जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव
हैं; एक तरफ ईमर खाथलद, ऄथनबरन की सरीखे तकर शील छाि हैं, दूसरी तरफ थहंसक धमकी के वीथडओ प्रसाररत करने वाले एबीवीपी के लंपट; संक्षेप में एक तरफ थवचार की स्वतरिता के समथरक तथा दूसरी तरफ स्वतरिता के दमन के समथरक. अज के ऄखबार, पथिकाओं, वेब पोटरल्स के थर्कलथपंग कल के आथतहासकारों की शोध सामाग्री हैं. जेएनय तथा कट्टर राष्ट्रोंिाद
आस प्रकरण से राष्प्रवाद तथा देशभथक्त पर; ऄथभव्यथक्त स्वतंिता तथा ईसकी पर; सांस्कृ थतक ईत्सवों की
अजादी तथा सास्कृ थतथतक पहरेदारी पर एक व्यापक बहस थछड गयी है. हर प्रथतकू लता में कु छ ऄनुकू लताएं थछपी होती हैं. थवकासवाद के फू ट चुके गुब्बारे, थवश्व बैंक को राष्प्रीय संप्रभुता समथपरत करने के मंसूबों, गरीबों की सथब्सडी खत्म कर कॉपोरेट को बैंकों का खजाना लुटाने, थशक्षा को गैट्स में शाथमल करने के मंसूबों से ध्यान हटाने के थलए तथा पररसरों के भगवाकरण के मकसद से सरकार तथा संघ के संगठनों ने देशद्रोह का हव्वा खडाकर पररसरों पर धावा बोल थदया. रोथहत की शहादत ने जय भीम तथा लाल सलाम के नारों की एकता स्थाथपत की. यह एकता वक़्त की जरूरत है. यह प्रतीकात्मक एकता मार्कसरवाद तथा ऄंबेडकरवाद की बहुप्रतीथक्षत एकता के पथप्रशस्तक संभावनाओं की द्योतक है. सामाथजक रयाय तथा अथथरक रयाय की लडाइ थमलकर ही लडी जा सकती है. 18 फरवरी के थवशाल प्रदशरन में भाग लेने अए जाने-माने कथव मनमोहन ने सही कहा था थक रोथह की शहादत ने सोते शेरों को जगा थदया.
भाजपा नेताओं तथा सोसल मीथडया के मोदी भक्तों को पढ-सुन कर देश की थकश्मत पर रोना अता है तथा आनकी थववेकहीनता पर हंसी. भाजपा सांसद, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मांग की है थक थवश्वथवद्यालय के नाम से जवाहरलाल नेहरू का नाम हटा देना चाथहए र्कयोंथक वे थवद्वान नहीं थे और थवश्वथवद्यालय को 4 महीने बंद कर देशद्रोथहयों का सफाया करना चाथहए. जाथहर है थजनके शीषर थवद्वान माधवराव सदाथशव गोल्वकर तथा दीनदयाल ईपाध्याय हों वे भारत के एक माि बुथिजीवी प्रधानमंिी को कै से थवद्वान मान सकते हैं? भारत की खोज( सडर्सकवरी ऑफ इांसडया) तथा दुसनया की झलसकयाां( सललम्पेसेज़ ऑफ द वल्डट) की बात न की बात न भी करें तो ईनकी एक आत्मकथा( ऐन
ऑटोवायोग्राफी) जॉन स्टुऄटर थमल की द ऑटोबायोग्राफी के समकक्ष एक र्कलाथसक अत्मकथा के दजे में अती है. गोलवल्कर ने ऄपनी चथचरत पुस्तक सव ऑर आवर नेशनहुड सडफाइांड मौथलक भूथवज्ञान का नमूना पेश करते हुए ईिरी
ध्रुव को थबहार-ईडीसा में प्रथतस्थाथपत करते हैं तथा थहंदुओं को ऄंग्रेजी राज के थवरोध में उजार न व्यय कर थहटलर का ऄनुशरण की थहदायत देते हैं. दीनदयाल ईपाध्याय भी गोलवल्कर के पद-थचरहों पर चलते हुए मनुस्मृथत को दुथनया की सबसे ऄच्छी तथा रयायपूणर कानून की थकताब मानते हैं. बौि दशरन पर मातृधमर के साथ गदे ारी का अरोप लगाते हैं तथा धमर पर अधाररत राज्य की थहमायत करते हैं. ई. प्र. में भाजपा शासन में गोरखपुर थवथव का नाम दीनदयाल के नाम कर थदया गया. यहां संघ के ग्रंथों की समीक्षा करना मकसद नहीं है थसफर संघ के थवचारकों की बौथिक थवसंगथतयों की तरफ आशारा करना है थजससे फनके ऄनुयाथययों के बौथिक स्तर पर अियर न हो.
