जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव
सारांश
ववजय कु मार( पीएच. डी कोसष वकष-छात्र), डॉ बाबा साहब अंबेडकर वसदो-कान्हू मुमु ष दवलत एवं जनजावत अध्ययन कें द्र,
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय वहन्दी ववश्वववद्यलया, वधाष
भारतीय उच्च शिक्षा कज ज क का ज रारानी ह. उ उधारणवरूपर- नालंदा और तक्षिीला शूश्वशूद्यालय शूश्व वरतर रर अरनी एक उच्च कोटी शक रहचान बनाई थीउ भारतीय शूश्वशूद्यालय का ू तमान ढांचा और व्यूवरथा में का छ खाशमया आई हैउ राष्ट्रीय मूलयांकन एूं प्रत्यायन रररषद क अनासार भारत क 68 % शूश्वशूद्यालय और 90 % महाशूद्यालय गाणूत्ता कज दृशि सक दोयम दजे क ह. उ सूाल यह उठता है शक ऐसक कौन सक कारण है शक यह शवरथशत बन रही हैउ इस शूषय को गहराई सक जााँचनक सक यह रता चलता है शक कही न कही उच्च शिक्षा में प्रिासन, प्रबंधन और नकतृत्ू में कमी आ रही ह. उ हमारक इस िोध में इस सक जा क माद्दक को व्यारकता एूं प्रभाू रर ज़ोर शदया गया हैउ साथ ही आज क संदभत( प्रिासन, प्रबंधन और नकतृत्ू सक जा क माद्दक) में महात्मा गांधी क शूचारों कज प्रासंशगकता उच्च शिक्षा में शकस प्रकार शलया जा सकता ह. उ इस रर भी िोध अध्ययन में प्रवरतात शकया गया ह. उ
कीवडडषस: उच्च शिक्षा, प्रिासन, प्रबंधन, शूश्वशूद्यालय, महात्मा गांधी,
प्रस्तावना
भारत में िैशक्षक प्रिासन संूैधाशनक व्यूवरथा का अनागमन करता ह.. जब हम,‘ भारतीय उच्च शिक्षा’ में प्रिासन, प्रबंधन और नकतृत्ू सक जू क माद्दक कज नीशत कज बात करतक ह.. तो इस नीशत को समझनक क शलए भारतीय शूश्वशूद्यालय एूं महाशूद्यालय में प्रिासन को दो ूगो में शूभाशजत शकया जा सकता ह.. क) आंतररक प्रिासन एूं शनयंत्रण व्यूवरथा, ख) बाहरी प्रिासन एूं शनयंत्रण. बाहरी प्रिासन क अंतग त 1) कें द्र सरकार, 2) शूश्वशूद्यालय अनादान आयोग, 3) राष्ट्रीय िैशक्षक अनासंधान एूं प्रशिक्षण रररषद 4) अंतशूश्वशूद्यालय रररषद अथूा भारतीय शूश्वशूद्यालय संघ 5) राज्य सरकार 6) शनजी अशभकरण आता ह.. एूं आंतररक प्रिासन क अंतग त समान्य पर सक तीन प्रिासन सशमशतयों का गठन होता ह.. 1) सीनकट या कोटत 2) शसंडी क ट या कायतकाररणी रररषद 3) अकादशमक काउंशसल. इसका उत्तरदायी आंतररक प्रिासन क शलए का लसशचू एूं अधीनवरथ कमतचारी होतक ह.. उच्च शिक्षा में प्रबंधन कें द्र सरकार क द्वारा मानू संसाधन मंत्रालय, शूश्वशूद्यालय अनादान आयोग, राज्य सरकार, शूश्वशूद्यालय का शूत्तशूभाग, क द्वारा प्रबंधन िैशक्षक, आशथतक एूं सामाशजक, पर सक शकया जाता ह.. उच्च शिक्षा में नकतृत्ू शूश्वशूदलय क द्वारा ू छात्र प्रशतशनशध क द्वारा शकया जाता ह.. ू तमान समय में उच्चा शिक्षा में भारतीय शूश्वशूद्यालय शूश्व क टॉर 50-100 तक भी नहीं
रह ाँच रा रही ह.. शजस कारण उच्च शिक्षा में प्रकार सक वरूाभाशूक भी ह.. इस कारण शूश्वशू श र सक रूणत शूचार करनक का ूक्त शमला ह.. जो
प्रिासन में ढीलारन आना शूश्वशूद्यालय का वरतर का शगरना, उच्च शिक्षा क शलए बजट का कम ह नकतृत्ू क्षमता का कमी होना, आशद.
महात्मा गांधी के ववचारों के द्वारा
ू तमान समय में महात्मा गांधी क शूचारों सक जा सकता है. उच्च शिक्षा में सामाशजक शि शिक्षा को जो कर उच्च शिक्षा में हो रहक र नैशतकता क वरतर रर बदलाू लाया जा सकता
शोध समस्या
व्यजतित्व शिऺा
आध्याजत्मक शिऺा
महात्मा ग
Vol. 2, issue 14, April 2016. व ष 2, अंक 14, अप्रैल 2016. Vol. 2, issue 14, April 2016.