इसे खतारिज करते हैं । लेक्कन डता. आंबेडकर ने हर स्वताल कता बहतुत क््वस्तार से ज्वताब क्दयता । तो चक्लए शतुरू करते हैं-
्या आर्यन एक अलग जाति थी?
आर्यन आक्रमण क्सद्धतांत कता समर्थन करने ्वताले सबसे पहलरी धतारणता यह है क्क‘ आर्यन’ एक अलग‘ जताक्त’ थरी क्जसने भतारत पर आक्रमण क्कयता और मूल भतारतरीय जताक्त पर हमलता क्कयता क्जसे तब‘ दस्यु’ कहता जतातता थता । इस प्रश्न कता उत्र देने के क्लए, डता. आंबेडकर ने दोनों दृसषिकोणों कता ह्वतालता क्दयता, एक दृसषिकोण जो आर्यन आक्रमण क्सद्धतांत कता समर्थन करतता है और दूसरता दृसषिकोण जो आर्यन आक्रमण क्सद्धतांत कता क््वरोध करतता है । जताक्हर है क्क दोनों दृसषिकोण पूररी तरह से क््वरोधताभतासरी थे, इसक्लए उन्होंने ऋग्वेद करी ग्वताहरी जताननता सबसे अच्छा समझता । उन्होंने ऋग्वेद को इसक्लए चतुनता कयोंक्क यह सबसे पतुरतानता ्वेद है और इसकरी ग्वताहरी सभरी को स्वरीकतार होगरी ।
ऋग्वेद को अपने मत कता आधतार बनताकर, डता. आंबेडकर ने एक अ्वलोकन क्कयता । ्वैक्दक सताक्हतय करी जतांच से पतता चलतता है क्क ऋग्वेद में दो शबद हैं- एक आर्य( आर्य) क्जसमें छोिता‘ अ’ है और दूसरता आर्य( आर्य) क्जसमें लंबता‘ अ’ है । आर्य( आर्य) शबद क्जसमें छोिता‘ अ’ है, ऋग्वेद में 88 स्थानों पर प्रयोग क्कयता गयता है । इसकता प्रयोग क्कस अर्थ में क्कयता जतातता है? इस शबद कता प्रयोग चतार अलग-अलग अथयों में क्कयता जतातता है: शत्रु, सममताक्नत वयसकत, भतारत कता नताम और मताक्लक, ्वैशय यता नतागरिक । लंबे ' अ ' ्वताले शबद( आर्य) कता प्रयोग ऋग्वेद में 31 स्थानों पर क्कयता गयता है । लेक्कन इनमें से क्कसरी में भरी इस शबद कता प्रयोग जताक्त के अर्थ में नहीं क्कयता गयता है ।
इसक्लए डता. आंबेडकर ने समझतायता क्क ' आर्य ' और ' आर्य ' दोनों शबदों कता प्रयोग कई अलग- अलग अथयों में क्कयता जतातता है, लेक्कन इनमें से क्कसरी भरी शबद कता प्रयोग जताक्त के अर्थ में नहीं क्कयता गयता है । इसक्लए, डता. आंबेडकर ने क्नषकष्ण क्नकतालता क्क पू्व्णगतामरी चचता्ण से, एक क्नक््व्ण्वताद
क्नषकष्ण जो क्नकलतता है ्वह यह है क्क ्वेदों में आने ्वताले ' आर्य ' और ' आर्य ' शबदों कता प्रयोग नस्लीय अर्थ में क्बलकुल भरी नहीं क्कयता गयता है । डता. आंबेडकर ने अपने दृसषिकोण को मजबूत करने के क्लए मैकसमूलर को भरी उद्धृत क्कयता । यह आम धतारणता है क्क मैकस मूलर ने आर्यन आक्रमण क्सद्धतांत कता समर्थन क्कयता थता, लेक्कन यह पूररी सच्चाई नहीं है । उन्होंने समय-समय पर अपने क््वचतार क््वकक्सत क्कए । जैसता क्क डता. आंबेडकर ने मैकस मूलर को उद्धृत क्कयता, जहतां उन्होंने कहता क्क रकत में कोई आर्यन जताक्त नहीं है; ्वैज्ञताक्नक भताषता में आर्यन, जताक्त के क्लए पूररी तरह से अनतुपयतुकत है । इसकता मतलब भताषता है और भताषता के अलता्वता कुछ नहीं और अगर हम आर्यन जताक्त करी बतात करते हैं, तो हमें पतता होनता चताक्हए क्क इसकता मतलब आर्यन भताषण से ज़़्यादता कुछ नहीं है । इसक्लए डता. आंबेडकर ने न के्वल खतुद तथ्यों के सताथ सपषि क्कयता क्क‘ आर्यन’ कोई‘ जताक्त’ नहीं है, बसलक उन्होंने मैकसमूलर को भरी उद्धृत क्कयता, जो इस बतात से सहमत थे क्क‘ आर्यन’ कोई जताक्त नहीं बसलक भताषण है ।
आर्कटिक होम थयोरी मेरे जैसे लोगों के क्लए जो आर्यन आक्रमण
क्सद्धतांत कता क््वरोध करते हैं,‘ जताक्त’ पर ज्वताब देने के बताद अगलरी चतुनलौतरी आर्कक्िक होम थ्योररी है । संषिेप में समझताने के क्लए, आर्कक्िक होम थ्योररी कहतरी है क्क ्वेद मूल रूप से आर्कक्िक षिेत् के हैं, न क्क भतारत के । श्री क्तलक और कई अन्य क््वद्वानों ने इस दृसषिकोण कता समर्थन क्कयता । लेक्कन डता. आंबेडकर ने इस क्सद्धतांत कता ज्वताब बड़ी सहजतता से क्दयता । उन्होंने कहता क्क यह, बेशक, एक बहतुत हरी मलौक्लक क्सद्धतांत है । के्वल एक क्बंदतु है क्जसे अनदेखता क्कयता गयता लगतता है । घोड़ा ्वैक्दक आययों कता पसंदरीदता जतान्वर है । यह उनके जरी्वन और उनके धर्म से सबसे अक्धक जतुड़ता हतुआ थता । अश्वमेध यज्ञ में रताक्नयों ने घोड़े के सताथ संभोग करने के क्लए एक-दूसरे से होड़ करी, यह दशता्णतता है क्क ्वैक्दक आययों के जरी्वन में घोड़े ने क्या स्थान प्रतापत क्कयता थता । प्रश्न यह है क्क क्या घोड़ा आर्कक्िक षिेत् में पतायता जतातता थता? यक्द उत्र नकतारतातमक है, तो आर्कक्िक होम क्सद्धतांत बहतुत अनिश्चित हो जतातता है ।
डता. आंबेडकर ने इस आर्कक्िक होम थ्योररी कता शतानदतार ढंग से क््वरोध क्कयता । जैसता क्क आपने पढ़ा है, उन्होंने एक बहतुत हरी ्वैध प्रश्न उठताकर इस क्सद्धतांत कता क््वरोध क्कयता । जैसता क्क
twu 2025 35