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करी बेड़ियों में जकड़े हतुए थे । उनके अनतुसतार दक्लतों, क्जन्हें संक््वधतान में अनतुसूक्चत जताक्त कहता गयता है । असपृशयतता के बंधन से मतुकत करनता थता और उनके सतर को सतामताक्जक, शैक्षिक तथता आक्थ्णक क्पछड़ापन दूर करके ऊपर उठतानता थता । इस उद्ेशय को प्रतापत करने हेततु उन्होंने क्बनता क्कसरी रुकता्वि के क्नम्न सतर से कताय्ण प्रतारमभ क्कयता ।
उन्होंने दक्लतों को अपने नेतृत्व के अंतर्गत संगक्ठत करने और उनमें एकतता पैदता करने के क्लए देश और क््वदेश कता भ्रमण क्कयता । उन्होंने इस उद्ेशय के क्लए क्बनता थकता्वि और रुकता्वि के भताषण क्दए तथता क्लखता । इस प्रकतार मई ' 1936, में बमबई में महतारों के हतुए एक सममेलन में उन्होंने अधयषि के रूप में अपनता पचतास पृषठों
कता भताषण क्दयता । उन्होंने दक्लतों के अक्धकतारों के समर्थन में क््वसतृत और क्नश्वतायक पत्, ज्ञतापन, प्रतारूप, घोषणताएं और योजनताएं प्रस्तुत करी । सताइमन कमरीशन के समषि उनके सताक्य, लंदन में आयोक्जत भतारतरीय गोलमेज सममेलन के दोनों सत्ों के समषि प्रस्तुत प्रतारूप क्दए गए भताषण और इन सबसे ऊपर संक््वधतान के समषि प्रस्तुत पत्ों और क्दए गए भताषणों ने उनके समतुद्र के समतान क््वसतृत सं्वैधताक्नक ज्ञतान और भतागरीरथरी प्रयतासों करी पुष्टि करी । यह भतारतरीय सं्वैधताक्नक इक्तहतास कता एक अंग हैं । उन्होंने अपने पूरे जरी्वन कताल में अपनरी मतातृभूक्म के लोगों को स्वतंत्तता, समतानतता, तथता भताईचतारे कता रतास्ता क्दखताने के क्लए हेततु संघर्ष और कुबता्णनरी करी ।
डता. आंबेडकर को अपने उद्ेशय करी सपषि जतानकताररी थरी । अनतुसूक्चत जताक्तयों को समतानतता क्दलताने के क्लए उनकता पहलता कदम इनके हताथों में रताजनरीक्तक शसकत देनता थता । रताजनरीक्तक शसकत उन्हें तभरी प्रतापत हो सकतरी है, जबक्क सरकतार उनकरी बतात सतुने । मन्दिर में प्र्वेश कता मतुद्दा प्रतासंक्गक थता । क्कन्ततु उनके अनतुसतार रताजनरीक्तक अक्धकतारों करी समस्या मन्दिर प्र्वेश करी समस्या से अक्धक महत्वपूर्ण थरी । इसक्लए उनके सतामताक्जक उत्थान, आक्थ्णक उन्नक्त और शैक्षिक क्पछड़ेपन को दूर करनता- यह सभरी अनतुसूक्चत जताक्तयों के रताजनरीक्तक सत्ता प्रतापत करने से उपलबध करी जता सकतरी है ।
ब्रिक्िश सरकतार करी भतारत के मतामले में सदै्व फूट डतालो और रताज करो करी नरीक्त रहरी । इसे एक क्सद्धतांत द्वारता कतायम रखता जतातता थता क्क दो समतुदतायों द्वारता अपनरी भलताई के क्लए सताथ-सताथ मतदतान नहीं क्कयता जता सकतता । अकतूबर ' 1908 में भतारत के तत्कालरीन ्वतायसरताय क्मन्िो ने सेक्रेटररी आफ सिेि से क्सफतारिश करी थरी क्क मतुसलमतानों के क्लए अलग क्न्वता्णचन षिेत् मंजूर क्कए जताने चताक्हए । उन्होंने क्लखता थता क्क " भतारतरीय मतुसलमतान क्कसरी धताक्म्णक संस्था से ऊपर हैं । इनकता ्वतास्तव में एक अलग समतुदताय है, क्जनके क््व्वताह, भोजन, ररीक्त-रर्वताज अलग- अलग हैं और अन्य कई मतामलों में यह क्हन्दतुओं के समतुदताय से अलग है ।"
यह क््वकतास श्ृखंलता के प्रतारसमभक केन्द्र कता द्योतक है क्जससे अंततः 1947 में भतारत कता खूनरी क््वभताजन हतुआ और दो पृथक देश बने । इस नरीक्त के दतुषयभता्वों को भतारतरीय नेतताओं ने आरंभ में हरी पहचतान क्लयता थता ।
गोपताल कृषण गोखले ने कहता थता क्क " जताक्तयों तथता पंथों करी पहचतान करने के क्सद्धतांत को सरकतार करी ओर से प्रोतसताक्हत करने करी आ्वशयकतता नहीं हैं कयोंक्क इसके कतारण क्हतों कता क््वभताजन हरी इस देश में अक्नषि कता कतारण रहरी हैं ।" कदम-दर-कदम साम्प्रदताक्यक दता्वों करी पहचतान और साम्प्रदताक्यक क्हत हरी भतारत में ब्रिक्िश रताजय करी आधतारभूत नरीक्त कता अंग बन
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