कवर स्टोरी
गार्जियन ' अर्थात ' राषट्रीय संरक्षक ' बन कर सामने आए हैं । वह विकसित भारत के उन चार सतमभों को दृढ़ करने में लगे हुए हैं, जिनमें गरीब, युवा, किसान और महिला को रखा गया है । केंद्र सरकार की अधिकांश योजनाएं चार सतंभों को उन्त करने का काम कर रही हैं ।
देश की बदलती दिशा एवं दशा
विकसित भारत का मार्ग देश के सबसे कमजोर नागरिकों के निरंतर सशक्तकरण में निहित है । अंतिम वयक्त तक विकास की पहुंच, मानव पूंजी का पोषण और समावेश के द्ारा गरिमा को बढ़ावा देते हुए केंद्र सरकार ' सबका साथ, सबका विकास, सबका विशवास, सबका प्रयास ' के दृकषटकोण से काम कर रही है । देश की गरीब, दलित, पिछड़े एवं आदिवासी वर्ग के
साथ ही आम जनमानस के जीवन में बड़े परिवर्तन देखे जा सकते हैं । देश के 15.59 करोड़ ग्ामीण घरों में अब नल का पानी कने्शन हैं, जबकि आठ राजयों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में सभी घरों में नल से पानी की आपूर्ति की जा रही है । इसी तरह लगभग 4 करोड़ आवास का निर्माण पूरा हो चूका है और 92.35 लाख घर गरीब लोगों को सौंपे जा चुके हैं, जिनमें से 90 लाख से ज़यािा महिलाओं के घर हैं । सौभागय योजना के अंतर्गत 2.86 करोड़ घरों में बिजली का पहुंचना, ग्ामीण क्षेत्रों में औसतन 22.6 घंटे बिजली आपूर्ति, 12 करोड़ घरेलू शौचालय का निर्माण, 5.64 लाख गांवों को ओडीएफ पलस घोषित होना, आयुषमान भारत योजना में 55 करोड़ लोगों का जुड़ना, 81 करोड़ लाभार्थियों को मुफत राशन, उज्वला योजना के तहत 10.33 करोड़ से अधिक
एलपीजी कने्शन प्रधानमंत्री सववनवध के तहत 68 लाख ऋण का ऋण 76.28 लाख ववरिेताओं को दिया जाना, 1.57 लाख सटाट्टअप को मानयता, प्रधानमंत्री विशवकर्मा योजना में 2.37 मिलियन कारीगर का जुड़ना आदि वह उपलकबधयां हैं, जो दर्शाती हैं कि देश बदल रहा है ।
समापत हो रही है गरीबी
हाल ही में अंतरा्मषट्रीय मुद्रा कोष( आईएमएफ) की एक रिपोर्ट में भारत में अतयवधक गरीबी को प्रभावी ढंग से समापत करने का श्ेय मोदी सरकार को दिया गया । संयु्त राषट्र विकास काय्मरिम( यूएनडीपी) द्ारा जारी 2023 वैकशवक बहुआयामी गरीबी सूचकांक( एमपीआई) ने भारत में बहुआयामी गरीबी के सभी दस संकेतकों में उललेखनीय गिरावट की पुकषट की । यह उपलकबधयां मोदी सरकार के विकासवादी नारे के एक उस नए युग को दर्शाती हैं- जो समानता पर आधारित है, आंकड़ों द्ारा पुषट हैं और प्रतयेक नागरिक की सेवा करने के
20 tqykbZ 2025