June 2025_DA | Page 6

जन्मदिन( 28 मई) पर विशेष

डा. विवेक आर्य

क्रतां हरी एक क््वशेष महत्व रखतता है ।

क्तकताररी ्वरीर सता्वरकतार कता स्थान भतारतरीय स्वतंत्तता संग्राम में अपनता
सता्वरकर जरी पर लगे आरोप भरी अद्वितरीय थे और उन्हें क्मलरी सजता भरी अद्वितरीय थरी । एक तरफ उन पर आरोप थता क्क अंग्ेज सरकतार के क््वरुद्ध यतुद्ध करी योजनता बनताने कता, बम बनताने कता और क््वक्भन्न देशों के क्रतांक्तकतारियों से समपक्क करने कता तो दूसररी तरफ उनको सजता क्मलरी थरी पूरे पचतास ्वष्ण तक दो सश्म आजरी्वन कतारता्वतास । इस सजता पर उनकरी प्रक्तक्क्रयता भरी अद्वितरीय थरी क्क ईसताई मत को मतानने ्वतालरी अंग्ेज सरकतार कब से पतुनर्जन्म अथता्णत दो जन्मों को मतानने लगरी । ्वरीर सता्वरकर को पचतास ्वष्ण करी सजता देने के परीछे अंग्ेज सरकतार कता मंतवय थता क्क उन्हें क्कसरी भरी प्रकतार से भतारत अथ्वता भतारतरीयों से दूर रखता जताए, क्जससे ्वह क्रतांक्त करी अग्नि को न भड़कता सके । सता्वरकर के क्लए क्श्वताजरी महतारताज प्रेरणता स्ोत थे ।
क्जस प्रकतार औरंगजेब ने क्श्वताजरी महतारताज को आगरता में कैद कर क्लयता थता, उसरी प्रकतार अंग्ेज सरकतार ने भरी ्वरीर सता्वरकर को कैद कर क्लयता थता । जैसे क्श्वताजरी महतारताज ने औरंगजेब करी कैद से छुटने के क्लए अनेक पत् क्लखे, उसरी प्रकतार से ्वरीर सता्वरकर ने भरी अंग्ेज सरकतार को पत् क्लखे । जब उनकरी अंडमतान करी कैद से छुटने करी योजनता असफल हतुई, जब उसे अनसतुनता कर क्दयता गयता, तब ्वरीर क्श्वताजरी करी तरह ्वरीर सता्वरकर ने भरी कूटनरीक्त कता सहतारता क्लयता कयोंक्क उनकता मताननता थता अगर उनकता समपूण्ण जरी्वन इसरी प्रकतार अंडमतान करी अंधेररी कोठरियों में क्नकल गयता तो उनकता जरी्वन वयथ्ण हरी चलता जताएगता । इसरी रणनरीक्त के तहत उन्होंने सरकतार से सशर्त मतुकत होने करी प्रताथ्णनता करी, क्जसे सरकतार द्वारता मतान तो क्लयता गयता । उन्हें रत्ताक्गररी में 1924 से 1937 तक रताजनरीक्तक षिेत् से दूर नज़रबंद रहनता थता । क््वरोधरी लोग इसे ्वरीर सता्वरकर कता मताफरीनतामता, अंग्ेज सरकतार के आगे घतुिने टेकनता और देशद्रोह आक्द कहकर उनकरी आलोचनता करते हैं जबक्क यह तो आपतातकतालरीन धर्म अथता्णत
कूटनरीक्त थरी ।
मतुससलम तुष्टिकरण को प्रोत्साहन देने के क्लए अंग्ेज सरकतार ने अंडमतान द्वीप के करीक्त्ण सतमभ से ्वरीर सता्वरकर कता नताम हिता क्दयता और संसद भ्वन में भरी उनके चित्र को लगताने कता क््वरोध क्कयता । जरी्वन भर क्जन्होंने अंग्ेजों करी यतातनताएं सहीं, मृत्यु के बताद उनकता ऐसता अपमतान करने कता प्रयतास क्कयता गयता । उनकता क््वरोध करने ्वतालों में कुछ दक्लत ्वग्ण करी रताजनरीक्त करने ्वताले नेतता भरी थे, क्जन्होंने अपनरी रताजनरीक्तक महत्वताकतांक्षा को पूरता करने के क्लए उनकता क््वरोध क्कयता ।
