िंपादक की कलम िे ....
Jankriti International Magazine / जनकृ सत अंतरराष्ट्रीय पसिका ISSN : 2454-2725
िंपादक की कलम िे ....
मवगत कु छ महीनों में देश का घटनाक्रम तेजी से पररवमतात हुआ है । लगातार सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं की तरफ से जारी ररपोटों को देखकर यह आभास होने लगा है मक मजन व्यापक उम्मीदों के साथ 2014 में जनता ने बीजेपी को बहुमत मदया वह उम्मीदें कहीं न कहीं अब मबखर रही हैं । देश में लगातार सामने आए घोटालों से त्रस्त होकर जनता ने बीजेपी को सत्ता की कमान सौंपी परंतु मोदी सरकार के जन मवरोधी फै सलों से जनता में धीरे-धीरे अमवश्वास पैदा हुआ है । मकसान , मजदूर , छात्र , मनम्न वगा के व्यापारी मोदी सरकार के फै सलों से नाखुश है । हालांमक अभी यह कहना मक चुनावों पर इस अमवश्वास का प्रभाव पड़ेगा यह जल्दबाज़ी होगी ।
सवाप्रथम छात्रों की ्टमसे से मोदी सरकार के तीन सालों का आंकलन मकया जाए तो मनराशा हाथ लगती है । नॉन नेट फ़े लोमशप का मुद्दा हो या यूजीसी द्वारा उच्च मशक्षा में सीट कटौती का या मफर जेएनयू , जाधवपुर , मदल्ली मवश्वमवद्यालय में देशभक्त बनाम देशद्रोही का मववाद हो मवगत 3 वर्षों में शैक्षमिक संस्थान अमस्थर रहे हैं । छात्र मवमभन्न मुद्दों को लेकर सड़क पर आयें हैं इसका एक मवशेर्ष कारि सरकार के अहम मंत्रालय MHRD की अप्रभावी कायाकाल भी है । मकसान की बात करें कजा के बोझ और सरकार की मदशाहीन नीमतयों की वजह से मकसान की हालत अत्यंत खराब है । यूपीए सरकार के दौरान ही स्वामीनाथन आयोग की मसफ़ाररशें लागू करने की मांग उठी । मोदी सरकार ने भी 2014 में मकसानों को लेकर बड़े वायदे मकए लेमकन इन तीन वर्षों में स्वामीनाथन आयोग की मसफ़ाररशें लागू करने में असमथाता जामहर करना एवं मकसानों ने मलए कोई ठोस योजना न बना पाने के कारि कु छ महीनों से मकसानों का गुस्सा सड़क पर
देखने को ममला है । मध्य प्रदेश , राजस्थान , महाराष्ट्र , तममलनाडु के मकसानों का सड़क पर मवरोध दजा करना इस बात का गवाह है मक मकसान मोदी सरकार की नीमतयों से नाखुश है । मोदी सरकार ने नवंबर 2016 में भ्रसेाचार , कालेधन , आतंकवाद पर प्रहार करने हेतु नोटबंदी की , मजसको प्रारम्भ से ही शंका से देखा जा रहा था ऐसे में आरबीआई द्वारा नोटों की मगनती में देरी , नोटबंदी को प्रभावी रूप से लागू न कर पाने के कारि इसके दुष्ट्पररिाम भारतीय अथाव्यवस्था पर देखने को ममले । मनरंतर यह खबरें आयीं मक नोटबंदी की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हुए तथा छोटे व्यापार बंद होने के कागार पर आ गए । इस बीच सरकार दावा कर रही है मक नोटबंदी का सकारात्मक प्रभाव आगे देखने को ममलेगा । इसी बीच जुलाई 2017 में मोदी सरकार ने एक कर व्यवस्था के तहत जीएसटी को लागू मकया इसको लागू करने में भी जल्दबाज़ी देखने को ममली । व्यापाररयों ने इसका स्वागत भी मकया तो इसकी जमटलताओं को लेकर मवरोध भी हुआ । यह मवरोध और अमधक मुखर होकर तब उभरा जब भारत की जीडीपी में दो प्रमतशत की मगरावट दजा की गयी । इस मगरावट का कारि नोटबंदी तथा जीएसटी को माना गया । जीएसटी को लेकर भी सरकार ने दावा मकया है मक इसका सकारात्मक प्रभाव आगे देखने को ममल सकता है ।
मोदी सरकार ने स्कील इंमडया , मडमजटल इंमडया , स्वच्छ भारत अमभयान जैसी योजनाएँ भी मनकाली , मजसमें स्वच्छ भारत अमभयान मोदी सरकार की सबसे सफल योजना कही जा सकती है । मोदी सरकार को मवशेर्ष तौर पर महन्दू-मुमस्लम मववाद , गौ हत्या , लव मजहाद जैसे मुद्दों से हटकर अपनी योजनाओं की सफलता पर ध्यान देने की आवश्यकता है । इसके मलए बेहद जरूरी है है मक मोदी सरकार जनता के साथ संवाद स्थामपत करे अन्यथा सरकार के प्रमत असंतोर्ष बढ़ता जाएगा । अभी मोदी सरकार के पास 2 वर्षा का
Vol . 3 , issue 27-29 , July-September 2017 . वर्ष 3 , अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017