madhya pradesh sanskriti MARCH 2014 | Page 22
भध्मप्रदे शसॊस्कृतत
पसरों/ककथभों
राबकायी
क
े
थथान
दरहनी/ततरहनी
ऩय
तथा
लरए रगने िारा व्मम शासकीम
होगी।
अनदान क रूऩ भें दे म होगा।
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ु
खाद्मान्न पसरों क उन्नत एिॊ
े
सम्ऩक- थथानीम
क
अर्धक उत्ऩादन दे ने िारी पसरों क
े
विथताय अर्धकायी।
फीज उऩरब्ध कयाकय उत्ऩादकता एिॊ
खेत ताराफ मोजना
उत्ऩादन फढाकय उनकी आर्थिक
उद्दे श्म- कृवर् क सभग्र विकास क
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स्थथतत
लरमे सतही तथा बलभगत जर की
ू
सधायना।
ु
मोजना
का
ग्राभीण
कृवर्
कामिऺेत्र सॊऩणि भध्मप्रदे श।
ू
उऩरब्धता को फढाना।
फीज की अदरा फदरी- कृर्क द्िाया
मोजना का
ददमे गमे अराबकायी फीज क फदरे भें
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भध्मप्रदे श भें ।
राबकायी दरहनी/ततरहनी पसरों
ऩात्र द्रहतग्राही- सभथत िगि क कृर्क
े
का उन्नत फीज (1 है तटय को सीभा
(भात्र एक खेत ताराफ क लरमे
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तक) प्रदान ककमा जामेगा। कृर्क को
अनदान।)
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उनक फीज क फयाफय उसी पसर का
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मोजना का स्वरूऩ- मोज