Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 137

जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिका / Jankriti International Magazine( बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
जनकृ ति अंिरराष्ट्रीय पतिक
( बाबा साहब डॉ. भीमराव अ
14 ऄप्रैल को बाबा साहब डा. भीम राव अंब समाज सुधारक और ऄथाशास्त्री की जयंती, वज में शुमार वकया जाता है | ईनका जन्म महार ज ऄछू त जावत मानी जाती थी | डा. अंबेडकर क‘ महू सैन्य छावनी’ में पद-स्थावपत थे | जावहर भेदभाव और श्रेष्ठता बोध के लक्षण सामान्य ववपरीत पररवस्थवतयों से गुजरना पड़ा होगा, सम
डा. अंबेडकर बचपन से ही पढने में बहुत तेज से ईन्होंने मैविक की परीक्षा ईत्तीणा की और व व्यवि थे | बम्बइ ववश्व-ववद्यालय से स्नातक वमल गयी, और वे अगे की पढाइ के वलए कोलंवबया, लन्दन स्कू ल अि आकोनावमक्स औ ईस समय हावसल की जा सकती रही | बी. ए ईनकी झोली में थी | पढाइ के बाद डा. अंबेड भी ऄच्छी नौकरी वमल सकती थी | लेवकन समाधान यहीं रहकर वकया जा सकता था |
डा. अंबेडकर ने वह चुनौती स्वीकार की | ब वखलाि, तथा सामावजक समानता के पक्ष में ब ईवललवखत ऄमानवीय भेदभावों को चुनौती द जब तक हम आस सम्पूणा वणा-व्यवस्था को नह का वनमााण संभव नहीं हो सके गा | आन्ही अधा हररजनों के ईत्थान की बात करते हैं और भेदभ के खात्मे के सवाल पर चुप्पी साध लेते हैं | आस हैं |
ईन्होंने समाज के वंवचत तबके के वलए पृथक हुअ | बाद में महात्मा गांधी ने डा. ऄम्बेडकर अन्दोलन दोनों ही साथ-साथ चलते रहे | देश
Vol. 2, issue 14, April 2016.