Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका
सरकार की गैर बराबरी बढ़ाने वाली मशक्षा
नीमतः अतीत से वतामान तक- एकता [शोध
आलेख]
मशक्षा, स म ं वधान एवं पाठ्यक्रम : एक
प न ु मवाचार- अधेंदु [शोध आलेख]
21 वी शताब्दी में मह द ं ी सामहत्य मशक्षि:
मनीर्ष खारी [शोध आलेख]
ISSN: 2454-2725
‘दौड़’ उपन्यास में बाजारवाद: अमनता
यादव
त्यागपत्र उपन्यास में अमभव्यक्त व्यमक्त और
समाज के सहसम्बन्ध: कल्पना मसंह राठौर
परश र ु ाम की प्रतीक्षा: चीनी आक्रमि स
उपजा क्षोभ- डॉ. गीता कमपल
श्रीलाल श क् ु ल के उपन्यास ‘रागदरबारी’ का
सामामजक अध्ययन: डॉ. कमल कृ ष्ट्ि
िमिामसयक सिषय/ Current Affairs
भारत में आपदा प्रबंधन का संस्थागत एव
प्रशासमनक ढा च ं ा: लमलत यादव [लेख]
मकन्नर समाज: सम्मान की दरकार- व द ं ना
शमाा [शोध आलेख]
हमथयारों के कारोबार के बाद मानव तस्करी
मवश्व भर में तीसरा सबसे बड़ा संगमठत
अपराध है।: अनीता ममश्रा 'मसमद्ध’ [लेख]
रामवृक्ष बेनीप र ु ी की रचनाओ ं में भारतीय
स स् ं कृ मत की झलक: मववेक कुमार
‘कुछ भी तो रूमानी नहीं’ कहानी स ग्र ं ह म
स्त्री पात्रों के जीवन का उभरता सच:
कुलदीप
मीरा और समाज : एक प न ु म ाल् ू या क
न- डॉ.
सोमाभाई पटेल
‘अमननगभा ’ उपन्यास और नक्सलवादी
िोध आलेख / Research Article
राममवलास शमाा और नामवर मसंह की
आलोचना ्टमसे का त ल
नात्मक अध्ययन:
अमृत कुमार
‘रागदरबारी’ और ‘नागपवा’ उपन्यासों का
मवचारधारा: मोमहनी पाण्डेय
प्रेमचंद-सामहत् य में मानवेत् तर चेतना: डॉ.
मीनाक्षी जयप्रकाश मसंह
पहर दोपहर : मफ़ल्मी द म ु नया का यथाथा:
स्वामत चौधरी
त ल
नात्मक अध्ययन: राजमनमतक एव
सामामजक पररप्रेक्ष्य में- म द ु मस्सर अहमद भट्ट
Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017.
वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017