Jankriti International Magazine Jankriti Issue 27-29, july-spetember 2017 | Page 29

Jankriti International Magazine/ जनकृसत अंतरराष्ट्रीय पसिका स्वयं बड़े डाकू ह मजनकी गा व ं में प्रच्छन्न प्रधानी ह और राजधानी स सीधा सम्पक कान न ू का सम्मान और स व ं द े नशीलता ईमानदारों में ह लेमकन वे बड़े असहाय मक कै से चोर को छुड़ाया जाय ! .................................. ISSN: 2454-2725 ये ह हमारी ऋतु पावस! _____________________ िम्पकक ः एि 2/564 सिकरौल िाराणिी 221002 मो. 9415295137 .................................... मुहािरों में सज़ंदगी _________________ जल में रहकर मगर से बैर नहीं करत मबल्ली के गले में घ ट ं ी कौन बांधेगा जैसे म ह ु ावरों से सामना हो रहा ह मकसी ने सच ही कहा ह और यह भी म ह ु ावरा हो गया ह मक जो डर गया वह मर गया। ___________________ ऋतु पािि ______________ वह ध प ू जो बाहर सब जला द वह उमस जो अ द ं र सब अकुला द मफर वह बाररश जो अ द ं र-बाहर एक-सा लहरा द जल-लय कर दे सांन्द्र सरस ये ह ये ह Vol. 3 , issue 27-29, July-September 2017. वर्ष 3, अंक 27-29 जुलाई-सितंबर 2017