भध्मप्रदे शसॊस्कृतत
सकते हैं। 4. थिमॊ क उऩमोग अथिा
े
भाये
ऩय
ऩशु भालरकों को
त्रफक्री
अर्धकतभ 5000
रुऩमे प्रतत भिेशी
क
े
लरमे
लसयफोझ
द्िाया
जाने
उऩरब्धता क अनसाय र्गयी, ऩडी, भयी
े
ु
आर्थिक सहामता उऩरब्ध कयिामी
औय सखी रकड़ी राने की सविधा है ।
ू
ु
जाती है । मोजना सॊऩणि भध्मप्रदे श भें
ू
वन्म-प्राखणमों द्वाया जन हातन कयने ऩय
रागू है ।
ऺततऩततक
ू
मोजना
उद्दे श्म- िन्म जीिों द्िाया हभरा होने
सहामता ऩाने क लरमे मह आिश्मक है
े
ऩय सहामता।
कक- 1. तनजी ऩशु भाये जाने ऩय सचना
ू
मोजना का स्वरूऩ औय कामकऺेत्र तथा
सभीऩ क िन अर्धकायी को घटना क 48
े
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कक्रमान्वमन- मोजना भें िन्मप्राणणमों क
े
घॊटे क अॊदय दी गई हो। 2. भाये गमे
े
हभरे से ककसी व्मस्तत क घामर मा
े
भिेशी/ऩशु को भाये गमे थथान से नहीॊ
भत होने ऩय आर्थिक सहामता ददमे जाने
ृ
हटामा गमा हो तथा उसक शयीय ऩय
े
का प्रािधान है ।
ककसी प्रकाय का रेऩ नहीॊ ककमा गमा हो
प्रबावित घामर मा भत व्मस्तत क
े
ृ
मा उसक घाि ऩय विर् न बय ददमा गमा
े
िैधातनक प्रतततनर्ध सऺभ शासकीम
हो। 3. भिेशी क भाये जाने की घटना का
े
र्चककत्सक क प्रभाण-ऩत्र क आधाय ऩय
े
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सत्माऩन, िन विबाग क अर्धकायी, जो
े
तनम्नानसाय ऺततऩतति ऩा सकते हैंु
ू
कभ से कभ वन ऩरयऺेत्राधधकायी क ऩद
े
1. भत्मु हो जाने ऩय 50 हजाय रुऩमे
ृ
का हो, द्िाया ककमा गमा हो। साथ ही
तथा इराज ऩय हुआ व्मम।
मह बी प्रभाणणत ककमा गमा हो कक
2. घामर होने ऩय रुऩमे 10,000
भिेशी- शेय, तें दए, जॊगरी कत्ते, जॊगरी
ु
ु
(अर्धकतभ)
हाथी द्िाया भाया गमा है ।
3. थथामी रूऩ से अऩॊग होने ऩय रुऩमे
सॊऩक- प्रकयण
क
37500 एिॊ इराज ऩय हुआ व्मम।
द्िाया लरणखत रूऩ भें तनकटतभ िन
4. घामर होने ऩय तात्कालरक सहामता
अर्धकायी को दी जाने चादहए।
500 रुऩमे तथा भत्मु होने ऩय रुऩमे
ृ
तें दऩत्ता सॊग्राहकों क मरमे साभाजजक
े
ू
1000/- तत्कालरक आर्थिक सहामता
सयऺा सभह फीभा मोजना
ु
ू
ऩरयिायजनों को दे ने का प्रािधान है , जो
उद्दे श्म- तें दऩत्ता सॊग्राहकों की भत्मु
ू
ृ
कर ऺततऩतति भें सभामोस्जत की
ू
ु
होने की स्थथतत भें आर्श्रतों/ऩरयिायजनों
को आर्थिक सहामता क रुऩ भें ।
े
कक्रमान्वमन
की
जामेगी। मोजना सॊऩणि प्रदे श भें रागू है ।
ू
भालरक
मोजना का स्वरूऩ औय कामकऺेत्रनाभाॊककत व्मस्तत को 3500 रुऩमे
प्रदाम ककमे जाते हैं। दघटना क कायण
े
ु ि
भत्मु होने की स्थथतत भें 25 हजाय रुऩमे
ृ
उत्तयार्धकारयमों को प्राप्त होता है । मदद
कोई सॊग्राहक दघटना क कायण आॊलशक
े
ु ि
रूऩ से विकराॊग हो जाता है , तो उस
स्थथतत भें 12,500
रुऩमे औय ऩणि
ू
विकराॊग होने ऩय उसे मा उसक
े
उत्तयार्धकायी को रुऩमे 25 हजाय की
यालश उऩरब्ध कयाई जाती है । मह
मोजना सॊऩणि प्रदे श भें रागू है ।
ू
भध्मप्रदे श याज्म रघु िनोऩज सॊघ
द्िाया तें दऩत्ता सॊग्राहकों का फीभा
ु
कयामा जाता है । ऩात्र द्रहतग्राही- 18 से
60 िर्ि क फीच की आमु क सबी तें दऩत्ता
े
े
ु
सॊग्राहक।
सम्ऩक- सॊफर्धत रघु िनोऩज सलभतत।
क
ॊ
राब उद्दे श्म- और्धीम ऩौधों की खेती
लरणखत जानकायी तत्कार सभीऩथथ
एिॊ विऩणन को फढािा दे ना।
िन अर्धकायी को दे ना अतनिामि है ।
द्वाया
सचना
ू
प्रकक्रमा-
औषधीम ऩौधों क भाध्मभ से आधथकक
े
ववशेष- सादे आिेदन भें घटना की
वन्म-प्राखणमों
की
मोजना का स्वरूऩ व कामक ऺेत्र- प्रोजेतट
तनजी
रागत की 30 प्रततशत मा रुऩमे 9.00
भवेशी/ऩशओॊ को भाये जाने ऩय सहामता
ु
राख जो बी कभ हो, तक का वित्तीम
मोजना का स्वरूऩ औय कामकऺेत्र- िन्म
अनदान उऩरब्ध कयामा जाता है ।
ु
प्राणणमों द्िाया घये रू तनजी ऩशओॊ को
ु
मोजना का कामिऺेत्र सॊऩणि प्रदे श है ।
ू
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