madhya pradesh sanskriti MARCH 2014 | Page 29

भध्मप्रदे शसॊस्कृतत सकते हैं। 4. थिमॊ क उऩमोग अथिा े भाये ऩय ऩशु भालरकों को त्रफक्री अर्धकतभ 5000 रुऩमे प्रतत भिेशी क े लरमे लसयफोझ द्िाया जाने उऩरब्धता क अनसाय र्गयी, ऩडी, भयी े ु आर्थिक सहामता उऩरब्ध कयिामी औय सखी रकड़ी राने की सविधा है । ू ु जाती है । मोजना सॊऩणि भध्मप्रदे श भें ू वन्म-प्राखणमों द्वाया जन हातन कयने ऩय रागू है । ऺततऩततक ू मोजना उद्दे श्म- िन्म जीिों द्िाया हभरा होने सहामता ऩाने क लरमे मह आिश्मक है े ऩय सहामता। कक- 1. तनजी ऩशु भाये जाने ऩय सचना ू मोजना का स्वरूऩ औय कामकऺेत्र तथा सभीऩ क िन अर्धकायी को घटना क 48 े े कक्रमान्वमन- मोजना भें िन्मप्राणणमों क े घॊटे क अॊदय दी गई हो। 2. भाये गमे े हभरे से ककसी व्मस्तत क घामर मा े भिेशी/ऩशु को भाये गमे थथान से नहीॊ भत होने ऩय आर्थिक सहामता ददमे जाने ृ हटामा गमा हो तथा उसक शयीय ऩय े का प्रािधान है । ककसी प्रकाय का रेऩ नहीॊ ककमा गमा हो प्रबावित घामर मा भत व्मस्तत क े ृ मा उसक घाि ऩय विर् न बय ददमा गमा े िैधातनक प्रतततनर्ध सऺभ शासकीम हो। 3. भिेशी क भाये जाने की घटना का े र्चककत्सक क प्रभाण-ऩत्र क आधाय ऩय े े सत्माऩन, िन विबाग क अर्धकायी, जो े तनम्नानसाय ऺततऩतति ऩा सकते हैंु ू कभ से कभ वन ऩरयऺेत्राधधकायी क ऩद े 1. भत्मु हो जाने ऩय 50 हजाय रुऩमे ृ का हो, द्िाया ककमा गमा हो। साथ ही तथा इराज ऩय हुआ व्मम। मह बी प्रभाणणत ककमा गमा हो कक 2. घामर होने ऩय रुऩमे 10,000 भिेशी- शेय, तें दए, जॊगरी कत्ते, जॊगरी ु ु (अर्धकतभ) हाथी द्िाया भाया गमा है । 3. थथामी रूऩ से अऩॊग होने ऩय रुऩमे सॊऩक- प्रकयण क 37500 एिॊ इराज ऩय हुआ व्मम। द्िाया लरणखत रूऩ भें तनकटतभ िन 4. घामर होने ऩय तात्कालरक सहामता अर्धकायी को दी जाने चादहए। 500 रुऩमे तथा भत्मु होने ऩय रुऩमे ृ तें दऩत्ता सॊग्राहकों क मरमे साभाजजक े ू 1000/- तत्कालरक आर्थिक सहामता सयऺा सभह फीभा मोजना ु ू ऩरयिायजनों को दे ने का प्रािधान है , जो उद्दे श्म- तें दऩत्ता सॊग्राहकों की भत्मु ू ृ कर ऺततऩतति भें सभामोस्जत की ू ु होने की स्थथतत भें आर्श्रतों/ऩरयिायजनों को आर्थिक सहामता क रुऩ भें । े कक्रमान्वमन की जामेगी। मोजना सॊऩणि प्रदे श भें रागू है । ू भालरक मोजना का स्वरूऩ औय कामकऺेत्रनाभाॊककत व्मस्तत को 3500 रुऩमे प्रदाम ककमे जाते हैं। दघटना क कायण े ु ि भत्मु होने की स्थथतत भें 25 हजाय रुऩमे ृ उत्तयार्धकारयमों को प्राप्त होता है । मदद कोई सॊग्राहक दघटना क कायण आॊलशक े ु ि रूऩ से विकराॊग हो जाता है , तो उस स्थथतत भें 12,500 रुऩमे औय ऩणि ू विकराॊग होने ऩय उसे मा उसक े उत्तयार्धकायी को रुऩमे 25 हजाय की यालश उऩरब्ध कयाई जाती है । मह मोजना सॊऩणि प्रदे श भें रागू है । ू भध्मप्रदे श याज्म रघु िनोऩज सॊघ द्िाया तें दऩत्ता सॊग्राहकों का फीभा ु कयामा जाता है । ऩात्र द्रहतग्राही- 18 से 60 िर्ि क फीच की आमु क सबी तें दऩत्ता े े ु सॊग्राहक। सम्ऩक- सॊफर्धत रघु िनोऩज सलभतत। क ॊ राब उद्दे श्म- और्धीम ऩौधों की खेती लरणखत जानकायी तत्कार सभीऩथथ एिॊ विऩणन को फढािा दे ना। िन अर्धकायी को दे ना अतनिामि है । द्वाया सचना ू प्रकक्रमा- औषधीम ऩौधों क भाध्मभ से आधथकक े ववशेष- सादे आिेदन भें घटना की वन्म-प्राखणमों की मोजना का स्वरूऩ व कामक ऺेत्र- प्रोजेतट तनजी रागत की 30 प्रततशत मा रुऩमे 9.00 भवेशी/ऩशओॊ को भाये जाने ऩय सहामता ु राख जो बी कभ हो, तक का वित्तीम मोजना का स्वरूऩ औय कामकऺेत्र- िन्म अनदान उऩरब्ध कयामा जाता है । ु प्राणणमों द्िाया घये रू तनजी ऩशओॊ को ु मोजना का कामिऺेत्र सॊऩणि प्रदे श है । ू 27