18 से 50 िर्ि हो। 3. ककसी शासकीम/भान्मता प्राप्त विद्मारम से कभ से कभ 5िीॊ कऺा ू उत्तीणि हो। 4. याज्म शासन का फेयोजगायी बत्ता प्राप्त आिेदक, तकनीकी लशऺा एिॊ प्रलशऺण विबाग की फहुउद्दे श्मी इॊजीतनमय मोजनाॊतगित प्रलशक्षऺत आिेदकों को प्राथलभकता यहें गी। 5. ऩरयिाय की िावर्िक आम रुऩमे 3.00 राख से अर्धक न हो। मोजना क कक्रमान्वमन की प्रकक्रमा- थथानीम सभाचाय ऩत्रों भें विऻाऩन दे कय अथिा भैदानी अर्धकारयमों द्िाया प्रचाय-प्रसाय े कयिाकय स्जरा उद्मोग कन्द्र भें तनधािरयत प्रारूऩ ऩय आिेदन ऩत्र आभॊत्रत्रत ककमे जाते है । े भाजजकन भनी ऩात्रता- मोजनान्तगित कर थिीकृत ऩरयमोजना रागत का 30 प्रततशत मा रुऩमे 15 राख जो बी कभ हो तक भास्जिन ु भनी अनदान क रूऩ भें उऩरब्ध कयाई जाती है । दहतग्राही को प्रलशऺण हे तु बी सहामता दी जाती है । े ु भत्स्म- ऩारन प्रसाय (याज्म आमोजना) 31