Jankriti International Magazine vol1, issue 14, April 2016 | Page 127
जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine
ISSN 2454-2725
(बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
ISSN 2454-2725
(बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंिी पर समतपिि अंक)
गइ 7 ददसंबर को चौपाटी समद्रु तट पर बौद्ध िैली मे ऄंदतम संस्कार दकया गया दजसमें सैकडों हजारों समथमकों,
कायमकतामओ ं और प्रिसं कों ने भाग दलया।
मृत्यपु रांत ऄ्बेडकर के पररवार मे ईनकी दसू री पत्नी सदवता ऄ्बेडकर रह गयी थीं जो, जन्म से ब्राह्मण थीं पर ईनके
साथ ही वो भी धमम पररवदतमत कर बौद्ध बन गयी थी दववाह से पहले ईनकी पत्नी का नाम िारदा कबीर था सदवता
ऄ्बेडकर की एक बौद्ध के रूप में सन 2002 में मृत्यु हो गइ, ऄ्बेडकर के पौि, प्रकाि यिवतं ऄ्बेडकर, भाररपा
बहुजन महासंघ का नेतत्ृ व करते है और भारतीय संसद के दोनों सदनों मे के सदस्य रह चक
ु े है कइ ऄधरू े टंकदलदपत
और हस्तदलदखत मसौदे ऄ्बेडकर के नोट और पिों में पाए गए है आनमें वैदटंग फ़ोर ए वीसा जो संभवतः 1935-36 के
बीच का अत्मकथानात्मक काम है औरऄनटचेबल, ऑर द दचल्रन ऑफ आदं डयाज़ घेट्टो जो 1951 की जनगणना से
सबं दं धत है।
एक स्मारक ऄ्बेडकर के ददल्ली दस्थत ईनके घर 26 ऄलीपरु रोड में स्थादपत दकया गया है ऄ्बेडकर जयतं ी पर
सावमजदनक ऄवकाि रखा जाता है 1990 में ईन्हें मरणोपरांत भारत के सवोच्च नागररक स्मान भारत रत्न से
स्मादनत दकया गया है कइ सावमजदनक संस्थान का नाम ईनके स्मान में ईनके नाम पर रखा गया है जैसे हैदराबाद,
अध्रं प्रदेि का डॉ॰ ऄ्बेडकर मक्त
ु दवश्वदवद्यालय, बी अर ऄ्बेडकर दबहार दवश्वदवद्यालय- मजु फ्फरपरु , डॉ॰
बाबासाहेब ऄ्बेडकर ऄतं रराष्ट्रीय हवाइ ऄड् डा नागपरु में है, जो पहले सोनेगांव हवाइ ऄड् डे के नाम से जाना जाता
था ऄ्बेडकर का एक बडा अदधकाररक दचि भारतीय संसद भवन में प्रददिमत दकया गया है।
मबंु इ मे ईनके स्मारक हर साल लगभग पाूँच लाख लोग ईनकी वर्मगांठ (14 ऄप्रैल) पण्ु यदतदथ (6 ददस्बर) और ध्म
चक्र पररवतमन् ददन 14 ऄक्टूबर नागपरु में, ईन्हे ऄपनी ्द्धांजदल ऄदपमत करने के दलए आकट्ठे होते है सैकडों पस्ु तकालय
स्थादपत हो गये है और लाखों रुपए की पस्ु तकें बेची जाती है ऄपने ऄनयु ादययों को ईनका सदं ि
े था !' वशविि बनो,
संगविि रहो, संघषष करो।
ग्रामीण जीवन पर अम्बेडकर बनाम गांधी –
ऄ्बेडकर, महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ईग्र अलोचक थे ईनके समकालीनों और अधदु नक
दवद्वानों ने ईनके महात्मा गांधी (जो दक पहले भारतीय नेता थे दजन्होने ऄस्पृश्यता और भेदभाव करने का मद्दु ा सबसे
पहले ईठाया था) के दवरोध की अलोचना है गांधी का दिमन भारत के पारंपररक ग्रामीण जीवन के प्रदत ऄदधक
सकारात्मक, लेदकन रूमानी था और ईनका दृदष्टकोण ऄस्पृश्यों के प्रदत भावनात्मक था ईन्होने ईन्हें हररजन कह कर
पक
ु ारा ऄ्बेडकर ने आस दविलेर्ण को दसरे से ऄस्वीकार कर ददया ईन्होंने ऄपने ऄनयु ादययों को गांव छोड कर िहर
जाकर बसने और दिक्षा प्राप्त करने के दलए प्रेररत दकया।
Vol.2, issue 14, April 2016.