दक्लत ्वग्ण के मधय कताय्ण करने कता ्वरीर सता्वरकर कता अ्वसर उनके रत्ताक्गररी प्र्वतास के समय क्मलता । 8 जन्वररी 1924 को सता्वरकर जरी जब रत्ताक्गररी में प्रक््वषि हतुए तो उन्होंने घोषणता क्क ्वह रत्ताक्गररी दरीघ्णकताल तक आ्वतास करने आए है और छुआछूत समतापत करने कता आन्दोलन चलताने ्वताले है । उन्होंने उपससथत सज्जनों से कहता क्क अगर कोई अछूत यहतां हो तो उन्हें ले आए और अछूत महतार जताक्त के बंधतुओं को अपने सताथ बैलगताड़री में बैठता क्लयता । सतामताक्जक कार्यों के सताथ सताथ धताक्म्णक कार्यों में भरी दक्लतों के भताग लेने कता और स्वण्ण ए्वं दक्लत दोनों के क्लए पक्ततपता्वन मंक्दर करी स्थापनता कता क्नशचय क्लयता गयता । क्जससे सभरी एक स्थान पर सताथसताथ पूजता कर सके और दोनों के मधय दूरियों को दूर क्कयता जता सके ।
रत्ताक्गररी प्र्वतास के दस-पंद्रह क्दन के बताद सता्वरकर जरी को मढ़ियता में हनतुमतान जरी करी मूक्त्ण करी प्रताण प्रक्तष्ठा कता क्नमंत्ण क्मलता । उस मंक्दर के दे्वल पतुजताररी से सता्वरकर जरी ने कहता क्क प्रताण प्रक्तष्ठा के कताय्णक्रम में दक्लतों को भरी आमंत्रित क्कयता जताए । उनकरी बतात को सभरी ने स्वरीकतार कर क्लयता । मोरेश्वर दतामले नतामक क्कशोर ने सता्वरकतार जरी से पूछता क्क आप इतने सताधतारण मनतुषय से वयथ्ण इतनरी चचता्ण कयों कर रहे थे? इस पर सता्वरकर जरी ने कहता क्क सैंकड़ों लेख यता भताषणों करी अपेक्षा प्रतयषि रूप में क्कए गए कार्यों कता परिणताम अक्धक होतता है । अबकरी हनतुमतान जयंतरी के क्दन ततुम स्वयं देख लेनता । 29 मई 1929 को रत्ताक्गररी में श्रीसतयनतारतायण कथता कता आयोजन क्कयता गयता, क्जसमें सता्वरकर
जरी ने जताक्त्वताद के क््वरुद्ध भताषण क्दयता । इससे लोग प्रभताक््वत होकर अपनरी-अपनरी जताक्तगत बैठक को छोड़कर दक्लतों के सताथ एकत्रित होकर बैठ गए और सतामतान्य जलपतान हतुआ ।
1934 में मताल्वतान में अछूत बस्ती में चतायपतान, भजन करीत्णन, अछूतों को यज्ञप्वरीत ग्हण, क््वद्यतालय में समसत जताक्त के बच्ों को क्बनता क्कसरी भेदभता्व के बैठतानता, सहभोज आक्द हतुए । इसरी तरह 1937 में रत्ताक्गररी से जताते समय सता्वरकर जरी के क््वदताई समतारोह में समसत भोजन अछूतों द्वारता बनतायता गयता, क्जसे सभरी सवर्णों- अछूतों ने एक सताथ ग्हण क्कयता थता । एक बतार क्शरगतां्व में एक दक्लत के घर पर श्रीसतयनतारतायण
6 twu 2025