व्यवस्था की थवसंगथतयों पर सवाल करने के साहस तथा थनभीक हो ऄसहमथत की ऄथभव्यथक्त को ऄंजाम देने
तथा एक शोषण तथा ऄंधथवश्वास से मुक्त खुशहाल भारत का सपना देखने वाले जेएनयू के छािों पर देशद्रोह का मुकदमा ठोक थदया जाता है. औपथनवेथशक शासन के आस काले कानून को रदे ी की टोकरी में डालने की बजाय सरकारें आसका ईपयोग थवरोथधयों के दमन के थलए करती रही हैं. गौरतलब है थक ऄंग्रेजी हुर्कमरानों ने आसी कानून के तहत थतलक, गांधी तथा भगत थसंह जैसे स्वतरिता सेनाथनयों को बंद थकया था. ये छाि कामगारों, कृ षकों, अथदवाथसयों, दथलतों, मथहलाओं एवं गरीबों के संगठनों के साथ थमलकर भावी क्रांथत के सूिधार हैं । मैं देशद्रोही करार सभी छािों को जानता ह ं, कु छ को बहुत करीब से तथा गारंटी के साथ कह सकता ह ं थक ये
क्रांथतकारी छाि भारत को दुख-दारुण, शोषण खुद को रयोछावर कर देंगे, मुल्क की बबारदी क आसीथलए तो वे थशक्षा पर साम्राज्यवादी तथा भ
तब से यमुना में बहुत गंदा पानी बह चुक
हदों पर रोचक बहस थछड गयी है. एक तर चररिहनन. कइ गहरी जानकारी वाले लेख ज्ञानवधरक लेख थलखे तथा थलख रहे हैं । जेए गोयबेथल्सयन अलाप कर रहे हैं.
वस्तुमस्थमत
मनुवाद( ब्राह्मणवाद) के थहरदुत्ववादी ल हजारों वषर का ऐथतहाथसक तथा आसकी पररभा रूप से थशक्षा की सावरभौथमक सुलभता तथा पररसरों की संरचना में अमूल पररवतरन अ ऄप्रासंथगक बनाने के थलए थशक्षा संस्थाओं थविपोथषत संस्थाओं पर एबीवीपी के माध्यम
अइअइटी के ऄंबेडकर-पेररयार स्टडी सकर ल था थक वे प्रधानमंिी मोदी के थवरुि ऄसंतोष फ
पररसरों के भगवाकरण की थदशा में ईच्च थशक्षा संस्थानों में डायरेर्कटर / कु लपथत ब की अवाजों के दबाना शुरू थकया. मद्रास के का प्रथतरोध पहले से ही ऄदम्पय बना हुअ है. तथा जेयनयू आसका कें द्र बन गया. जेयनयू में बहाने गुजरात में प्रलय मचाकर मोदी ने सिा ह
रोथहत की संस्थागत हत्या तथा देशद्र के थलए मंहगा साथबत हो रहा है. आससे थवश्व स्
ईच्चतर ऄकादथमक संस्थाओं के लोकतांथिक ला थदया ईससे भी बडी बात वामपंथी संगटन कु लपथत ने जो अरएसएस से ऄपने संबंध पर
प्रोफे सर संदीप पाण्डेय की सेवा को समाप्त क आरहे थनकालते वक्त यह घोषणा की थक वे ब ऄपराधी ऄप्पा राव थक वापसी तथा छािों के सरकार ढीली नहीं पडने वाली है. दमन के बाव
Vol. 2, issue 14, April 2016. व ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.