जनकृति अंिरराष्ट्रीय पतिका/Jankriti International Magazine
वषष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.
दवरासत - ऄ्बेडकर की सामादजक और राजनैदतक सधु ारक की दवरासत का अधदु नक भारत पर गहरा प्रभाव पडा है
स्वतंिता के बाद के भारत मे ईनकी सामादजक और राजनीदतक सोच को सारे राजनीदतक हलके का स्मान हादसल
हुअ ईनकी आस पहल ने जीवन के दवदभन्न क्षेिों मे अज के भारत की सोच को प्रभादवत दकया ईनकी यह् सोच अज
की सामादजक, अदथमक नीदतयों, दिक्षा, काननू और सकारात्मक कारम वाइ के माध्यम से प्रददिमत होती है एक दवद्वान
के रूप में ईनकी ख्यादत ईनकी दनयदु क्त स्वतंि भारत के पहले काननू मिं ी और संदवधान मसौदा सदमदत के ऄध्यक्ष के
रूप में कराने मे सहायक दसद्ध हुयी ईन्हें व्यदक्त की स्वतंिता में ऄटूट दवश्वास था और ईन्होने समान रूप से रूदढ़वादी
और जादतवादी दहदं ू समाज और आस्लाम की सक
ं ीणम और कट्टर नीदतयों की अलोचना की है ईसकी दहदं ू और आस्लाम
की दनंदा ने ईसको दववादास्पद और ऄलोकदप्रय बनाया है, हालांदक ईनके बौद्ध धमम मे पररवदतमत होने के बाद भारत में
बौद्ध दिमन में लोगों की रुदच बढ़ी है।
ऄ्बेडकर के राजनीदतक दिमन के कारण बडी संख्या में ददलत राजनीदतक दल, प्रकािन और कायमकताम संघ
ऄदस्तत्व मे अये है जो परू े भारत में सदक्रय रहते हैं, दविेर् रूप से महाराष्ट्र में,ईनके ददलत बौद्ध अदं ोलन को बढ़ावा
देने से बौद्ध दिमन भारत के कइ भागों में पनु जामगररत हुअ है ददलत कायमकताम समय समय पर सामदू हक धमम पररवतमन के
समारोह अयोदजत ईसी तरह करते रहते है दजस तरह ऄ्बेडकर ने 1956 मे नागपरु मे अयोदजत दकया था।
कुछ दवद्वानों, दजनमें से कुछ प्रभादवत जादतयों से है का दवचार है दक ऄग्रं ेज ऄदधकतर जादतयों को एक नज़र से देखते
थे और ऄगर ईनका राज जारी रहता तो समाज से काफी बुराइयों को समाप्त दकया जा सकता था यह राय ज्योदतबा
फुले समेत कइ थी सामादजक कायमकतामओ ं ने रखी है।
अधदु नक भारत में कुछ लोग, ऄ्बेडकर के द्वारा िरू
ु दकए गए अरक्षण को ऄप्रासांदगक और प्रदतभा दवरोधी मानते
है।
ऄ्बेडकर के बाद दपछले वर्ों में लगातार बौद्ध समहू ों और रूदढ़वादी दहदं ओ
ु ं के बीच दहसं क सघं र्म हुये है 1994 में
मबंु इ में जब दकसी ने ऄ्बेडकर की प्रदतमा के गले में जतू े की माला लटका कर ईनका ऄपमान दकया था तो चारों
ओर एक सांप्रदादयक दहसं ा फै ल गयी थी और हडताल के कारण िहर एक सप्ताह से ऄदधक तक बरु ी तरह प्रभादवत
हुअ था जब ऄगले वर्म आसी तरह की गडबडी हुइ तो एक ऄ्बेडकर प्रदतमा को तोडा गयातदमलनाडु में उंची जादत
के समहू भी बौद्धों के दखलाफ दहसं ा में लगे हुए है आसके ऄलावा, कुछ पररवदतमत बौद्धों ने दहदं ओ
ु ं के दखलाफ मोचाम
खोल ददया (2006, महाराष्ट्र में ददलतों द्वारा दवरोध) और दहदं ू मदं दरों मे गन्दगी फै ला दी और देवताओ ं के स्थान पर
ऄ्बेडकर के दचि लगा ददये
Vol.2, issue 14, April 2016.
वषष 2, अंक 14, अप्रैल 2016.